Monday 9 March 2015

Ek Shuruwat 6

मुझे ऐसा लग रहा था जैसे की उसने बिना लंड के मेरी गांड मार दी हो फिर उसमे निम्बू मिर्च लगा रही हो।
अब हम तीनो साथ में थे पुरे 4 घंटे तक तो मुझे रीता से बात करने का मौका ही नहीं मिला उसके बाद हम पास में ही माँल में घुमने गए थे तब नेहा जब चेंज रूम गई तभी हमारी बात हुई।
रीटा : बहन की लौड़ी, बाप का राज़ समझ कर आ गई वो भी बिना बताये हमारे प्लान की माँ चोदने।
मैं : कैसे भी कुछ करके 1 दिन के लिए कॉलेज ऑफ कर दे ताकि मैं तुझे छू तो सकू।
रीटा : वो नहीं हो सकता मेरे कॉलेज में भी तो अभी असाइनमेंट चल रहे ह
अब मेरा मूड और दिमाग दोनों ही ख़राब हो गए थे। हम लोगो ने बाहर खाना खाया और फिर घर आ गए। अब सोने की बारी आई तो फिर नेहा ने अपनी टांग अड़ा दी और बोली : हम दोनों रूम में सो जाते है तू बाहर हाल में सो जा।
मैं कुछ कह भी नहीं सकता था तो मेने कहा ठीक है और फिर मेने बैग से लैपटॉप निकला और गेम शुरू कर दिया।
रीटा ने कहा : इधर वाई फाई है ला मैं ओं कर दू और मेरा लैपटॉप लेकर बगल में बैठ गई नेहा हमारे सामने थी। रीटा ने उसपे टाइप किया आज तो सोजा कल का कुछ देखते है। मैं भी कोई प्लान बनती हु तू भी बना कुछ तो रास्ता निकलेगा मेरे जानू।
फिर उसने वाई फाई ओं कर के नेहा का हाथ पकड़ा और अन्दर ले गई। रीटा का फ्लैट 1 बेडरूम + हाल ( जिधर मैं अकेला पडा था) था। मेने कई देर तक प्लानिंग करने की कोशिश की कुछ नहीं हुआ फिर मैंने सेक्सी कहानियो की साईट खोल ली और पड़ने लगा। उनमे से एक कहानी थी जिसमे 4-5 अनजान लोग ताश का गेम खेलते है जो बाद में काफी कामुक हो जाता है। मुझे अब कुछ आस दिखाई दे रही थी। मेने अपना लंड बाहर निकला और मुठ मारने लगा। फिर झड गया तो वीर्य को रीटा की सहेली का पजामा जो उधर ही पड़ा था उससे साफ़ करके सो गया सुबह उठा तो देखा 9 बज गए थे और वो दोनों जाने को तैयार थी।

वो दोनों निकल गई मैं भी नहाने धोने चला गया करीबन 1-2 घंटे बाद मेने रीटा को फ़ोन किया और उसे सारी बात समझा दी। और मेने पीछे से अपनी तरफ से तैयारी कर ली और शाम होने का इंतज़ार करने लगा।

नेहा ने रीटा को 4 बजे ले लिया। रास्ते में रीटा ने मेरे कहे अनुसार काम शुरू कर दिया।
रीटा : दीदी, एक बात बताओ क्या आप पीती हो?
नेहा : क्या मतलब?
रीटा : आप शराब पीती हो क्या?
नेहा : क्यों?
रीटा : आज मेरी एक सहेली बोल रही थी की वो कल 4-5 पेग खीच गई और फिर गाडी भी चला ली। मुझे तो वो झूटी लगी मैं तो 3 पेग में ही टल्ली हो जाती हु।
नेहा : हाँ मैं भी इतनी ही ले पाती हु, पर किसी किसी की कैपेसिटी होती है।
रीटा : आज अपन भी ट्राई करे?
नेहा : पागल घर पर वो भी तो है?
रीटा : उसके साथ तो मैं पी चुकी हु उसकी कोई प्रॉब्लम नहीं है।
नेहा : कब पी तुम दोनों ने? और हम सब किधर थे उस वक़्त?
रीटा : अरे जब एडमिशन के लिए आये थे तब। आप लोगी क्या मैं तो आज लगा कर ही रहूगी।
नेहा : चल ठीक आज रात को लेते है बोल कौनसी लेती है?
रीटा : मेरे घर पे बोटल पड़ी है।
घर पर मैं पहले से ही बोटल ले आया था।
रीता : मैं नॉन वेज का भी आर्डर दे देती हु। आप को चलेगा ना?
