Tuesday 24 February 2015

मन नहीं भरता 2

सुरेश मुस्कराते हुए बोला- वाह… और फिर राधा भाभी सुरेश के होठों को चूमने लगीं और फिर
अपने पीठ के बल चित्त लेट गई।
इसके बाद सुरेश ने सामने से नाइटी खोल दी और एक चूची को चूसने
लगा और अपने एक हाथ से उसकी चूत की खुजली मिटाने लगा। राधा भाभी
 की आँखें धीरे-धीरे बन्द होने लगी और अपनी टांगें और फैला दी।
इसके बाद सुरेश राधा के ऊपर लेट गया और होंठों से होंठ मिला कर चूमने लगा।
 राधा की चूचियाँ सुरेश के सीने के नीचे ऐसे दबी थी जैसे किसी हवा भरे गुब्बारे को
दबा दिया गया हो और सुरेश की दोनों टांगें राधा की फैली टागों के बीच में थीं।
करीब 5 मिनट तक चुम्बन-दृश्य चलता रहा। फिर वो दोनों एक साथ ऊपर-नीचे होकर
पल्टियाँ खाने लगे, सुरेश नीचे हुआ और राधा भाभी उसके ऊपर आ गई।
अब राधा भाभी उठीं, लेकिन सुरेश के लण्ड के ऊपर ही बैठी रहीं और फिर सुरेश की शर्ट उतारने लगीं।
उसके बाद अपनी पूरी नाइटी भी उतार दिया, फिर नीचे लेटे सुरेश को चूने लगी।
सुरेश ने अपने दोनों हाथों और पैरों से राधा को जकड़ लिया।
 थोड़ी देर बाद राधा भाभी अपने आप को सुरेश की पकड़ से अजाद कर लिया फिर उठी और
सुरेश के बगल में बैठ कर उसका पजामा उतारने लगी।
अब सुरेश और राधा दोनों ही बिलकुल नंगे थे। सुरेश का लण्ड अभी पूरी तरह से खड़ा नहीं था
इसलिए राधा भाभी ने लण्ड को पकड़ कर ऊपर-नीचे करने लगीं, फिर लण्ड का सुपाड़ा खोला
और अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं। सुरेश अपना एक हाथ बढ़ा कर राधा भाभी की चूची मीसने
लगा और राधा भाभी ने अपने दूसरे हाथ से अपनी चूत की खुजली मिटाने लगी।
यह कार्यक्रम लगभग 2-3 मिनट ही चला होगा कि सुरेश का लण्ड पूरी तरह खड़ा हो गया।
उसका लण्ड करीब 7 इन्च का होगा और काफी मोटा दिख रहा था।
जोकि अब राधा भाभी के मुँह को चोद रहा था या कहें कि राधा भाभी ने सुरेश के
 लण्ड को अपने मुंह में कैद कर रखा था और लगातार उसको चूसे जा रहीं थीं।
सुरेश के मुंह से आह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह की अवाजें निकल रही थी।
फिर सुरेश ने राधा भाभी से कहा- अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरी तरफ अपनी
पीठ करो और मेरा लण्ड अपनी चूत में डालो।
राधा भाभी ने वैसा ही किया।
फिर सुरेश ने कहा- अब तुम मेरे दोनों पैर पकड़ कर लण्ड को अपनी
चूत में ऊपर नीचे करो जैसे तुम मुझे चोद रही हो।
राधा भाभी सुरेश के लण्ड पर उट्ठक-बैठक करने लगी और कभी कभी
लण्ड पर बैठे ही बैठे अपनी कमर कस कर हिलाती। इस पर सुरेश
आह्ह्ह्ह आह्ह्ह करने लगता। फिर अचानक राधा भाभी की स्पीड बढ़ गई और फिर मुझे
लगा कि राधा भाभी या सुरेश या फिर दोनों ही झड़ रहे है क्योंकि सुरेश की झाटों
पर काफी फेना सा इकट्ठा हो रहा था और राधा भाभी भी आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह नोअअ
कह रही थी। फिर सुरेश ने राधा भाभी को अपने ऊपर से अलग किया लेकिन ये क्या,
सुरेश का तो लण्ड अभी भी खड़ा ही था। इसका मतलब राधा भाभी ही झड़ी थीं।
फिर सुरेश ने राधा भाभी से कहा- अब तुम कुतिया बन जाओ, मैं अभी झड़ा नहीं हूँ !
राधा भाभी ने कहा- सुरेश, प्लीज़ अब रहने दो ! मैं बहुत थक चुकी हूँ।
सुरेश बोला- यार. अभी तो मेरी शुरुआत है ! पहले तुम कुतिया बनो, फिर देखते हैं।
फिर राधा भाभी बोली- यार। वैसे तो तुम हफ्तों मुझे चोदते नहीं हो। और जब चोदना शुरू करते हो तो मुझे अधमरा
कर देते हो।
इस पर सुरेश हंसने लगा और राधा भाभी को खुद ही कुतिया की अवस्था में करने लगा और
 राधा भाभी की एक टांग उठा कर बेड के सिरहाने लगा पटरे(हेड रेस्ट) पर रख दिया।
अब राधा भाभी की अवस्था वैसे ही थी जैसे कुत्ते अपनी टांग उठा कर मूतते हैं।
फिर सुरेश राधा भाभी के पीछे गया और उसकी चूत को कुत्ते की तरह सूंघने
लगा, फिर अपनी जीभ निकाल कर राधा भाभी की चूत को चाटने लगा।
 चाटते चाटते राधा भाभी की चूत से फिर पानी टपकने लगा।
इसके बाद सुरेश अपने घुटने के बल खड़ा हुआ और अपना हलब्बी लण्ड एक हाथ
 से पकड़ कर एक ही झटके में राधा भाभी की चूत में घुसेड़ दिया और लगा चोदने।
सुरेश धक्के पे धक्के लगाये जा रहा था और हर धक्के पर राधा भाभी की चूत
से भच्च्… की आवाज आती और उनके मुँह से ओह्ह्ह्ह येस… निकल जाता, साथ
में उनकी लटकी बड़ी-2 चूचियाँ हिलोरें लेने लगती।
सुरेश का धक्का, राधा भाभी का ओह्ह्ह्ह येस…, और उनकी चूचियों का हिलोरें लेना
यह सब बहुत ही ताल में चल रहा था। ये संगीतमय ऐक्शन करीब 10 मिनट तक चले, फिर
सुरेश एकदम से चिल्लाते हुए बोला- आई एम कमिंग डार्लिंग !
और अपना लण्ड राधा भाभी की चूत से बाहर निकाल लिया। राधा भाभी तुरन्त
 मुड़ी और सुरेश का लण्ड अपने मुँह के हवाले कर लिया। फिर सुरेश राधा
भाभी के मुँह को चोदने लगा और फिर राधा भाभी के मुँह में ही झड़ने
लगा। राधा भाभी बड़े चाव से सारा का सारा वीर्य पी गई। और फिर बिस्तर
पर ही दोनों टांगें फैला कर पेट के बल लेट गई। फिर बगल में सुरेश भी लेट गया
 और अपना एक हाथ राधा भाभी के चूतड़ों पर सहलाते हुए बोला-
 यार सुनो, तुम्हारी गाण्ड तो रह ही गई।
इस पर राधा भाभी बोली- यार तुम तो हद कर देते हो !
 अब चुपचाप सो जाओ…चोदू कहीं के।
सुरेश ने हंसते हुए जवाब दिया- चलो आज तुमको माफ किया, तुम भी
 याद रखोगी कि किसी रईस चोदू से पाला पड़ा है।
फिर थोड़ी देर बाद सुरेश उठा और टीवी के उपर रखा कैमरा ऑफ किया
और उसको वार्डरोब में रख दिया। और फिर सारी बत्तियाँ बुझाई और फिर
शायद नंगे ही राधा भाभी के साथ सो गया होगा। क्योंकि अब कमरे में कुछ भी नहीं दिख रहा था।
यह सब देखने के बाद तो मेरी हालत बिलकुल खराब हो गई थी मेरे पास कोई दूसरा
रास्ता नहीं था सिवाय मुट्ठ मारने के। मैं सीधे अपने वाशरूम गया और अ
पनी एक दूर की अनदेखी चैट फ्रेन्ड को फैन्ट्साइज़ किया और मुट्ठ मार कर सो गया।

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मन नहीं भरता 1

आज मैं अपने आफ़िस से कुछ जल्दी ही घर चला गया, वहाँ भी बिजली गुल थी।
मेरी कालोनी गोमती नगर में तेज हवाओं के
साथ बारिश होने के कारण बिजली फेल हो गई थी।
लगभग सभी लोग अपने-2 घरों से बाहर निकल कर एक दूसरे से बातें कर रहे थे, उमस और
गर्मी बहुत ज्यादा थी। सभी के बच्चे सड़क पर धमाचौकड़ी मचा रहे थे।
हमारे घर वाले भी बाहर खड़े हो कर पड़ोसियों से बातें कर रहे थे। मैं
भी अपनी बाइक घर के बाहर ही खड़ी करके ठीक बगल वाली मस्त
भाभी जी से बतियाने लगा जोकि हाल ही में दिल्ली से लखनऊ आई थीं
और हमारे परिवार से अच्छी जान पहचान हो गई थी।
मैंने ही सुरेश को अपने ठीक बगल वाले मकान किराये पर दिलवा
दिया था। उनके परिवार में सिर्फ तीन सदस्य थे, सुरेश माथुर उम्र लगभग
40-45 साल, 5'8" कद, सांवला रंग और साधारण बदन, उनकी पत्नी राधा और सुरेश
की बहन किरण।
इस वक्त राधा भाभी साड़ी ब्लाउज में गजब की सुन्दर लग रही थी, वो लगभग 28-30 वर्ष
की थी उनका गोरा रंग, लम्बा कद लगभग 5'5", तीखे नयन-नक्श, उनकी बड़ी-2 चूचियाँ जो
कि गहरे गले के ब्लाउज से बाहर आने के लिए बेकरार थी। अधिक गर्मी की वजह से
शायद उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी थी। उनकी तनाकृति तकरीबन 36-30-36 होगी, कुल मिला
कर मॉडल लगती थी।
और 20-22 वर्ष की सुरेश की बहन किरण जोकि एम बी ए में एड्मीशन लेने के लिये तैयारी कर रही थी।
 इन तीन लोगों का सुरेश का परिवार था। सुरेश और राधा दोनों एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी में
सॉफ्टवेयर इन्जीनियर के पद पर दिल्ली में काम करते थे। मई 2010 में सुरेश और राधा का ट्रान्सफर
लखनऊ हो गया और ये सभी लोग मेरे अच्छे पड़ोसी बन गए।
मैं, राधा भाभी से आम बातचीत कर ही रहा था कि इतने में किरण भी वहाँ आ गई। किरण भी अपनी
भाभी की तरह बला की खूबसूरत लग रही थी। उसको देखते ही किसी का भी मन डोल जाए।
उसका कद थोड़ा कम जरूर था 5'2", लेकिन जबरदस्त माल थी, चम्पई गोरा रंग, उसकी बड़ी बड़ी चूचियों की
घुन्डी बगैर ब्रा के टीशर्ट से साफ दिख रही थी। उसकी झील सी आँखों का तो जवाब ही नहीं था,
तीखे नयन-नक्श, कुल मिला कर उसके बदन में कहीं से भी कोई भी कमी नजर नहीं आती थी।
मैंने किरण से ऐसे ही पूछा- तुम्हारी एम बी ए की तैयारी कैसी चल रही है?
तो उसने कहा- कोई खास नहीं ! जो मुझे समझ में आता है, उसे ही पढ़ लेती हूँ।
मैं अपनी सलाह देने और मदद करने की आदत से मजबूर, उसको सलाह देने लगा, मैंने कहा- तुम
टाइम्स कोचिंग ज्वाइन कर लो, यहीं पत्रकार पुरम के पास में ही है, आने जाने में दिक्कत भी नहीं होगी,
वहाँ पर मेरे ही बैच का लड़का फैकल्टी है, उसको मैं बोल दूंगा तो वो तुम्हारी मदद कर देगा।
इस पर राधा भाभी बोली- आप कल ही इसका एड्मीशन करा दीजिए, दिन भर नेट पर सर्फिंग किया करती है,
 मुझे इसको गाइड करने का समय नहीं मिलता है। समय खराब करने से कोई फायदा नहीं, मैं सुरेश से बात कर लूंगी।
मैंने राधा भाभी से कहा- कल मैं किरण को सुबह आफिस जाते समय ले लूंगा और इसका एड्मीशन करा दूंगा।
किरण बोली- हाँ ! यही ठीक है !
मैंने कहा- गर्मी बहुत है !
इतने में बहुत तेज बारिश होने लगी, बाहर खड़े सब लोग अपने अपने घर भाग गए। एक घंटे की बारिश के
 बाद मौसम बड़ा सुहाना हो गया। करीब 11 बजे खाना खाकर मैं अपने बेडरूम में गया, कमरे की लाइट ऑन
की, फिर बरामदे में पहुँच कर मैंने वहाँ की बत्ती जैसे ही जलाई कि बल्ब फ्यूज़ हो गया, लिहाजा बरामदा और
 पूरी छत अंधेरे की आगोश में ही रहा।
मेरा बेडरूम दूसरी मंजिल पर है, उसके सामने बरामदा फिर खुली छत और बरामदे में सुरेश के बेडरूम की शीशेदार
 खिड़की खुलती है। सुरेश के बेडरूम की खिड़की बन्द थी लेकिन पर्दा हटा था मैंने ऐसे ही कौतूहल-वश उसके कमरे
 में नज़र दौड़ाई। वहाँ कोई नहीं था
, सिर्फ ए सी चल रहा था और नाइट बल्ब जल रहा था। कमरे की हर चीज मुझे साफ साफ नज़र आ रही थी।
इतने में दरवाजे का पर्दा हटा और राधा भाभी ने कमरे में प्रवेश किया और फिर ट्यूब लाइट जलाई।
मैं थोड़ा पीछे अंधेरे में आ गया ताकि वो देख न सकें। उसके बाद वो सीधे कपड़ों की अलमारी के पास गई और
उसका दरवाज़ा खोल कर गुलाबी रंग की नाइटी निकाली और उसको बिस्तर पर रख दिया। फिर उन्होंने अपनी
साड़ी उतार दी, अब वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। फिर मुड़ कर बगल में लगे शीशे में अपने आप को
 कई कोणों से निहारने लगी और धीरे से मुस्कराई और फिर अपना ब्लाउज़ भी उतार दिया। ब्रा उन्होंने शाम
से ही नहीं पहन रखी थी इसलिये चूचियाँ एकदम आजाद हो
कर सामने आ गई।
अब मैं उनकी झकास चूचियों के दर्शन कर रहा था।
उसके बाद उन्होंने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और पेटीकोट नीचे अपने पैरों पर गिरा दिया।
नीचे काले रंग की पैन्टी नज़र आई, उसको भी उन्होंने नीचे झुक कर सरका दिया। जब वो सीधे
खड़ी हुईं तो मुझे दिखा कि उनकी चूत पर हल्की हल्की झांटों की लाइन सी बनी थी। कुल मिला
कर वो बड़ी सेक्सी दिख रही थी।
एक बार फिर उन्होंने अपने आप को शीशे में देखा और फिर बेडरूम से जुड़े बाथरूम में चली गईं।
 वापस आकर उन्होंने नाइटी उठाई और गाउन की तरह पहन ली। नाइटी सामने से खुली थी और
 पारभासक थी, जिससे उनकी चूचियाँ और चूत के बालों से लिखा इंग्लिश का लेटर 'एस' अब साफ दिख रहा था।
यह सब देख कर तो मेरे लण्ड का बुरा हाल हो गया, उसने मेरे पजामे को तो तम्बू बना दिया था। अब
 मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा।
फिर मैंने देखा कि उन्होंने अपने उतारे हुए सारे कपड़े बटोरे और अलमारी में रख दिये। फिर उन्होंने
 टी वी के ऊपर से रिमोट उठाया और बिस्तर पर पैताने की तरफ सिर करके पेट के बल लेट गई और
 पैर घुटनों से मोड़ कर अपने कूल्हों के ऊपर ले गई। इससे उनकी नाइटी सरक कर घुटने तक आ गई,
सुडौल उभरे हुए कूल्हे और उनके बीच की दरार नाइटी के अन्दर से साफ दिख रही थी।
उन्होंने फिर टी वी चलाया और कई चैनल बदलने के बाद स्टार मूवीस पर "समर ऑफ 42" फिल्म आ
रही थी, वही देखने लगीं।
कोई 5 मिनट के बाद सुरेश ने कमरे में प्रवेश किया, पलट कर कमरे का दरवाजा बंद किया
 और फिर राधा की तरफ देख कर बोला- वाह…!!! क्या मस्त लग रही हो इस नाइटी में !
राधा मुस्कराई।
फिर सुरेश ने टीवी की तरफ देखते हुए पूछा- कौन सी फिल्म आ रही है?
राधा ने सुरेश की तरफ मुखातिब हो कर जवाब दिया- "समर ऑफ 42"।
गुड फिल्म ! सुरेश बोला, फिर अलमारी खोल कर अपना स्लीपिंग सूट निकाल कर बिस्तर पर रखा,
अपनी शर्ट उतारी, फिर बनियाइन उतार कर स्लीपिंग सूट की शर्ट पहन ली फिर जीन्स और चड्डी उतारी,
  अब उसका झाटों के बीच लटका हुआ लण्ड साफ दिख रहा था। फिर वो बाथरूम में गया। वहाँ शायद उसने
 अपने लण्ड को पानी से धोया होगा, इसके बाद वापस आ कर उसने पजामा पहना। उसके बाद अलमारी से
 हैन्डीकैम निकाला और कमरे की सारी लाइट ऑन करके टीवी के ऊपर कैमरे को फिक्स किया और फिर
कैमरा ऑन कर दिया।
राधा भाभी ने पूछा- यह क्या कर रहे हैं आप?
अरे डार्लिंग ! एक अच्छी फिल्म बनाने जा रहा हूँ ! तुम हीरोइन और मैं हीरो।
 फिल्म का नाम है "सेलिब्रेशन ऑफ सी थ्रू नाइटी"। इस नई नाइटी को सेलिब्रेट नहीं किया जायेगा क्या…?
राधा हंसते हुए बोली- आप को तो एक बहाना मिलना चाहिए बस ! अगर किसी ने यह फिल्म देख ली तो क्या सोचेगा?
सुरेश बोला- यार कौन देखेगा, कैमरा तो हम लोगों के पास ही रहता है ! तुम परेशान मत हो ! बस मजे लो।
राधा भाभी बोली- ओ के बाबा ! तुमको तो कोई समझा ही नहीं सकता।
फिर सुरेश राधा के बगल में आ कर लेट गया और अपना एक हाथ पेट के बल लेटी राधा के चूतड़ों
पर रख कर धीरे धीरे सहलाने लगा और साथ ही टीवी पर फिल्म देखने लगा।
राधा ने अपने पैर को सीधा किया और फैला दिया जैसे चुदने के लिए व्याकुल हो, लेकिन अभी भी
 वो फिल्म देखे जा रही थी।

धीरे-धीरे सुरेश का हाथ राधा की पीठ पर आया और अब वो राधा के बालों के साथ खेल रहा था कि
 तभी राधा ने टीवी
को रिमोट से ऑफ कर दिया और करवट ले कर सुरेश की तरफ अपना मुँह कर लिया, अब उसकी
 बड़ी-बड़ी चूचियाँ और चूत
के ऊपर झाटों से लिखा 'एस' नाइटी से साफ दिखने लगा। फिर सेक्सी निगाहों से देखते हुए बोली-
 इतनी अच्छी फिल्म आ रही थी ! आपने देखने नहीं दी।
सुरेश ने अपना एक हाथ बढ़ाया और नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूची की घुन्डी मसलने लगा और
 फिर चूत की तरफ देख कर बोला- यह 'एस' तुमने कब लिखा? तुम्हारी चूत बहुत सेक्सी लग रही है।
फिर राधा भाभी अपने दोनों हाथ बढ़ा कर सुरेश का सिर अपनी तरफ खींचते हुए बोली- मुझे पहले
ही पता था कि तुम नई नाइटी जरूर सेलिब्रेट करोगे, इसलिए मैंने अपनी चूत को और सेक्सी बनाने
 के लिए तुम्हारे नाम का पहला अक्षर लिख दिया, आखिरकार यह चूत तुम्हारे लिए ही है ना।
कई भागों में समाप्य !

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पड़ोस वाली भाभी 1

एक बार मैं अकेले घर पर था, उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। मैं सेक्सी बुक देख रहा था, मेरा लंड खड़ा था मेरे घर का दरवाजा खुला था।
तभी पड़ोस में रहने वाली भाभी जी अन्दर आ गयीं और मुझे लगा कि कोई आ रहा है। मैंने शीशे में देख लिया कि भाभी खड़ी मुझे देख रही थी। मैने अपना मोटा लाल और चिकना लंड अपने हाथ में पकड़ रखा था। मैने कुछ नहीं पहना था, एक दम नंगा था।
भाभी बहुत ध्यान से देख रही थी। मैंने लंड को और ऊपर कर दिया अब भाभी को मेरा लम्बा लंड साफ़ दिख रहा था, वो मस्त हो रही थी। बहुत देर देखने के बाद भाभी ने आगे आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया। मैं खड़ा हो गया। मेरा लंड भाभी के पेट में गड़ने लगा। तभी वो देख कर बोली कि कितना सेक्सी है तुम्हारा लण्ड ! और झट से पकड़ लिया। वो बोली तुम्हारा तो तुम्हारे भाई से भी मोटा है ! तुम भी प्यासे हो और मैं भी, चलो दोनो की प्यास बुझ जायेगी. तुम्हारे भाई का तो ठीक से खड़ा भी नही होता, और खड़ा भी होता है तो जल्दी ही झड़ जाता है।
इतना सुनते ही मैंने भाभी को पकड़ लिया और उन्हें बेड पे लिटा दिया. तभी भाभी ने कहा अभी दिन में कोई आ जाएगा, मैं रात में आ जाऊंगी तब जी भर के एक दूसरे को चोदेंगे।
लेकिन मैं नहीं माना क्योंकि मैं तो पहले ही गरम हो रखा था। मेरे ज्यादा जोर देने के बाद भाभी मान गई और बोली- जाके दरवाजा बंद कर दो और जल्दी से अपना पूरा कर लो. मैंने जल्दी से दरवाजा बंद किया और भाभी के पास आ गया. मैं उन के कपड़े उतारने लगा तो भाभी ने मना कर दिया की सारे कपड़े मत उतारो कोई आ जाएगा।
फ़िर मैंने भाभी की साड़ी ऊपर कर दी और उन की पेंटी उतार दी। उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और बहुत प्यार से उसे चूसने लगी. २ मिनट चूसने के बाद भाभी बोली कि जल्दी से कर ले, मेरे को घर जाना है। भाभी की सास बहुत ही शक्की है. वो उन को हमारे घर के सिवा कहीं नहीं जाने देती और अगर हमारे घर पे भी ज्यादा टाइम हो जाए तो वह भी ये देखने आ जाती है कि क्या कर रही है। हमें बहुत देर हो गई थी इस लिए भाभी थोड़ा डर रही थी।
मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत के छेद पे रख के एक ही धक्के में पूरा अंदर डाल दिया. अंदर जाते ही भाभी ने अपनी आँखे ऐसे बंद की जैसे उनको दर्द हुआ हो. भाभी की चूत ज्यादा टाईट नहीं थी और न ही ज्यादा ढीली थी। मेरा लण्ड ९ इंच लंबा और ३ इंच मोटा है। भाभी को एक लड़का भी है शायद इसीलिए उन को मेरा लण्ड लेने में ज्यादा तकलीफ नहीं हो रही थी. १० मिनिट बाद भाभी ने मुझे जोर से पकड़ लिया और थोड़ी देर बाद बोली कितनी देर में होगा तुम्हारा ! मेरा तो हो गया है, अगर मेरी सास आ गई तो मैं मारी जाऊँगी.
मैंने कहा कि अभी तो पता नहीं कितनी देर और लगेगी क्योंकि मेरा लण्ड तुम्हारे अंदर बड़े आराम से जा रहा है और मैंने ३० मिनिट पहले ही मुठी मारी थी. इसलिए टाइम लगेगा।तो वो कहने लगी कि मेरे को छोड़ दो, मैं तुम्हारा बाद में करवा दूंगी।
मैं नहीं माना कि नहीं अभी करवाना है। तो वो कुछ नही बोली और मेरी तरफ़ बड़े प्यार से देखने लगी. ५ मिनिट बाद वो दुबारा झड़ गई और फ़िर से मुझ से पूछा कि और कितनी देर तो मैंने कहा अभी टाइम लगेगा. तो वो डरते हुए बोली कि तू आज मेरे को मरवाएगा. तो मैंने कहा कि एक रास्ता है जल्दी करने का. तो वो बोली क्या है?
तो मैंने कहा कि बता के नहीं कर के दिखाता हूं। तो वो बोली जल्दी कर के ख़तम कर. तो मैंने भाभी की चूत से अपना मोटा लण्ड निकाला और उन की गांड के छेद पे रख दिया तो एक दम बोली यहाँ क्या कर रहा है यहाँ थोड़े ही करते हैं और तेरे भाई ने तो आज तक यहाँ नहीं किया और न ही मैंने करने दिया. मैंने कहा कि यहाँ करने से ही मेरा जल्दी पूरा होगा नहीं तो पता नहीं कितना टाइम लग जाएगा।
फ़िर वो चुप हो गई जैसे ही मैंने अपना लण्ड उन की गांड पे लगाया वो बोली कि दर्द होगा, तो मैंने कहा कि बस एक बार होगा. पहली बार चूत में डलवाया था तब भी तो हुआ होगा. इसे भी सह लेना मेरे लिए और वो चुप हो गई.
भाभी की चूत के रस से गांड चिकनी हो गई थी इसलिए आयल की जरुरत ही नहीं पड़ी. फ़िर मैंने अपना लण्ड उन की गांड के छेद पे रखा तो उन्होंने लम्बी साँस ली और मैंने एक जोरदार धक्के से मेरा लण्ड का सुपाड़ा उन की गांड में घुसा दिया। वो कहने लगी कि बाहर निकालो, दर्द हो रहा है। तो मैंने उनको कहा कि थोड़ा दर्द सहन कर लो, बाद में सब ठीक हो जाएगा। फ़िर एक और धक्का मारा और मेरा लण्ड आधा भाभी की गांड में चला गया। वो और जोर से चिल्लाई। मैंने उसका ध्यान न देते हुए एक और धक्के के साथ अपना पूरा लण्ड उनकी गांड में अंदर तक डाल दिया और फ़िर मैं थोडी देर रुका रहा।
थोडी देर बाद मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए। भाभी रो रही थी और कह रही थी कि बाहर निकालो। २० मिनिट बाद मैं भाभी की गांड में झड़ गया. फ़िर मैं भाभी के उपर ही लेट गया। ५ मिनिट बाद भाभी ने मुझे उठने को कहा और बाथरूम में जा कर अपनी गाण्ड और चूत को धोया. मैं भी वहाँ पर आ गया और भाभी ने बड़े ही प्यार से मेरा लण्ड भी धोया। फ़िर मैंने कपड़े पहने और जाकर दरवाजा खोल कर अंदर आ गया।तभी भाभी की सास भी आ गई कि इतनी देर से क्या कर रही है। उस दिन तो बाल बाल बच गए। तब भाभी वहाँ से चली गई यह कह के कि मैं रात में १० बजे आऊँगी और रात में गांड नहीं मारने दूंगी बहुत दुःख रही है। मैं भी मुस्करा दिया और वो चली गई.
मैं बेसब्री से रात का इंतजार करने लगा. भाभी ठीक १० बजे मेरे पास आ गई और हमने सुबह ५ बजे तक मजे किए।