नेहा : हाँ कोई दिक्कत नहीं पर मेरे लिए वेज आर्डर कर देना।
रीटा ने फ़ोन करके आर्डर दे दिया।
वो घर पे आये घर आते ही रीटा बोली आज तो पार्टी करते है।
मेने नाटक करते हुए नेहा की तरफ देखा। नेहा बोली : इसने मुझे बता दिया है ऐसे क्या देख रहा है।

मेने ग्लास निकाले और रीटा ने बोटल ( मेने उसे जगह बता दी थी). फिर हम बैठे और मेने 3 ग्लास में पेग बनाये और पानी डाल कर पेग तैयार कर दिया।
नेहा : यार मुझे तो कोल्ड ड्रिंक में चाहिए पानी से चढ़ जाती है।
मैं : ले कर आता हु(अपना पेग निचे रखा और खड़ा होने लगा )
रीटा : किधर जा रहा है बैठ निचे, दीदी आप भी ना। उसे पीते को उठा रही हो। पी लो चढ़ भी गई तो बस हम ही तो है क्या घबराना।( ये सब हमने पहले से ही तय कर रखा था )
नेहा : ठीक है। पर मैं कुछ उल्टा सीधा कर दू तो मुझे दोष न देना।
फिर हमने पेग उठाये और चीयर किया। रीटा बोली : एक ही बार में पीना पड़ेगा जो नहीं पिएगा उसको एक पेग एक्स्ट्रा वो भी नीट ....
हम तीनो ने पेग खीच लिया। मैंने दूसरा भी बना दिया और बोला अब आराम से। फिर मेने लैपटॉप पर गाने चला दिए और हम बात करने लगे। तभी खाना भी आ गया। नेहा ने खाना लिया बिल दे दिया। नेहा पहले पेग में ही हिल गई थी पहली बार पानी में वो भी एक साथ .... उसके लिए काफी था। उसकी चाल ने बता दिया था अब मैं और रीटा अपनी कामयाबी पे मुस्कुरा दिए।
फिर करीबन 30 मं तक दूसरा पेग चलता रहा। दुसरे पेग के बाद नेहा पे दारु का सुरूर था पर रीटा क्युकि आये दिन पीती थी वो होश में थी उसने मुझे आँख मारी।
मेने प्लान का दूसरा चरण शुरू किया।
मैं : क्या यार कैसी बोरिंग पार्टी हो रखी है ...
नेहा : हाँ यार कुछ करते है ..
रीटा : क्यों ना ताश खेले तीन पत्ती ...
मैं और नेहा हाँ सही है।
मेने बेग से ताश निकल ली।
मैं : खेलने से पहले रूल्स .... कोई भी गेम नहीं छोड़ सकता अगर पैसे ख़त्म तो जीतने वाला जो कहे वो करना पड़ेगा। और एक्स्ट्रा पैसे भी नहीं ला सकता सब 200-200 रूपये ले कर बैठगे और पहली चाल 10 की होगी।
रीता और नेहा ठीक है।
गेम शुरू हुआ पहला गेम में सबके पत्ते बेकार थे और सिर्फ 30 रूपये की बोली थी जो j से नेहा ने जीती .
अगली बारी में मेरे और नेहा के पत्ते अच्छे थे।
मेरे पास 2 इक्के थे और उसके पास 2 बेगम तो गेम लम्बा चला और मैं 100 रूपये जीता।
अब नेहा के पास 150 ही बचे थे अगली बारी में मेरे पास फिर 2 इक्के थे और 1 दुग्गी .... मेने 200 की चाल चल दी।
रीटा के पास भी 2 इक्के थे और 1 बादशाह उसने मुझे हरा दिया। अब मेरे पास सिर्फ 90 रूपये बचे थे और नेहा ने पेक कर दिया था उसके पास 140 थे।
अगली बाजी में नेहा जीती ..... कुछ देर तक युही चलता रहा फिर मैं अपने सारे पैसे रीटा से हार गया।
अगली बारी फिर मैं हारा और नेहा जीत गई। अब नेहा को मुझे सजा देनी थी।
नेहा : तू मुर्गा बन जा ...
मैं : ये क्या है मैं नहीं बनता (मेरी चाल थी)
रीटा : करना तो पड़ेगा रूल तूने ही बोला था चल बन जा .....