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प्यार 8

तो किस्मत भी मेरा साथ दे रही है घर पे बस हम दो जने ही है जब दीदी कपडे चेंज करेंगी तो उन्हें नंगी देखने में ना किसी का डर रहेगा ना कोई प्रॉब्लम होगा दीदी अपने आप को कांच में देख रही थी मैं जान कर के दीदी के रूम मैं बेठ गया दीदी अपनी सुन्दरता को कांच मैं निहार रही थी तभी दीदी ने मुझसे पुछा " सोनू आज मैं कैसे लग रही थी साडी में मैंने कहा "बहुत अच्छी दीदी आप बहुत ही सुंदर लग रही थी 1 परी की तरह " दीदी ने कहा हा हा चल अब बहार जा मुझे कपडे चेंज करने है मैं समझ गया की दीदी आज वापस रूम मैं ही चेंज करेंगी और मैं बहुत खुश था क्यों की उनके रूम के दरवाजे मैं मैंने छेद कर दिया था दीदी ने दरवाजा बंद किया और मैंने दरवाजे के होल मैं से देखा दीदी ने अपने कंधे पे ब्लाउज पे से अपनी साडी की पिन हटाई और टेबल पे रखी तो वो पिन नीचे गिर गयी दीदी उसको उठाने के लिए नीचे झुकी और मुझे उनके ब्लाउज के गले मैं से उनके मोटे मोटे बोबे दिखाई दिए
दीदी ने पिन उठा के टेबल पे रखी फिर नीचे बेठ कर अपनी पयाल उतरने लगी जब दीदी नीचे बैठी तो उनका साडी का पल्ला नीचे गिर गया और दीदी को मैंने ब्लाउज मैं देखा क्या लग रही थी दीदी खुले बाल होठो पे लिपस्टिक गले मैं चैन बहुत ही सुंदर




फिर दीदी अपनी पायल उतार के खड़ी हुई और अपनी साडी उतरने लगी दीदी के खुले हुए बाल थे कानो में इअर रिंग्स हाथो में चूड़ियाँ दीदी अपनी साडी उतार रही थी तो उनके लम्बे घने बड़े काले बाल उनके फेस पे आगये क्या सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी फिर दीदी ने साडी उतार दी मैं दीदी के नंगे कोमल पेट को देख रहा था उनके नाभि के छेद को देख रहा था फिर मैंने दीदी को ब्लाउज और पेटीकोट में देखा और उनको ऐसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया




फिर दीदी ने अपने ब्लाउज के हुक खोलने चालू किये मैं अपने खड़े लंड को सहला रहा था और देख रहा था की धीरे 2 दीदी अपने ब्लाउज के सामने से हुक खोल रही थी दीदी ने अपने ब्लाउज के ऊपर के 3 हुक खोले और मुझे दीदी की ब्रा की स्ट्रैप्स और उनके मोटे बोबो का बड़ा सा क्लीवेज दिखाई दिया कितनी हॉट लग रही थी मेरी दीदी खुले बाल होठों पे लिपस्टिक आँखों मैं काजल कानो में बड़े 2 एअर रिंग्स गले मैं चैन ब्लाउज के ऊपर के 3 हुक खुले हुए थोड़ी सी ब्रा दिख रही थोड़े से बड़े बड़े बोबे दिख रहे दीदी की ब्रा के स्ट्रैप्स बहुत टाइट लग रहे थे उसी से पता चल रहा था की दीदी के बोबे कितने मोटे और टाइट हैं




फिर दीदी ने अपना ब्लाउज पूरा उतार दिया अब मेरी दीदी मेरे सामने अपनी ब्रा मैं थी कितनी सेक्सी लग रही थी दीदी ब्रा मैं फिर पता नहीं उन्हें क्या हुआ वो उन्होंने वापस अपनी साडी ऐसे ही लपेट ली और अपनी ब्रा के ऊपर साडी का पल्ला डालने लगी शायद वो देखना चाहती थी की उनके बोबे कितने मोटे है और कितने बाहर आते है



ब्रा में से क्या मोटे मोटे बोबे लग रहे थे दीदी के मैं सोच रहा था की ये कब आयेंगे मेरे हाथ में फिर दीदी अपने आप को ब्रा पहने हुए कांच मैं देखने लगी और मुझे दीदी के बोबो का साइड पोज़ दिखा उनकी ब्रा में से



फिर दीदी ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और साडी को ढंग से रखने लगी मेरी दीदी मेरे सामने अब ब्रा और पेंटी में थी दीदी साडी ढंग से रख रही थी और उनकी पीठ मेरे तरफ थी मैं दीदी को पीछे से ब्रा पेंटी मैं देख रहा था क्या टाइट और चिकनी गांड थी दीदी की



तभी दीदी पलटी और मुझे मेरी दीदी को ब्रा और पेंटी मैं से सामने से देखने का मौका मिला मैं अपने लंड को हिलाने लगा कितनी सेक्सी लगती है मेरे बहिन ब्रा और पेंटी में चिकना गोरा कोमल बदन टाइट ब्रा लोवेस्ट पेंटी बिलकुल सेक्स की देवी लग रही थी मेरी दीदी मैं अपना लंड जोर 2 से हिलाने लगा उन्हें ब्रा पेंटी में सामने से देखते हुए मैं उन्हें ब्रा पेंटी में से देखते हुए लगा की कब मैं इनकी ब्रा उतार के इनके बोबे दबाऊंगा इनके निप्पल चुसुंगा इनकी चड्डी उतार के इनकी चूत पे हाथ फेरूंगा इनकी चूत चाटूंगा ....(To Be Contd.)
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प्यार 7

कितनी सेक्सी लग रही थी दीदी और उनके मुलायम कोमल बोबे जो शाम को मेरे हाथो मैं थे ये सोचते 2 मैं चादर के अंदर से अपना लंड सहलाने लगा और चोरी 2 दीदी को इस पोजीशन मैं लेटे हुए देखता रहा दीदी को एसे लेटे हुए देखते हुए मैंने दीदी की ब्रा के कप को देखा और देखते 2 सोचने लगा की यही ब्रा के कप्स थे जिनको शाम को मैंने नीचे करके दीदी के बोबो को ऊपर से नंगा कर दिया था इतने मैं मम्मी ने मुझसे कहा "सोनू तू भी कल स्कूल मत जाना घर पे रुकना कल तू " मैंने कहा " हाँ मम्मी " और सोचने लगा की कल दीदी को साडी उतारते हुए केसे देख जाये पहले जो चोंटे मेरे साथ हुई थी मैंने उनको भी ध्यान मैं रखा की एसा कुछ प्लान बनाऊ की ये मौका हाथ से न जाने पाए फिर दीदी और मैं सोने के लिए हमारे रूम मैं आगये मैं अपने बेड पे लेट गया और दीदी अपने बीएड पे बैठी हुई थी और सोने की तैयारी कर रही थी वो अपने दोनों हाथ ऊपर करके अपने बालो को खोल रही थी इस कारण उनके छाती बहार की साइड आगयी थी और उनके मोटे मोटे बोबे भी बहार आ गये थे मेरा लंड वापस अंगडाई लेने लगा दीदी के मोटे बोबो को देख के दीदी अपने बालो के क्लिप को साइड में रख रही थी और दीदी का क्लिप नीचे गिर गया और उसे उठाने के लिए वो नीचे झुकी और वापस उनके टॉप के गले मैं से मुझे उनके बोबो की झलक दिखाई दे गयी


दीदी के बोबे देखते हुए मैं अपने होठो पे अपनी जीभ फेरने लगा की कितने रसीले हैं दीदी के बोबे कब मुझे इन्हें चूसने को मिलेगा कब मैं अपनी जीभ दीदी के निप्पल्स पे लगा के उन्हें चुसुंगा उनके दोनों बोबो को कब चुसुंगा कब इनका रस पियूँगा तभी दीदी ने लाइट बंद कर दी और मुझे gudnight विश किया लेकिन नींद तो आँखों से बाहर थी मेरे दिमाग मैं तो बस दीदी के बोबे ही घूम रहे थे 6 सुबह बजे मैं उठा तो दीदी ने अपनी चादर हटा दी थी और दीदी को सोते हुए देख मेरा लंड खड़ा हो गया दीदी करवट लेके सो रही थी ओत उनके बोबे चिपक रहे थे ओए उनके मोटे बोबे कितना हसीं क्लीवेज बना रहे थे उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स मुझे साफ़ 2 नजर आ रही थी उनकी ब्रा की स्ट्रेप उनके कंधे तक आगयी थी

मैं धीरे से दीदी के पास गया और उनकि ब्रा की स्ट्रेप पे धीरे से किस किया फिर उनकी टॉप के गले को आगे से धीरे से खींचा तो मुझे उनकी अंदर से ब्रा के कप्स नजर आ गए थे मेरी इच्छा तो हुई की उनके ब्रा मैं हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू लेकिन मैं ऐसा कुछ कर नहीं सकता था मैंने 1 हाथ से उनके टॉप का गला पकड़ा हुआ था और दुसरे हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और उसे 2 जल्दी हिलाने लगा और दीदी की ब्रा और बोबो को देखते हुइ सोचना लगा की इन्हें कल मसला था मैंने अँधेरे में थोड़ी देर मे मैं झर गया मैंने दीदी के टॉप के गले को ठीक किया और वापस सो गया सुबह से दीदी और मम्मी अपनी 2 तैयारियों मैं लगे हुए थे शादी मैं जाने के लिए वो अपनी तैयारी कर रहे थे मैं अपनी तैयारी कर रहा था की दीदी को नंगी केसे देखा जाये दिन मे दीदी मम्मी के रूम मैं गई और गेट बंद कर लिया मैं रूम के दरवाजे पर कान लगा कर उनकी बातें सुनने लगा दीदी "मम्मी मुझे साडी पहननी तो आती नहीं है तो कैसे पहनुगी " मम्मी ने कहा "अरे तो यहाँ पेहेन ले न मेरे सामने " दीदी ने बोला "फिर मम्मी ब्रा पेंटी ?" मम्मी ने कहा " ओहो ! जो भी ब्रा पेंटी तुझे पहननी है वो अपने बाथरूम मैं पेहेन ले और वापस यही कपडे डाल के मेरे रूम मैं आजा फिर यहाँ साडी पेहेन ले मैं बता दूंगी केसे पहननी है " दीदी ने कहा "ठीक है मम्मी " मैंने ये बातें सुन ली थी और मुझे याद आया की मैंने दीदी के बाथरूम के दरवाजे मैं पहले छेद कर दिया था आज मेरे पास में मौका था दीदी को ब्रा पेंटी पहनते हुए देखने का दीदी बाथरूम मैं घुसी दरवाजा बंद किया और मैंने दरवाजे के छेद मे से वो पेपर का टुकड़ा निकाला और मेरे सामने मेरी दीदी थी ब्रा पहनते हुए


आज मैंने पहली बार इतने पास से और सामने से अपनी दीदी को ब्रा मैं देखा था क्या शेप बन रहा था दीदी की ब्रा को उनके मोटे बोबो के कारन फिर मैं दीदी को ब्रा पहनते हुए देखते हुए अपना लंड सहलाने लगा फिर दीदी पेंटी पहनने लगी लेकिन बाथरूम के दरवाजे का छेद छोटा था तो मुझे नीचे का कुछ नजर नहीं आया फिर दीदी बाहर निकली और मम्मी के रूम में चली गयी मैं वापस अपनी तयारी मैं लग गया थोड़ी देर बाद दीदी बहार आयी और मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी साडी मैं लम्बे खुले बाल आँखों मैं काजल कानो मैं बड़े 2 इअर रिंग्स हाथो मैं चूडिया गले मैं छोटा सा हार मैंने अपनी दीदी को इतनी सेक्सी तो कभी नहीं देखा था दीदी ने साडी उनके पेट की नाभि के नीचे बाँधी हुई थी जिस से वो और भी सेक्सी लग रही थी


मैं दीदी को देखने मैं इतना खो गया की मुझे ध्यान ही नहीं रहा की दीदी मुझे आवाज दे रही है दीदी ने मुझे हिलाया और कहा "ओ बेहरे कौनसी दुनिया में है तू कब से पूछ रही हु कैसे लग रही हु मैं " मैंने मन में कहा बहुत सेक्सी और हॉट दीदी बड़ी कातिल लग रही हो आप दीदी ने फिर पुछा "अरे बता ना !" मैंने कहा "दीदी आप बहुत अच्छी लग रही हो आप बहुत सुंदर हो I Love you " दीदी ने कहा "धत पागल कही का कुछ भी बोलता रहता है " और दीदी चली गयी और मैं जाते हुए साडी में से उनकी गांड देखने लगा क्या सेक्सी गांड लग रहि थी दीदी की साडी मे अब मैंने सोच लिया था की आज तो दीदी को साडी उतारते हुए जरुर देखूंगा चाहे कुछ भी हो जाये इतने सेक्सी परी को नंगी देखने एसा मौका फिर कभी नहीं आएगा .
इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी साडी मैं लम्बे खुले बाल आँखों मैं काजल कानो मैं बड़े 2 इअर रिंग्स हाथो मैं चूडिया गले मैं छोटा सा हार मैंने अपनी दीदी को इतनी सेक्सी तो कभी नहीं देखा था दीदी ने साडी उनके पेट की नाभि के नीचे बाँधी हुई थी जिस से वो और भी सेक्सी लग रही थी मैं दीदी को देखने मैं इतना खो गया की मुझे ध्यान ही नहीं रहा की दीदी मुझे आवाज दे रही है दीदी ने मुझे हिलाया और कहा "ओ बेहरे कौनसी दुनिया में है तू कब से पूछ रही हु कैसे लग रही हु मैं " मैंने मन में कहा बहुत सेक्सी और हॉट दीदी बड़ी कातिल लग रही हो आप दीदी ने फिर पुछा "अरे बता ना !" मैंने कहा "दीदी आप बहुत अच्छी लग रही हो आप बहुत सुंदर हो I Love you " दीदी ने कहा "धत पागल कही का कुछ भी बोलता रहता है " और दीदी चली गयी और मैं जाते हुए साडी में से उनकी गांड देखने लगा क्या सेक्सी गांड लग रहि थी दीदी की साडी मे अब मैंने सोच लिया था की आज तो दीदी को साडी उतारते हुए जरुर देखूंगा चाहे कुछ भी हो जाये इतने सेक्सी परी को नंगी देखने एसा मौका फिर कभी नहीं आएगा

मम्मी और दीदी संगीत के लिए निकल गए और मैं घर पे अकेला था और सोच रहा था की इतनी खुबसूरत मेरी दीदी को आज साडी उतारते हुए केसे देखा जाये मैंने दीदी के बाथरूम के दरवाजे में तो पहले ही छेद कर दिया था अब मैंने सोचा की क्या पता दीदी आज वापस अपने रूम में ही अपने कपडे चेंज करने लग जाये तो मैं आज वापस कुछ नहीं देख पाऊंगा तो मैंने पेचकस लिया और दीदी के रूम के दरवाजे में भी 1 छेद कर दिया और उसमे भी पेपर का टुकड़ा फंसा दिया ताकि किसी को पता नहीं पड़े की दरवाजे मैं छेद है अब मैं बहुत खुश था क्यों की दो जगह थी जहाँ दीदी अपने कपडे चेंज करती थी और उन दोनों ही जगहों के दरवाजो मे मैंने छेद कर दिया था उन्हें नंगी देखने के लिए अब मैं मम्मी और दीदी के आने का वेट करने लगा अभी उनके आने मे टाइम था तो मैंने लैपटॉप ओन किया और दीदी का अकाउंट खोला और उनकी chats निकाली मैंने दीदी की वही chats निकाली जिसमे जीजू उनके यहाँ वहां हाथ लगा रहे थे जो क्योंकि मैं वो chat आधी ही पड़ पाया था मम्मी के आजाने के कारन मैंने उसे वही से ही पड़ना स्टार्ट किया जहाँ से मैंने छोड़ा था :-

priti214 - मैं श्रेया को गोद में लेके खिलाने लगी तभी जीजू ने श्रेया को मुझसे माँगा मैंने श्रेया को आगे किया जीजू की बाँहों मे देने के लिए इतने में जीजू ने अपने हाथ से मेरे बूब्स को दबा दिया श्रेया को लेने के बहाने और मुस्कुरा कर चले गए मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करू इन सब को कैसे रोको क्यों की जीजू बहुत ज्यादा छेड़ छाड़ कर रहे थे अगर दीदी देख लेती तो सारी बात मुझ पर आती जबकि मेरी कोई गलती ही नहीं थी
raj2002 - फिर जान
priti214 - उस दिन दीदी के घर 2-3 गेस्ट्स और आगये उनका फ्लैट बहुत ही छोटा था तो दीदी ने कहा "प्रीती तू 1 काम कर तू हमारे बेडरूम मैं ही सो जाना मेरे पास और इन गेस्ट्स को तेरे रूम मैं शिफ्ट कर देते हैं " मैंने कहा " ठीक है दीदी " दीदी के कहने पे मैं अपना सारा सामान दीदी जीजू के बेडरूम में ले आयी फिर रात को सोने का टाइम हुआ ...
raj2002 - जान तुमने उस दिन रात को पहना क्या था
priti214 - उम्म्म्म्म जानू याद नहीं है बट शायद क्रीम कलर का पतला सा टोपर था और कैपरी थी
raj2002 - फिर जान आगे क्या हुआ
priti214 - रात को सब सोने लगे तो डबल बेड पे जीजू 1 कोने में सो गए बीच मैं दीदी और सबसे कोने पे मैं सो गयी रात के करीब 1 बजे मेरी नींद खुली थोड़ी सी आवाजो से मैंने थोडा सा चादर हटा कर देखा तो पास में दीदी जीजू के ऊपर लेटी हुई थी और दोनों किस कर रहे थे और मुझे उनके किस्सेस की हलकी 2 आवाजें भी आ रही थी तभी दीदी ने जीजू से बोला " यार तुम पागल हो क्या प्रीती भी इसी रूम में सो रही है थोडा तो सोचो अगर उसने कुछ देख लिया तो छोड़ो न मुझे प्लीज " जीजू ने कहा "अरे कोई कुछ नहीं दिखेगा उसे सो रही है वो भी " फिर दीदी जीजू वापस किस करने लगे पूरे रूम में अँधेरा था बस हलकी सी चाँद की रौशनी आ रही थी मुझे उनकी आवाजें सुन कर कुछ 2 होने लगा था
raj2002 - वाओ !! यार तुम पास मैं लेटी हो और दीदी जीजू किस कर रहे थे सोच के ही खड़ा हो गया मेरा तो तुम भी तो गरम होने लग गयी होंगी न
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म
raj2002 - फिर क्या हुआ जान
priti214 - फिर जीजू ने दीदी को बेड पे लेटा दिया और किसेस करने लगे फिर जीजू ने दीदी को वापस अपने ऊपर ले लिया करवट बदलते 2 जीजू मेरे काफी पास आगये थे अब जीजू दीदी को अपने ऊपर लेके किस कर रहे थे और तभी मुझे मेरे टॉप के ऊपर कुछ महसूस हुआ वो जीजू का हाथ था मेरी चादर के अंदर वो दीदी को किस 2 करते मेरे टॉप पे से मेरे बूब्स को दबा रहे थे मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करू इन्हें केसे रोको साला कमीना अपनी बीवी को किस कर रहा है और मेरे बूब्स पे हाथ फेर रहा है फिर दीदी जीजू के पूरी बॉडी पे किस करते 2 चादर के अंदर नीचे चली गयी और जीजू ने 1 हाथ अपनी बीवी के सर पे रख रखा था और उनके बालो को सहला रहे थे और दुसरे हाथ से मेरे टॉप पे से मेरे बूब्स को दबा रहे थे

raj2002 - फिर
priti214 - मुझे अजीब सी फीलिंग होने लगी तभी जीजू ने अपना हाथ मेरे पेट पे रखा और मेरे नाभि में ऊँगली डाल के गोल 2 घुमाने लगे मुझे पता नहीं क्या होने लगा था मैंने दोनों हाथ से अपना तकिया पकड़ लिया मुझे अपने शरीर पे जीजू का हाथ इतना अच्छा लग रहा था तभी जीजू का हाथ मेरे पेट पे से मेरे टॉप के अंदर गया और धीरे 2 ऊपर जाने लगा उनका हाथ मेरे टॉप के अंदर मेरी ब्रा पे था वो मेरे बूब्स को मेरी ब्रा पे से दबाने लगे मुझे अजीब सा नशा छा रहा था मेरे दोनों बूब्स को मेरी ब्रा पे से दबाने के बाद जीजू का हाथ मेरी गर्दन पे आया और मेरे टॉप के गले मैं वो अपना हाथ डालने लगे
raj2002 - फिर क्या हुआ जान और तुमने मना क्यों नहीं किया
priti214 - चाह के भी मैं उन्हें मना नहीं कर पा रही थी पता नहीं मुझे क्या हो रहा था फिर उन्होंने मेरे टॉप के गले में अपना हाथ डाला और मेरी ब्रा के कप के अंदर अपना हाथ डाल के मेरे 1 बूब को दबाने लगे और उसे बहार निकलने लगे

उनका हाथ लगते ही मेरा निप्पल बिलकुल टाइट हो गया फिर वो मेरे टॉप के गले में से मेरा दूसरा बूब भी बहार निकलने लगे और अपने हाथ से उन्होंने मेरा दूसरा बूब भी बहार निकल लिया





फिर उन्होंने मेरे टॉप और ब्रा के स्ट्रेप्स को दोनों को मेरे कंधे से नीचे कर दिया जिस से मेरी ब्रा और टॉप दोनों अपने आप ही नीचे हो गए और मेरे दोनों बूब्स बाहर आ गये मेरे निप्पल्स जीजू का हाथ के कारन बिलकुल टाइट और खड़े हो गए थे



अब वो मेरे बूब्स को दबाने लगे उन्हें सहलाने लगे मेरे मुह से भी हलकी 2 सिसकियाँ निकल रही थी मैं पता नहीं अलग ही दुनिया में थी मुझे इतना ज्यादा मजा कभी नहीं आया था मेरी पेंटी बहुत गीली हो गयी थी जीजू अपने हाथ से मेरे बूब्स को बारी 2 दबा रहे थे फिर वो अपने ऊँगली से मेरे खड़े हुए निप्पल को गोल 2 घुमाने लगे मेरे दोनों बूब्स के दोनों निप्पल्स से खेलने लगे

मैंने कहा "दीदी मम्मी कहाँ है " दीदी ने कहा "सोनू मम्मी वही रुक गयी थोड़ी देर के लिए और मैं आगयी मम्मी भी आ जाएंगी अभी " अब मैं मन ही मन खुश हुआ की यार आज