मैं गया और 1 मिनट के लिए मुर्गा बन गया। नेहा कुकड़ू कू बोल
मैं : मुर्गा गुंगा है।
फिर गेम शुरू हुआ मेने कहा नेहा तुझे मैं देख लुगा। अबकी बार मैं जीता मेरे पास फिर से 40 रूपये थे।
अगली बाज़ी में मेरे पत्ते खराब थे सो मेने पेक कर दिया।
पर नेहा के पास इक्का बादशाह और बेगम थी उसने आल इन कर दिया।
रीटा के पास भी यही थ पर कलर में वो जीत गई।
अगली बाज़ी फिर मैं जीता और सबसे गंदे पत्ते नेहा के थे। अब मेरी बारी थी बदला लेने की मेने कहा : नेहा अब तुझे ये मुर्गा खाना पड़ेगा और उसे चिकन का एक टुकड़ा दे दिया। (मुझे रीटा ने sms पर बता दिया था की उसे नॉन वेग नहीं चलता)
नेहा : मैं नहीं खाती ये सब ....
मैं : मैं भी मुर्गा नहीं बनता था पर बना था ना ...
रीटा : यार कुछ और करवा ले ...
मैं : नहीं
मेने कहा मुझसे कोई रियायत नहीं बरती गई इसलिए मैं भी कोई रियायत नहीं बरतने वाला।
रीटा ने भी अपना दांव खेला और नेहा को बोल खा लो थोडा सा ये नहीं मानाने वाला और नेहा को कान में बोल सिर्फ मुह से अड़ा ले और इसकी खबर अपन दोनों लेते है। नेहा ने जैसा रीटा ने कहा वैसा ही किया। 
अब गेम फिर से शुरू हुआ और अबका गेम रीटा ने जीता और मेने हारा, रीता ने कहा अपना एक कपडा उतार दो।
मेने चोकने का नाटक किया और बोल : क्या??????
रीटा : हाँ अब हम तुझे नंगा कर देगे।
मैं : ये तो चीटिंग है, दोनों मिलकर मेरे खिलाफ खेल रही हो।
नेहा : नहीं हम सिर्फ गेम खेल रहे है और अलग अलग,,,,,,, तू नाटक मत कर और कपडे उतार 
मैं यही चाहता था और मेने शर्ट उतार दी।
अगली चाल फिर से रीटा ने जीती और नेहा को बोला अब तुम्हारी बारी।
नेहा ने उसकी तरफ हैरानी से देखा तो रीटा ने आँख मार दी। अब नेहा ने अपनी चुन्नी उतार दी।
फिर से चाल चली और इस चाल में मैं जीता, पर रीटा अपने सारे रूपये हार गई और अब हर चाल सिर्फ डेयर की होनी थी।
अगली चाल में मैं फिर जीत गया और मेने रीटा को बोला अब तुम्हारी बारी है उतारो कपडे हमारे उतावाये थे ना। क्यों नेहा।
नेहा : हाँ अब उतार।
रीटा ने अपने नाईट सूट का टॉप उतार दिया और नेहा का मुह खुला का खुला रह गया। रीटा अब मेरे और नेहा के सामने सिर्फ ब्रा में थी और उसकी ब्रा इतनी छोटी और सेक्सी थी कि उसके बूब्स बाहर आ रहे थे। मेरा लंड झटके से खड़ा हो गया।
अब की बार रीता जीती और उसने नेहा को बोला अब तुम्हारी बारी है मेरी जान।
नेहा मना करने लगी तो रीटा ने मुझे कहा भाई इसको पकड़ तो सही मैं इसके कपडे फाड़ देती हु। अपने को नंगा करने में मजे आ रहे थे खुद की बारी आई तो नाटक कर रही है।
नेहा : मुझे शर्म आ रही है और कोई बात नहीं है।
रीटा : ले एक जाम और पी ले। और नेहा को एक जाम पिला दिया। और नेहा का कुरता उतार दिया।
नेहा के बूब्स इतने बड़े और शानदार थे मैं उन्हें देखता ही रह गया। रीटा ने ब्रा के ऊपर से बूब को पकड़ा और बोली 
रीटा : तेरे साइज़ क्या है ? 36 b है न।
नेहा : हाँ।
फिर नेहा ने मुझे बोला क्या देख रहा है ऐसे?
रीटा : शानदार बूब्स, और क्या?