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प्यार 6

फिर मैंने 1 हाथ से दीदी की ब्रा के कप को नीचे कर दिया और उनका 1 बोबा पूरा नंगा हो गया मैंने उस नंगे बोबे पे अपना हाथ फेरा कितना नरम और कोमल था वो बिलकुल मुलायम मुलायम मैंने दीदी के निप्पल को अपनी उंगलियों से घुमाया उनका निप्पल बहुत छोटा था और बिलकुल टाइट खड़ा था मैंने उनके खड़े निप्पल को अपनी ऊँगली से गोल 2 घुमाया उसे खींचा तो दीदी के मुह से धीरे से स्स्स्स आह सिसकरी निकल गयी मेरी इच्छा तो हो रही थी की दीदी के बोबे को अपने मुह मे लेके चुसू उनके निप्पल को चूस 2 कर उनका सारा रस पी जाऊं लेकिन मैं एसा कर नहीं सकता था फिर मैंने अपना हाथ दीदी के कुर्ते मैं से निकाला जैसे ही मैंने अपना हाथ दीदी के कुर्ते मैं से निकाला उन्होंने अपना हाथ अपने कुर्ते मैं डाल लिया अपनी ब्रा के कप को वापस ऊपर करने के लिए फिर मैंने दीदी की जांघ के अंदर की तरफ अपना हाथ फेरा दीदी की सांसें बहुत तेज चल रही थी उन्होंने कांपती आवाज मैं पुछा " मम्मी टोर्च नहीं मिली क्या आपको अभी तक " मम्मी ने कहा " नहीं ढून्ढ रही हु " मेरा हाथ दीदी की दोनों जांघो के बीच में था अब मैंने अपना हाथ दीदी की चूत पे रखा दीदी ने अपने मुह पे हाथ रख लिया उनकी सांसें बहुत तेज़ चल रही थी उसकी आवाज को बंद करने के लिए मैंने अपने हाथ को दीदी की चूत मैं थोडा और नीचे की तरफ फेरा तब मुझे पता पड़ा की दीदी की पटियाला सलवार बहुत गीली हो चुकी थी मुझे समझ आ गया था की दीदी भी गरम हो चुकी है मैंने अपना हाथ उनकी पूरी चूत पे फेरा और अपनी हथेली को दीदी की पूरी चूत पे ऊपर नीचे फेरने लगा दीदी की प्यारी कोमल चूत को सहलाने लगा दीदी की चूत की स्किन बहुत नरम और गीली थी मैंने कभी सोचा भी नहीं था की इतनी जल्दी मैं अपनी दीदी की चूत को सहला पाउँगा

मैं जल्दी 2 उनकी पूरी चूत पे अपना हाथ फेरने लगा और अपने हाथ की बीच वाली ऊँगली उनकी चूत के अंदर ऊपर नीचे फेरने लगा दीदी ने अपने हाथ से मेरी जांघ को बहुत टाइट भींच लिया उनके नाखून मेरी जांघ पे चुभ रहे थे मै और ज्यादा उत्तेजित हो गया मैं अपनी ऊँगली दीदी की चूत के होल पे घुमाने लगा और तभी दीदी का बहुत सारा चूत का पानी बह निकला मुझे समझ आ गया था की दीदी झर गयी हैं वो बहुत लम्बी 2 साँसे ले रही थी इतने मैं दीदी ने कांपती आवाज में मेरे कान मैं बोल " सोननननू तू यह्ह्ह्हीइ रहनानाना कही जानानानाना मत " मैंने दीदी की चूत मैं अपनी ऊँगली फेरते हुए बोला " हाँ दीदी नहीं जाऊंगा लेकिन अँधेरे में मुझे डर लग रहा है " दीदी ने कहा "डर मत मैं यही बैठी हु तेरे पास" फिर मैंने वापस दीदी के कुर्ते मैं हाथ डाला और उनके दोनों ब्रा के कप्स को 1-1 करके नीचे कर दिया उनके दोनों बोबे नंगे हो गए थे उनके कुर्ते में मैंने दीदी के दोनों नंगे बोबो को दबाया उन्हें मसला उनके निप्पल्स पे अपनी उँगलियाँ फिराई उनके निप्पल्स को खींचा उनके दोनों निप्पल्स खड़े हो गए थे और बिलकुल टाइट थे मै उनके नंगे बोबे के मजे ले रहा था इतने मे मम्मी की आवाज आयी " अरे !बाकी सबकी लाइट तो आ रही है " मैंने फटाफट दीदी के कुर्ते मे से अपना हाथ निकाल लिया दीदी ने अपनी ब्रा ठीक की मैंने मम्मी के आने से पहले जल्दी से वापस उनकी चूत मे अपनी ऊँगली फेरने लगा दीदी की पूरी सलवार सामने से गीली हो चुकी थी आज मैं बहुत खुश था की मेरी प्यारी दीदी मेरी ऊँगली से झरी थी तभी टोर्च की लाइट जली मैंने अपना हाथ जल्दी से बहार निकाला और हलकी से लाइट मे मैंने देखा दीदी की आँखें बंद थी इतने मैं लाइट आ गयी मैंने दीदी की आँखों को देखा वो पूरी लाल हो चुकी थी लेकिन उनके चेहरे से पता पड़ रहा था की वो पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी मैंने फटाफट दीदी के कुर्ते मे से अपना हाथ निकाल लिया दीदी ने अपनी ब्रा ठीक की मैंने मम्मी के आने से पहले जल्दी से वापस उनकी चूत मे अपनी ऊँगली फेरने लगा दीदी की पूरी सलवार सामने से गीली हो चुकी थी आज मैं बहुत खुश था की मेरी प्यारी दीदी मेरी ऊँगली से झरी थी तभी टोर्च की लाइट जली मैंने अपना हाथ जल्दी से बहार निकाला और हलकी से लाइट मे मैंने देखा दीदी की आँखें बंद थी इतने मैं लाइट आ गयी मैंने दीदी की आँखों को देखा वो पूरी लाल हो चुकी थी लेकिन उनके चेहरे से पता पड़ रहा था की वो पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी दीदी वहां से उठी और जाने लगी मैं साइड पोज़ से उनके बोबे देख रहा था कितने मोटे बोबे थे दीदी के मैंने देखा उनके चेहरे पे अजीब से expressions थे शायद आज जो कुछ भी हुआ उनके साथ वो उसी के बारे मैं सोच रही थी


दीदी बाथरूम मैं चली गयी मुझे पता था की दीदी बाथरूम मैं क्यों गयी है शायद ये देखने की आज उनकी चूत ने क्या गुल खिलाये है दीदी के बदन के अँधेरे मैं इतने मजे लेने के बाद मेरा भी हालत ख़राब हो चुकी थी मैं भी टॉयलेट में गया और अपना खड़ा लंड बहार निकल कर उसे सहलाने लगा आँखें बंद करके और जो कुछ भी आज हुआ उसके बारे मैं सोचने लगा की मैंने दीदी के आज कैसे मजे लिए उनके बोबे दबाये उनकी चूत मसली आज पहली बार मैंने अपनी दीदी के नाजुक जिस्म को छुहा था कितना कोमल बदन था मैं सोचने लगा की दीदी के निप्पल्स कैसे होंगे मुझे तो वो छोटे 2 से लग रहे थे जब मैं उनपे अपनी ऊँगली फेर रहा था मैं कल्पना करने लगा की दीदी के निप्पल्स कैसे होंगे शायद ऐसे होंगे


इतने में मैं झर गया टॉयलेट से बहार आके मैं वापस आया तो दिनेश अंकल वही बैठे हुए थे दीदी अभी तक नहीं आई थी मैं सोच रहा था दीदी अंदर अपने कपडे चेंज कर रही होगी आखिर मैंने आज उन्हें इतने मजे दिए थे की उनकी सलवार गीली हो गयी थी सामने से और पेंटी के तो ना जाने क्या हाल होंगे अंदर से थोड़ी देर बाद दीदी आयी उन्होंने अपने कपडे चेंज कर लिए थे शायद दीदी नहा ली थी इसलिए उन्होंने अपने सारे कपडे ही चेंज कर लिए थे दीदी ने नहा कर पिंक कलर का स्लीवलेस टॉप और जीन्स की शोर्ट कैपरी पेहेन ली थी दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी


फिर दीदी आई और जिसे ही दिनेश अंकल दीदी से कुछ बोलने वाले थे दीदी ने उनसे कहा की "अंकल आज आपने जो भी किया अच्छा नहीं किया " अंकल ने कहा "बेटी मैंने क्या किया ?" दीदी ने कहा "अंकल मुझे कुछ नहीं सुन्ना आज के बाद आप प्लीज घर मत आईएगा नहीं तो मैं पापा और मम्मी को सब कुछ बता दूंगी जो भी आपने किया " अंकल चले गए मैं अंदर से खुश हो रहा था की मजे मैंने लिए और लंका दिनेश की लग गयी रात को हम सब साथ मैं खाना खा रहे थे तभी मम्मी ने दीदी से कहा "प्रीती कल बुआ जी की लड़की की शादी का लेडीज संगीत है तो तू भी चलना मेरे साथ कल स्कूल मत जाना " दीदी ने कहा "ठीक है मम्मी लेकिन मैं कल पहनू क्या जीन्स टॉप या सूट " मम्मी ने कहा "अरे ये सब तो तू हमेशा ही पहनती है कल तू मेरी साडीयों मैं से कोई अपनी पसंद की साडी देख लेना और जिसका भी ब्लाउज तुझे फिट आ जाये वो पेहेन लेना " दीदी ने कहा " ठीक है मम्मी " अब मेरे दिमाग मैं यही बात घुमने लगी की दीदी साडी में कितनी सेक्सी लंगेगी कल तो दीदी को नंगी देखूंगा ही आज दीदी के बोबे दबा के उनकी चूत पे अपना हाथ फेर के ऊँगली करके मजा तो बहुत आया था लेकिन मैंने अभी तक दीदी को पूरी नंगी नहीं देखा था और मैं अपनी दीदी को नंगी देखने के लिए बहुत उत्साहित था जिस दीदी के पूरे बदन के मैंने मजे लिए थे वो बिना कपड़ो के दिखता केसा है ये मुझे नहीं पता था इसलिए मैंने decide की अब तो दीदी को साडी उतारते हुए ही देखूंगा रात को खाना खाके पापा सोने चले गए और मैं बेड पर बैठा 2 टीवी देख रहा था मम्मी और दीदी भी उसी बेड पर बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे दीदी ने खाना खाना के बाद लोअर और ब्लैक कलर का स्लीवलेस टॉप पेहेन लिया था मम्मी से बातें करते हुए दीदी थोडा सा लेट गयी और मुझे उनके टॉप के गले मैं से उनकी ब्रा और बोबो की झलक मिली

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प्यार 5

priti214 - फिर उन्होंने अपने हाथ को मेरे कुर्ते के अंदर डाला और मेरी सलवार के नाड़े को ढूंढ़ने लगे मेरी दिल की धड़कने इतनी तेज चल रही थी की मैं बता नहीं सकती मेरे पापा की उम्र का आदमी मेरी सलवार और पेंटी पे से मेरी वेजिना पे हाथ फेर रहा था वो भी मेरे पापा मम्मी के उसी गाडी में होते हुए भी।।
raj2002 - आगे क्या हुआ जान
priti214 - मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की मैं क्या करू ये आदमी मुझे नंगी करने की सोच रहा था इस गाडी मैं जिसमे मैं मेरी पूरी फॅमिली बेठी है फिर भी मै इसे रोक क्यों नहीं रही हू मेरा दिल बोल रहा था की मैं उसे रोकू और दिमाग कह रहा था की जो चल रहा ह उसे चलने दू नंगी हो जाऊ इस गाडी में और अंकल को अपनी नंगी वेजिना पे हाथ फेरने दू तभी अंकल को मेरी सलवार का नाडा मिल गया और वो उसे खींचने ही वाले थे की मैंने उनका हाथ पकड़ लिया जेसे ही मेरी आँखें खुली मुझे समझ आगया की मुझे क्या करना है मैंने अंकल की तरफ घूर के देखा उनके हाथ को झटका और पीछे मुडी उनके के चेहरे पे हवाइया उड़ रही थी क्योंकि उनकी भी दोनों जवान बेटियां उस गाडी मैं थी मैंने जोर से चिल्लाके कहा " मम्मी बहुत हो गया अब मुझसे नहीं झेला जाता आगे और मैं आपको कुछ बताना चाहती हु " priti214 - मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की मैं क्या करू ये आदमी मुझे नंगी करने की सोच रहा था इस गाडी मैं जिसमे मैं मेरी पूरी फॅमिली बेठी है फिर भी मै इसे रोक क्यों नहीं रही हू मेरा दिल बोल रहा था की मैं उसे रोकू और दिमाग कह रहा था की जो चल रहा ह उसे चलने दू नंगी हो जाऊ इस गाडी में और अंकल को अपनी नंगी वेजिना पे हाथ फेरने दू तभी अंकल को मेरी सलवार का नाडा मिल गया और वो उसे खींचने ही वाले थे की मैंने उनका हाथ पकड़ लिया जेसे ही मेरी आँखें खुली मुझे समझ आगया की मुझे क्या करना है मैंने अंकल की तरफ घूर के देखा उनके हाथ को झटका और पीछे मुडी उनके के चेहरे पे हवाइया उड़ रही थी क्योंकि उनकी भी दोनों जवान बेटियां उस गाडी मैं थी मैंने जोर से चिल्लाके कहा " मम्मी बहुत हो गया अब मुझसे नहीं झेला जाता आगे और मैं आपको कुछ बताना चाहती हु " अंकल की हालत देखने लायक थी उन्होंने मेरी तरफ देख के धीरे से कहा प्लीज बेटी किसी को कुछ मत कहने मैं आगे से ऐसा कुछ नहीं करूँगा सॉरी प्लीज सॉरी , मम्मी ने मुझसे पुछा "क्या हुआ प्रीती क्या नहीं झेला जाता मैंने मम्मी को धीरे से कहा मम्मी गाडी रुकवाओ न किसी रेस्टोरेंट पे मुझे भूख भी लगी है और टॉयलेट भी जाना है " मेरी बात सुनके अंकल के चेहरे पर सुकून आया
raj2002 - तो जान तुम बता देती ना उस कमीने की करतूत क्यों नहीं बताया
priti214 - यार मैंने सोचा छोड़ो अभी इसकी अच्छी खासी फॅमिली बिगड़ जाएगी और इसने सॉरी भी बोल दिया था इसलिए
raj2002 - फिर वो अंकल क्या अभी भी घर पे आते है क्या अभी भी तुम्हारी ब्रा के स्ट्रैप्स को फील करते है क्या
priti214 - नहीं फिर मैंने मम्मी को बोल दिया था की दिनेश अंकल गालो पे टच करते है तो मुझे अच्छा नहीं लगता कोई बच्ची थोड़ी ना हूँ तो मम्मी ने बोल दिया की तू पैर मत छुहा कर दूर से नमस्ते कर लिया कर

raj2002 - लेकिन जान तुम्हे मजा आया था ना जब अंकल तुम्हारे बूब्स और वेजिना पे अपना हाथ फेर रहे थे
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म
raj2002 - तुम्हारी वेजिना मे से डिस्चार्ज भी निकला होगा ना
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म
raj2002 - कितना निकला था
priti214 - इतना तो निकला था की मुझे मेरी पेंटी गीली गीली लगने लग गयी थी
raj2002 - जान 1 बात बोलू
priti214 - हा जी बोलो
raj2002 - तुम्हारी ये सारी बातें सुन के मेरा खड़ा हो गया
priti214 - हे भगवान् ! तुम्हारा तो हमेशा ही खड़ा हो जाता है सुला दो उसे बहुत बिगड़ गया है
raj2002 - केसे जान तुम सुलाओ ना इसे
priti214 - मैं वहां आगई ना तो मरोड़ दूंगी उसे हा हा हा हा हा हा
raj2002 - तो जान फिर कभी हुआ क्या एसा कुछ तुम्हारे साथ उन अंकल के अलावा किसी और ने हाथ लगाया क्या तुम्हे कभी यहाँ वहां
priti214 - नहीं और किसी ने तो नहीं लगाया
priti214 - हाँ याद आया 1 बार और हुआ था एसा
raj2002 - कब कहाँ पूरी बात बताओ ना

priti214 - अभी 6 महीने पहले की ही बात है मेरा 1 एग्जाम था जिसका सेण्टर दूसरे सिटी मे आया था तो मम्मी की बेहेन यानी मेरी मौसी की लड़की भी उसी सिटी में रहती है वो मैरिड है तो मम्मी ने कहा की तू वहीँ रुक जाना मैंने कहा ठीक है मै एग्जाम के 2 दिन पहले वहां पहुंची जीजू स्टेशन पे लेने आ गए थे दीदी जीजू की शादी को अभी 4 साल ही हुए थे और उनकी 1 बेटी भी थी श्रेया 1 साल की जीजू ने हाय हेलो किया और मुझे घर ले गए उनका घर ज्यादा बड़ा नहीं था 2 रूम किचन फ्लैट था मेरा सामान 2ण्ड रूम मे रखवा दिया था मैंने अपने कपडे चेंज किये और गर्मियों के दिन थे इसलिए 1 पतली सी कैपरी और पतला सा टॉप पेहेन लिया फिर दीदी से थोड़ी बातें की फिर थोड़ी देर सो गयी
raj2002 - फिर
priti214 - शाम को उठी तो दीदी खाना बना रही थी मैंने सोचा उनकी हेल्प कर दू थोड़ी तो किचन मे उनके पास जाके खड़ी हो गयी और उनकी हेल्प करने लगी इतने मैं जीजू भी आ गये और बातें करने लगे 1 दम से लाइट चली गयी और मुझे अपने हिप्स पर 1 हाथ महसूस हुआ वो हाथ मेरे पूरे हिप्स पर घूम रहा था सारी उंगलिया मेरे हिप्स को सहला रही थी वो हाथ मेरे हिप्स पर घूमते हुए मेरे हिप्स को सहला रहा था और जोर 2 से दबा रहा था
raj2002 - फिर
priti214 - मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू क्या नहीं करू ये किसका हाथ है मेरे पास दो ही तो लोग थे जीजू और दीदी मैं ये सब सोच रही थी तभी 1 ऊँगली मेरे दोनों हिप्स के बीचे की दरार में घुस गयी और अंदर घुमने लगी मेरे अंदर 1 अजीब सी फीलिंग आ रही थी मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था मेरी आँखें बंद हो चुकी थी और मैंने नोटिस किया की मेरी पेंटी भी गीली हो गई थो थोड़ी सी इतने मे लाइट आ गयी और वो हाथ गायब हो गया लाइट आयी तो मैंने देखा मेरे पास दीदी खड़ी थी और उनके पास जीजू मैंने सोचा ये सब किसने किया होगा मैंने अंदाजा लगाया की शायद अँधेरे मे जीजू को पता नहीं होगा की वो किस के हिप्स पे हाथ फेर रहे है तो गलती से हो गया होगा
raj2002 - आगे क्या हुआ जान

priti214 - फिर हम खाना खा रहे थे दीदी और मैं साथ बैठे थे और जीजू सामने बैठे थे डाइनिंग टेबल पे , खाना खाते 2 अचानक जीजू ने अपना पैर मेरे पैर रख दिया और अपने पैर को मेरे पैर पे फेरने लगे फिर उनका पैर धीरे 2 ऊपर आने लगा और मेरी कैपरी पे से मेरी thigs पर जीजू अपना पैर फेरने लगे मैं चुप चाप जल्दी 2 खाना खा रही तभी जीजू ने अपने पैर को मेरी दोनों thigs के बीच में डाल दिया और मेरी thigs के अंदर की तरफ अपने पैरो की उंगलियों को फेरने लगे फिर उन्होंने अपने पैर के अंघूटे से मेरी वेजिना के होल पे फेरने लगे उसपे धक्का देने लगे मेरी हालत तो ख़राब हो चुकी थी बुरी तरह मेरी धड़कने बहुत तेज चल रही थी क्योंकि मेरी कैपरी बहुत पतली थी मुझे जीजू के पैर का अंघूठा अपनी वेजिना के होल पे बहुत अच्छी तरह से फील हो रहा था वो अपने पैर के अंघूटे से मेरी वेजिना के होल पर ऊपर नीचे फेर रहे थे उस पे धक्का दे रहे थे मेरी कैपरी काफी पतली थी और मुझे बहुत मजा आरहा था मेरा बहुत सारा डिस्चार्ज निकल गया था और मेरी पूरी पेंटी गीली हो गयी थी शायद उन्हें भी मेरी वेजिना के गीलेपन का एहसास हो चूका था वो जोर 2 से मेरे वेजिना के होल पे धक्का देने लगे और मुझे इतना अच्छा महसूस हो रहा था मुझे इतना मजा आ रहा था तभी दीदी ने जीजू से कहा की क्या कर रहे हो जीजू ने जल्दी से अपना पैर नीचे करके पुछा क्या हुआ दीदी ने कहा खाना तो ढंग से खाओ खाली सब्जी क्यों खा रहे हो और इतने में मैंने अपनी प्लेट उठाई और किचन में चली गयी फिर बाथरूम में जाके देखा तो सामने से मेरी कैपरी गीली हो गयी थी फिर मैंने अपनी पेंटी में देखा तो वो भी पूरी गीली हो गयी थी और उसमे मेरी वेजिना का बहुत सारा डिस्चार्ज था मैंने कैपरी और पेंटी चेंज की और श्रेया को गोद में लेके खिलाने लगी तभी जीजू ने श्रेया को मुझसे माँगा मैंने श्रेया को आगे किया जीजू की बाँहों मैं देने के लिए इतने में जीजू ने अपने हाथ से मेरे बूब्स को दबा दिया श्रेया को लेने के बहाने और मुस्कुरा कर चले गए मैंने सोचा की दीदी के कितने लोगो ने मजे ले रखे हैं बस मैं ही पीछे हु इतने में मम्मी और दीदी मार्किट से आ गए मैंने लैपटॉप बंद कर दिया और सोचने लगा की मैं दीदी के मजे केसे लू रात हो चुकी थी इतने मैं घर पे दिनेश अंकल आ गए मम्मी ने कहा "नमस्ते भाई साहब केसे आना हुआ" तो उन्होंने कहा की " भाभी मुझे इन्टरनेट पे कुछ काम था थोड़ी देर का अब मुझे तो यूज़ करना आता नहीं है तो सोचा की प्रीती की हेल्प ले लू " मम्मी ने कहा हा हा क्यू नहीं "प्रीती जरा यहाँ आना दिनेश अंकल की हेल्प कर दे थोड़ी " दीदी आई अंकल को नमस्ते किया और लैपटॉप लेने अंदर चली गयी दीदी ने अंदर रूम मैं मुझे बुलाया और कहा की " सोनू जब मैं अंकल के साथ बैठू तो तू भी मेरे साथ बैठ जाना हमारे बीच में " मैं समझ गया की दीदी एसा क्यों कह रही ताकि अंकल वापस कुछ छेड़खानी ना करे दीदी के यहाँ वहां हाथ न लगाये मैंने कहा "हाँ दीदी " दीदी लैपटॉप लेके ड्राइंग रूम मे आयी और सोफे पे बैठ गयी और सामने की टेबल पे लैपटॉप रख दिया जब उसे ओन किया तो वो ओन नहीं हुआ दीदी ने देखा की लैपटॉप की बैटरी ख़तम हो गयी थी उन्होंने चार्जर लगाया और लैपटॉप ओन किया मैं आके अंकल और दीदी के बीच मैं बैठ गया दीदी बिलकुल मुझसे चिपक के बैठी थी उनकी जांघ मेरी जांघ से टच हो रही थी दीदी ने वाइट कलर का लम्बा और ढीला कुरता और पटियाला सलवार पेहेन रखी थी ब्लैक कलर की दीदी की सलवार बहुत पतली थी बहुत सेक्सी लग रही थी दीदी लम्बे बालो को क्लिप से बाँधा हुआ फेस पे स्पेक्ट्स और कुरता और पटियाला सलवार

मुझे दीदी के बदन की धीमी 2 खुशबु आ रही थी और उनकी जांघ की टचिंग से मेरा लंड खड़ा हो गया था इतने में लाइट चली गयी और लैपटॉप फिर से बंद हो गया पूरे घर में अँधेरा हो गया मम्मी ने कहा "सब जहा बठे हो वही रहना मैं टोर्च लाती हु " मेरे दिमाग मैं दीदी की chats घूम गयी केसे दीदी की गांड पे जीजू ने हाथ फेरा था जब लाइट गयी थी अगर मैं भी हाथ फेर लू तो दीदी तो यही सोचेगी की दिनेश कर रहा है मैंने दीदी की जांघ पे हाथ फेरा दीदी ने कोई हरकत नहीं की फिर मैंने दीदी के बोबो पे हाथ फेरा उनके कुर्ते के ऊपर से उन्हें दबाया दीदी के मुंह से आह की आवाज निकली मेरा लंड टाइट हो गया आज पहली बार मैंने अपनी दीदी के कोमल बोबो को छुहा था जिनकी वजह से मैं इतना तडपा था आज वो मेरे हाथ मे थे मैंने दीदी के बोबो को सहलाया उन्हें दबाया 1 दम से दीदी के मुह से मीठी सी सिसकी निकली और उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पे रखा दिया मुझे पता था की दीदी को एहसास ही नही है की उनका छोटा भाई ही उनके बोबे दबा रहा है मैंने दीदी के बोबे दबाते हुए दीदी से पुछा " क्या हुआ दीदी " दीदी ने कहा " कुछ नहीं सोनू " फिर मेने दीदी के कुर्ते को थोडा ऊपर किया और अपना हाथ दीदी के कुर्ते के अंदर डाला और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा कितने मस्त बोबे थे मेरी बेहेन के बिलकुल टाइट मोटे 2 मैंने उनके दोनों बोबो पे अपना हाथ फेरा उन्हें सहलाया उन्हें दबाया मेरा लंड अपनी मस्ती मैं फुल टाइट खड़ा था दीदी के बोबे दबाते 2 मुझे एहसास हुआ की दीदी की धड़कने बहुत तेज़ चल रही थी
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प्यार 4

मै ये नजारा देखने मे व्यस्त था तभी दीदी ने बोला " आगया समझ अब हमेशा देखता ही मत रहा कर कुछ कर भी देखा कर खुद तभी तो पता पड़ेगा हमेशा किताब को देखता रहता है " मैंने सोचा दीदी आप करने कहा दे रही हो कुछ मै तो कितना try कर रहा हु तभी दीदी जाने लगी और मैंने उन्हें बुलाया दीदी सुनो दीदी ने कहा "अब क्या हुआ भोंदू" और मैंने दीदी को हग कर लिया कस के और कहा "थैंक यू दीदी मुझे ये सम समझाने के लिए " कितना नरम बदन था दीदी का मैं उनके नरम और कोमल बोबो को अपने शरीर पर महसूस कर सकता था दीदी ने भी मुझे हग कर लिया और उनके underarms मे से उनके perfume और थोड़े पसीने की इतनी कामुख खुशबु आ रही थी की मैं बयां नहीं कर सकता और फिर दीदी ने मेरे सर पे हाथ फेरा और कपडे चेंज करने के लिए जाने लगी