मैं सकपका गया और वो दोनों हसने लगी। नेहा को देख कर मैं समझ गया की अब इस पर नशा हो गया है और ये भी मजा ले रही है।
फिर गेम शुरू हुआ और इस बार फिर रीटा जीती।
उसने मुझे बोला चल मेरे राजा नंगा हो जा। मेने अपनी शर्ट उतार दी, मेने बनियान नहीं पहनी थी।
नेहा : ये तो जल्दी ही नंगा हो जायेगा। फिर दोनों हसने लगी।
फिर मैं जीता मेने फिर से रीटा को बोला मेरी जान उतार कपडे
रीटा खड़ी हुई और अपना लोअर उतार दिया। उसने फूल के प्रिंट वाली पेंटी पहनी थी जो इतनी तंग थी की उसकी चूत के फूल उभर रहे थे।
वो फिर से बैठ गई और फिर चाल हुई इस बार मैं जीता फिर से।
मेने नेहा को देखा और हवा में चुम्मा लेते हुए कहा मेरी छमिया उतार कपडे।
नेहा खड़ी हुई और अपनी सलवार उतार दी।
उसने नार्मल सी नीले रंग की रूपा की पेंटी पहनी थी। वो झट से बैठ गई।
नेहा : अब इस (मुझे देखते हुए) को तो मैं अपने हाथो से नंगा करुगी।
रीटा : क्या आईडिया है? और नेहा को गालो पे चूम लिया फिर नेहा ने भी रीटा के गालो को।
रीटा : अब जो जीतेगा वो हारने वाले के कपडे उतारेगा पर हारने वाले की मर्जी का कपडा।
फिर गेम शुरू हुआ जिसे मैं हार गया और रीटा जीत गई।
रीता मेरे पास आई और बोली : खड़ा हो।
मैं खड़ा हो गया और उसने मेरा लोअर उतार दिया और नेहा को बोली : ये तो पहले से ही खड़ा है, मैं बिना बात के खड़ा होने को बोल रही थी।
यह कह कर मेरा लंड बॉक्सर के ऊपर से पकड़ लिया। मेने नेहा की तरफ देखा वो भी मेरे उभार को बॉक्सर के ऊपर से घूर कर लंड का नाप ले रही थी।
फिर गेम शुरू हुआ और मेने ध्यान दिया कि नेहा का ध्यान मेरे बॉक्सर पर ही है।
इसके कारण नेहा हार गई और रीटा फिर जीत गई।
रीटा ने नेहा के बालो का जुडा बनाया और उसके बूब्स को दबाने और सहलाने लग गई। नेहा भी आंख बंद करके मजा लेने लगी और मेरा हाथ अपने आप ही बॉक्सर में चला गया। रीटा ने नेहा का ब्रा खोल दिया और सहलाने लगी। फिर रीटा बोली : नेहा एक बार इस कमीने को भी छू लेने दे देख मुठ मार रहा है।
यह सुनकर मुझे और नेहा को झटका लगा और दोनों नींद से जागे। नेहा बोली : नहीं।
रीटा : देख सिर्फ एक बार छू लेने दे ये ऐसे चुसेगा नहीं। और नेहा के लेफ्ट बूब को चूसने लगी।
नेहा जोर जोर से सिसकारी लेने लगी और रीटा ने मुझे बुलाया, मैं उठ कर नेहा के पास गया और नेहा की आँखों में देखने लगा।
नेहा मुझे देख रही थी और सिसकारी ले रही थी, उसने कुछ भी रियेक्ट नहीं किया।
तभी रीटा ने मेरा हाथ पकड़ कर नेहा के राईट बूब पर रख दिया। मेने भी बिना मौका गवाए उसके बूब को मसल दिया जिससे नेहा की चीख निकली वो बोली आराम से। फिर मैं धीरे धीरे करने लगा। अब एक साइड रीटा और दूसरी साइड मैं, दोनों नेहा के बूब्स से खेल रहे थे। तभी रीटा ने नेहा का बूब छोड़ दिया जिससे नेहा की सिसकारी बंद हो गयी और वो कुछ संभली और मुझे दूर कर दिया।
नेहा : चलो गेम खेलो।
फिर नेहा जीत गयी और वो बोली मेरे जानू तू तो गया। उसके मुह से जानू सुनकर मैं और रीटा खुश थे कि हमारा प्लान काम कर गया।
नेहा ने मेरा बॉक्सर उतारा और लंड से खेलने लग गयी।
रीटा : नेहा चूस ले नेहा।
नेहा ने सर हिलाकर मना किया और मेरे सुपाडे पे चूमा दिया और जा कर अपनी जगह पे बैठ गई।
अगली बाज़ी सिर्फ नेहा और रीटा के बीच थी। इसमें नेहा जीती।
नेहा ने रीटा की ब्रा उतारी और उसके बूब्स को पकड़ा फिर छोड़ दिया।
रीटा : क्या हुआ?
नेहा : चल गेम खेल।
रीटा   मुझे देख कर ) तू तो ले ले मजे ये तो गांडू है।
मैं गया और उसके बूब्स को बारी बारी चूसने लगा। रीता पहले तो मेरे बाल सहला रही थी फिर जैसे ही उसने मेरे लंड को पकड़ा।
नेहा : बंद करो ये सब और गेम आगे खेलो।
नेहा की बात सुन कर मैं ये समझ गया उसको मजा तो आ रहा है पर वो हिम्मत नहीं कर पा रही है।

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