अब मै खुशी से पागल होने वाला था क्योंकि दीदी बाथरूम की तरफ जा रही थी अपने कपडे चेंज करने दीदी ने उनकी अलमारी मे से 1 टॉप और लोअर निकाला और बाथरूम की तरफ जाने लगी दीदी बाथरूम की तरफ गयी और मैं अपने लंड पे हाथ फेरते हुए पीछे 2 गया दीदी के , मेरे मन मे तो लडडू फूट रहे थे की आज दीदी नंगी होगी और मै उनको 1-1 कपडा उतारते हुए ही मुट मारूंगा दीदी ने बाथरूम का दरवाजा बंद किया और 1 sec बाद बाथरूम मैं से दीदी के चिलाने की आवाज आयी और दीदी भागती हुई बाथरूम मैं से बाहर आगयी मम्मी ने पुछा "क्या हुआ प्रीति " दीदी ने कहा मम्मी बाथरूम 1 बड़ी सी छिपकली है मम्मी जोर से हसनी लगी और कहा "हे भगवान ! इतनी बड़ी हो गयी है और छिपकली से डरती है रुक मैं आती हु अभी तब तक तू अपने रूम का गेट बंद करके कपडे चेंज करले " , अब मुझे इतना गुस्सा आया जिसकी हद नहीं थी मैंने सोचा साली इस कमीनी छिपकली को भी अभी आना था मेरी तो किस्मत मे ही लंड लटक रहे है अब मैंने सोचा की अब आज शाम को तो दीदी की ब्रा पेंटी में रिकॉर्डिंग होने से तो कोई नहीं रोक सकता






उस दिन शाम को दीदी वापस लैपटॉप लेके बैठी ओर नेट कनेक्ट किया मैं समझ गया की दीदी वापस चैटिंग करने वाली है मै वापस अलमारी के पीछे चुप गया दीदी मेरी तरफ अपनी पीठ करके बेठी थी मैंने ऊपर कैमरा रख दिया था तो मुझे पता था की अब सब कुछ उसमे रिकॉर्ड होने वाला है दीदी ने ब्लैक कलर की टी शर्ट और लाइट ब्राउन कलर का लोअर पेहेन रखा था था अब मैं वेट करने लगा की कब दीदी विडियो चैट करेंगी लेकिन मुझे बस keys की टाइपिंग की आवाज आ रही थी मैं समझ गया की दीदी मेस्सजेस में चैटिंग कर रही है करीब 20 mins तक दीदी ऐसे ही चैटिंग करती रही मैंने सोचा आज क्या हुआ यार इनको ये विडियो चाट कब करेंगी करीब 25 mins बाद दीदी लैपटॉप के सामने से उठके गयी मुझे स्क्रीन पर FB का पेज दिखा अब मुझे पता था की दीदी विडियो चैट करने वाली है और वो शायद मम्मी को चेक करने गयी थी थोड़ी देर बाद दीदी वापस आयी और स्क्रीन को देख के हाथ हिलाया फिर उन्होंने लैपटॉप की स्क्रीन पर 2-3 फ्लाइंग किस्स किये मेरा लंड लोअर मेंसे खड़ा होने लगा फिर दीदी ने 2 बार लैपटॉप की स्क्रीन पे किस्स किया फिर इधर उधर देखा और अपनी टी शर्ट ऊपर कर दी मैंने वापस दीदी की नंगी चिकनी पीठ देखी और उनकी ग्रे कलर की ब्रा के स्ट्रैप्स और हुक देखा मैं अपने लंड को सहलाने लगा दीदी की ब्रा देखते हुए फिर दीदी ने अपनी ब्रा के स्ट्रैप्स को साइड से नीचे किया मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था वो अपने bf को अपने बोबे दिखाने वाली थी फिर एकदम से उन्होंने अपनी ब्रा स्ट्रैप्स को वापस ऊपर कर लिया और अपनी टी शर्ट नीचे कर ली और जोर 2 से हसने लगी स्क्रीन पे देखते हुए फिर दीदी ने वापस लैपटॉप की स्क्रीन पे 3-4 बार किस किया मैं सोच रहा था कौन होगा वो खुशनसीब जो दीदी के कोमल नरम होठों पे किस करेगा उन्हें चुसेगा उनका रस पिएगा फिर दीदी ने वापस अपनी टी शर्ट ऊपर की और अपने दोनों हाथ अपने बोबो पे फेरने लगी मुझे पता था की अब दीदी भी गरम हो गयी होंगी अब दीदी ने अपने हाथ पीछे किये और अपने ब्रा के हुक को पकड़ा मै अपने लंड को जोर 2 से हिलाने लगा की अब दीदी अपनी ब्रा उतारने वाली है नंगी होने वाली है और अपने मोटे नरम बोबे दिखाने वाली है इतनी में घर का फोन बजा और दीदी ने फटाफट अपनी टी शर्ट नीचे की लैपटॉप की स्क्रीन नीचे की और भाग के हॉल मे जाके फोन उठाया

मैंने सोचा फिर चोट हो गयी लेकिन मैंने सोचा चलो अच्छा है उस दुसरे लड़के को तो कुछ देखने को नहीं मिला अगर दीदी ब्रा उतार भी देती तो भी मुझे तो पीठ ही दिखती मैं वही अलमारी के पीछे खड़ा रहा क्योंकि दीदी ने अभी लैपटॉप बंद नहीं किया था दीदी वापस आयी लैपटॉप की स्क्रीन को वापस ऊपर किया और bye करके हाथ हिलाने लगी शायद वो बता रही थी की मम्मी अंदर ही है लेकिन फिर वो वापस खड़ी हुई और अपना लोअर नीचे किया मुझे दीदी की पेंटी दिखाई दी दीदी ने ब्लैक और ग्रे मे stripes डिजाईन वाली पेंटी पेहेन रखी थी मैं दीदी की गांड को देखते हुए अपने लंड को हिलाने लगा इतने में दीदी ने अपनी टी शर्ट भी ऊपर कर दी अब दीदी मेरे सामने पीछे से ब्रा और पेंटी मे खड़ी थी मैं पागलो की तरह अपने लंड को हिलाने लगा और दीदी को पीछे से ब्रा पेंटी में देखते देखते ही झर गया
फिर दीदी ने लैपटॉप ऑफ किया और मम्मी के पास जाके बातें करने लगी मैं धीरे से अलमारी के पीछे से निकला और कैमरा उठाया और उसे चेक करने लगा की क्या 2 रिकॉर्ड हुआ है कैमरा ओन किया तो मेरी ठुक गयी उसमे बैटरी लो का साइन आ रहा था मैंने उसे चार्जिंग पे लगाया और विडियो क्लिप देखि वो 57 mins की थी मैंने सोचा ये क्या हुआ इतनी छोटी क्लिप केसे हो गयी क्योंकि कैमरा तो बहुत पहले ही एडजस्ट कर दिया था मैंने उस क्लिप को प्ले करके देखा एंड के 27 मीन्स की क्लिप में काम का बस ये रिकॉर्ड हुआ था दीदी आयी लैपटॉप ओन किया स्क्रीन पे फ्लाइंग किस्स किया बस यहाँ तक रिकॉर्ड हुआ था फिर कैमरा ऑफ हो गया था मुझे फिर इतना गुस्सा आया की मैंने बैटरी क्यू नहीं चेक की पहले फिर मैंने उस क्लिप को लैपटॉप मे डाला और जब दीदी पासवर्ड डाल रही थी तब zoom करके क्लिप को बार 2 pause कर कर के देखा और मुझे मजा आ गया क्योंकि मुझे दीदी का पासवर्ड मिल चूका था उनका पासवर्ड था " I love you janu " अब मैंने browsing हिस्ट्री चेक की पहले दीदी ने gmail खोला था तो मैंने दीदी की ID डाली और पासवर्ड बॉक्स में I love you janu डाला और उनका अकाउंट ओपन हो गया मैं खुद पर बहुत फक्र महसूस कर रहा था अब मैंने उनकी chats चेक की दीदी की और उनके bf से ये chats थी :-

raj2002 - hi जानेमन केसी हो ...
priti214 - अच्छी हु जानू तुम केसे हो ...
raj2002-बस तुम्हे याद कर रहा हु जान I love u so much
priti214 - I love u 2 so much जानू
raj2002- क्या पेहेन रखा है जान तुमने अभी
priti214 - कपडे और क्या हा हा हा हा हा !
raj2002- ढंग से बताओ न जान क्या पेहेन रखा है अभी
priti214 - टी शर्ट और लोअर जानू
raj2002 - उसके अंदर क्या पेहेन रखा है मेरी जानेमन
priti214 - जो सब पहनते है वही और क्या
raj2002 - बताओ न जान प्लीज
priti214 - ब्रा और पेंटी जानू
raj2002 - कौनसे कलर की ब्रा और पेंटी पेहेन रखी है मेरी सेक्सी
priti214 - जानू ग्रे कलर की ब्रा है और ब्लैक और ग्रे स्ट्राइप्स वाली पेंटी है , क्यू तुम क्यू पूछ रहे हो
raj2002 - क्योंकि मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है जान , जान मैं 1 बात बोलू वो करोगी
priti214 - अच्छा जी बड़ी याद आ रही है हमारी जानती हु ना शैतान तुम्हे क्यू याद आ रही है
raj2002 - बताओ ना जान मैं 1 बात बोलू वो करोगी
priti214 - हा जानू बोलो ना
raj2002 - अपना 1 अच्छा सा विडियो बना के भेजो ना इन ब्रा पेंटी को उतारते हुए प्लीज
priti214 - पागल हो गए हो दिमाग ख़राब है क्या तुम्हारा
raj2002 - प्लीज जान प्लीज मेरे लिए भेजो ना प्लीज
priti214 - तुम पागल हो गए हो क्या लैपटॉप मेरे पापा भाई दोनों use करते है किसी ने कुछ देख लिया तो कुछ रह गया तो नहीं नहीं मैं नहीं करुँगी एसा कुछ भी
raj2002 - कुछ नहीं रहेगा जान मै सब डिलीट करवा दूंगा तुमसे भरोसा रखो किसी को कुछ नहीं मिलेगा
priti214 - नहीं यार राज समझा करो मै ये सब नहीं कर सकती और ना ही करना चाहती हु इसलिए ही मै तुमसे कही बाहर नहीं मिलती हू स्कूल के अलावा मै एसा कुछ नहीं करुँगी this is my final rply
raj2002 - ठीक है जान विडियो मत भेजो फोटो ही भेज दो खुद की 1 ब्रा पेंटी मे और 1 बिना ब्रा पेंटी के बिलकुल नंगी
priti214 - न मै कोई विडियो भेजने वाली हु न कोई फोटो ok मुझे इस तरह की demands अच्छी नहीं लगती है तो आगे मुझसे इस matter पे कोई बात मत करना ok

raj2002 - अरे जान तुम तो नाराज हो गयी अच्छा सॉरी अब कम से कम FB पे विडियो चैट पे तो आजाओ
priti214 - हां जानू अभी आती हु मम्मी को बाहर जाने दो
raj2002 - ok और मेरी सेक्सी उस दिन तो स्कूल मे मेरा खड़ा हो गया था पीछे से तुम्हारी ब्रा स्ट्रैप्स को देख के लेकिन क्या करू कुछ कर भी तो नहीं सकता था
priti214 - हा हा बड़े शरीफ हो तुम जो कुछ नहीं कर सकते थे बदमाश तो हो 1 नंबर के
raj2002 - क्यू जान मैंने क्या किया
priti214 - अच्छा उस दिन 5th पीरियड मे मेरी स्कर्ट मे हाथ डाल के मेरी पेंटी कौन चेक कर रहा था और किसने नीचे पेंसिल उठाने के बहाने मेरी स्कर्ट के अंदर देखा था की मै कौनसे कलर की पेंटी पेहेन के आयी हू बताना तो शैतान इंसान ...
raj2002 - हा यार जान उस दिन तो मजा आ गया था तुम्हारी ब्लैक पेंटी बहुत सेक्सी लग रही थी ,और तुम भी तो शैतान हो जानेमन तुम भी तो मेरे लंड पे अपना हाथ फेर रही थी उस दिन डेस्क के नीचे
priti214 - ओये मै कोई हाथ नहीं फेर रही थी तुमने मेरा हाथ पकड़ के उस पे लगाया था और कहा था प्लीज प्लीज करके की थोड़ी देर सहला दो ना .....(To Be Contd.)
raj2002 - हा हा तो क्या हुआ तुमने मेरा लंड तो सहलाया था ना केसा लगा था तुम्हे बताओ ना
priti214 - अच्छा लगा था लेकिन वो कितना गरम हो रहा था एसा क्यू
raj2002 - तुम अपनी चूत में ऊँगली डाल के देखो अभी वो भी गरम हो रही होगी हा हा हा हा हा हा
priti214 - चुप करो बदमाश
raj2002 - अरे तुमने वो विवेक सर और सिम्मी का matter सुना अपने स्कूल में
priti214 - नहीं तो क्यू क्या हुआ
raj2002 - अरे पता है विवेक सर हमेशा सिमी के डेस्क के पास जाके खड़े हो जाते थे और उसकी पूरी पीठ पर हाथ फेरते रहते थे और पूछते रहते थे होमवर्क कर लिया कॉपी चेक करवाली nd all...
priti214 - क्या !!!!! क्या बात कर रहे हो
raj2002 - हां फिर 1 दिन उन्होंने पीठ पे हाथ फेरते 2 सिम्मी के कंधो पे हाथ फेरा और उसकी ब्रा स्ट्रैप्स पकड़ ली
priti214 - हे भगवान !!!! फिर
raj2002 - हा यार फिर 1 दिन गेम्स पीरियड मे विवेक सर ने सारे बच्चो को गेम्स के लिए भेज दिया और सिम्मी से कहा की ये copies लेके स्टाफ रूम मे आजाओ
priti214 - फिर !
raj2002 - फिर वहा पर सर ने सिम्मी की स्कर्ट ऊपर कर दी और उसकी शर्ट जोर से खीची तो सिमी की शर्ट के ऊपर के 3 बटन टूट गए उसने जेसे तेसे अपने आप को छुड़ाया और भाग गयी प्रिंसिपल मैडम के चेम्बर मे और complain कर दी
priti214 - सही किया उसने एसे लोगो के साथ तो एसा ही होने चाहिए साले कमीने बस साले इधर उधर हाथ लगाने का मौका ढूंढ़ते है

raj2002 - -क्यू जान कभी तुम्हारे साथ भी एस कुछ हुआ क्या
priti214 - नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है
raj2002 - नहीं जान बताओ तुम्हे मेरी कसम है
priti214 - अरे यार पापा के 1 फ्रेंड है दिनेश अंकल वो काफी अच्छे फ्रेंड है पापा के वो करते है एसी हरकते इधर उधर हाथ लगाते रहते है

raj2002 - क्यू कहा 2 हाथ लगाया जान उन्होंने तुम्हारे
priti214 - अरे यार मैं जब भी उनके पैर छूती हु वो सर पे हाथ रख के आशीर्वाद नहीं देते पीठ पे हाथ रख के देते है हमेशा मेरी ब्रा के स्ट्रैप्स और हुक को फील करते है पीठ पे से फिर मेरी पीठ से अपने हाथ मेरे कंधो पर लाते है और वहां ब्रा के स्ट्रैप्स खीचते है फिर गालो पे हाथ फेरते हुए बोलते है बड़ी सुंदर बिटिया है आपकी साला कमीना इस तरीके से सब करता है की किसी को कुछ पता ही नहीं पड़ता बस मेरे अलावा

raj2002 - और क्या किया उसने और तुम्हे कब पता पड़ा की उसकी नीयत ख़राब है तुम पे
priti214 - 1 बार हम लोग बाहर गए थे घुमने के लिए तो दिनेश अंकल की गाडी लेके ही गए थे तो जब मै पीछे बेठे तो वो भी मेरे साथ पीछे की सीट पे बैठ गए अब जेसे ही गाडी थोड़ी सी हिलती तो वो मुझे बार 2 धक्का देते और बार 2 कभी मेरे हाथ कभी मेरी टाँगे कभी मेरी जांघ पे हाथ लगते मुझे लगा नॉर्मली होगा लेकिन 1 बार उन्होनी अपनी कोहनी से मेरे वहां दबाया ..

raj2002 - कहा दबाया जान बताओ ना
priti214 - वही ना यार समझो ना
raj2002 - कहा बताओ ना मैं समझा नहीं
priti214 - मेरे बूब्स पे
raj2002 - हे !!! क्या बात कर रही हो केसे
priti214 - 1 दम से गाडी मे दचका आया और उन्होंने मेरे साइड बूब्स पे अपनी कोहनी से मारा मुझे लगा की गलती से लगा होगा उनसे लेकिन फिर मुझे अपनी चुन्नी के नीचे अपने बूब्स पर कुछ महसूस हुआ और वो उनकी उंगलिया थी

raj2002 - क्या तो तुमने किसी को बताया क्यू नहीं
priti214 - क्या बताती यार फिर वो सोने का नाटक करने लगे और मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया अब वो बार 2 मेरी गर्दन पे अपने होंठ फेर रहे थे और मैं कुछ नहीं कर पा रही थी फिर उन्होंने मेरे कंधे पे से मेरी चुन्नी और मेरे कुर्ते के strap को साइड से थोडा सा नीचे किया और मेरी कंधे की ब्रा स्ट्रैप्स को किस किया मुझे इतना गुस्सा आ रहा था बस मैं उनसे छूटने की कोशिश कर रही थी फिर उन्होंने मेरी चुन्नी के नीचे से मेरे कुर्ते का गला पकड़ा और उसे हलके से खींच कर अंदर मेरी ब्रा देखने लगे और फिर मुझे गुस्सा आया मैंने सोचा enough is enough ये ऐसे नहीं मानेगा मुझे ही कुछ करना पड़ेगा

raj2002 - तो फिर क्या किया तुमने जान
priti214 - मैंने पापा से बोल की पापा मुझे आगे बेठना है अब गाडी मे
raj2002 - फिर क्या हुआ जान
priti214 - फिर क्या साला कमीना था वो भी जेसी ही पापा ने गाडी रोकी मैं आगे जाके बैठ गयी और मेरे भाई को पीछे बैठा दिया इतने मैं उस दिनेश कमीने ने पापा से बोल यार राजेंद्र तू गाडी ड्राइव कर 2 के थक गया होगा चल अब मैं ड्राइव करता हू मुझे इतना गुस्सा आया मैंने घूर के उसे देखा और वो कमीन मुस्कुरा रहा था मुझे देख के

raj2002 - फिर
priti214 - फिर क्या घर पहुचने मे अभी 2 घंटे का टाइम था और रात के 12:30 हो रहे थे मुझे थोड़ी सी झपकी लग गयी तभी मुझे 1 हाथ अपनी सलवार पे से अपनी जांघ पे महसूस हुआ वो हाथ मेरी जांघ को सहला रहा था और धीरे 2 ऊपर की तरफ आ रहा था ऊपर आते 2 वो हाथ मेरी दोनों जांघो के बीच मे आगया मुझे समझ मे आ गया था की यही कमीना है पर क्या करती उसने मेरे घुटने से लेके मेरी जांघ तक सब जगह हाथ फेरा और सब जगह अपने हाथो से सहलाने लगा फिर उसने अपने हाथ से मेरे दोनों जांघो के बीचे गैप बनाया और मेरी पेंटी पे से मेरे वहां हाथ फेरने लगा

raj2002 - कहाँ मेरी सेक्सी बताओ ना
priti214 - मेरे वेजिना पे ...
raj2002 - फिर क्या हुआ
priti214 - वो अपना हाथ मेरी पेंटी पे फेर रहा था और मैं सोने का नाटक कर रही थी क्या करती आखिर फिर वो अपने हाथ से मेरी पूरी वेजिना को सहलाने लगा अपने हाथ की उंगलियों को वो मेरी वेजिना में फेरने लगा ऊपर से लेके नीचे तक उसके हाथ की दो उंगलिया मेरी पूरी वेजिना में घूम रही थी

raj2002 - अच्छा जान तुम्हे केसा लग रहा था सच बताओ
priti214 - केसा क्या गुस्सा आ रहा था बहुत
raj2002 - नहीं सच 2 बताओ तुम्हे केसा फील हो रहा था तुम्हे मेरी कसम
priti214 - सच बताऊ तो पहले बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन जब अंकल अपने हाथ की दो उंगलियों से मेरे वाजिना को सहला रहे थे उसमे अपनी उंगलिया घुसाने की कोशिश कर रहे थे मेरी वेजिना की स्किन को अपने नाख़ून से रगड़ रहे थे तो मजा आ रहा था एसा लग रहा था की ये सब बंद न हो बस चलता ही रहे

raj2002 - मतलब मेरी जान तुम बहुत गरम हो गई थी है ना
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म
raj2002 -फिर
priti214 - फिर उन्होंने अपने हाथ को मेरे कुर्ते के अंदर डाला और मेरी सलवार के नाड़े को ढूंढ़ने लगे
दीदी की ये chats पढके मेरा लंड बिलकुल टाइट और गरम हो गया था मैं सोच रहा था की मेरी दीदी के साथ इतना कुछ हो चूका है दिनेश अंकल को कितना मजा आया होगा जब उन्होंने दीदी के नरम और मोटे बोबो को छुहा होगा उनका तो लंड खड़ा हो गया होगा और उन्होंने तो दीदी की चूत पे भी हाथ फेर रखा है केसा फील हुआ होगा उन्हें मजा आगया होगा उन्हें तो क्या दीदी की चूत पे बाल होंगे या चिकनी होगी दीदी की चूत और मुझे आश्चर्य हुआ की जब अंकल दीदी की चूत पे हाथ फेर रहे थे तो दीदी को भी मजा आ रहा था ये दीदी ने खुद ने बोल था मुझे ये सब सोच सोच के पता नहीं क्या हो रहा था मैंने इतना ज्यादा excited आज तक फील नहीं किया था मैं लंड पे हाथ फेर रहा था तो मुझे कुछ गीला 2 सा महसूस हुआ शायद वो pre cum था ये सब chats पढके के और उस situtaion को इमेजिन कर कर के मेरे लंड मे पैन होने लग गया था मैंने सोचा अब जाकर मूट मारता हु नहीं तो मेरा लंड फट जाएगा और मै सोचने लगा की काश आज भी दीदी की ब्रा पेंटी मिल जाए बाथरूम मे तो मजा आ जाये मैं ये सोच ही रहा था इतने मे मम्मी दीदी के रूम की तरफ आई "प्रीती ओ प्रीती कहा ह तू " मेरी फट गयी मैंने फटाफट लैपटॉप की स्क्रीन बंद की और लैपटॉप सहीत ही बेड के नीचे चुप गया मम्मी रूम में आके बोली "कहा गयी ये लड़की

दीदी की आवाज आयी "हा मम्मी अभी आयी " दीदी रूम मे आयी
दीदी - "हा मम्मी बोलो "
मम्मी - "अरे कहा थी तू वो कल शादी म चलना है तो चल मार्किट हो आते है , तुझे कुछ चाहिए "
दीदी - "हाँ मम्मी हा मुझे नयी ब्रा पेंटी भी लेनी है 1 सेट की ब्रा तो बहुत ही लूस हो गयी है ना फिटिंग आती है ना शेप और 1 ब्रा में से निप्पल्स साफ़ दीखते है चाहे कुरता पहनो या टॉप तो आप इस बार मेरे लिए ब्रा ऐसी देखना जिसमे मेरे निप्पल्स न दिखे "
मेरी और हालत ख़राब हो रही थी बेड के नीचे से ये सब बातें सुन सुन के मैं सोच रहा था दीदी के निप्पल्स बड़े होंगे या छोटे और कौनसे कलर के होंगे इतने में दीदी ने अपना टॉप ऊपर किया और कहा
दीदी- "और ये वाली जो ब्रा है ये इतनी टाइट है की दम ही निकल जाता है मेरा तो "

मेरे वारे न्यारे होगए दीदी को सामने से ब्रा मे देख के दीदी के मोटे बोबे उनकी टाइट ब्रा में से आधे बहार निकल रहे थे 1 बार तो मेरी इच्छा हुई की अपना लंड निकाल के बेड के नीचे ही मूट मारलु फिर दीदी बोली दीदी - "और हा मम्मी सेल्समेन के सामने मुझसे साइज़ मत पूछना वो साइज़ सुन के घूरते रहते है ब्रैस्ट पे मेरा साइज़ 34 है आप इस साइज़ की ब्रा निकलवा देना और मैं ऊँगली से इशारा कर दूंगी की मुझे कौनसी पसंद आ रहे है मैं कुछ नही बोलूंगी "
मम्मी - "ठीक है तो तूने अभी जो ब्रा पेंटी पेहेन रखे वो उतार दे और जो तुझे comfortable लगते हो पेहेन ले ताकि जरुरत पड़ी तो try करके और compare करके भी देख लेना तू "
अब मैंने सोचा जो मैंने माँगा था वो दीदी उतार रही है बाथरूम मे मेरी इच्छा पूरी हो गयी थी फिर दीदी मम्मी मार्किट चले गए मैंने गेट बंद किया और बाथरूम मे गया

दीदी के टॉवल के नीचे से पहले दीदी की ब्रा उठाई उसपे किस किया उनके कप्स पे किस किया उनके कप्स को सहलाया उनकी ब्रा के कप्स को दबाया और अपने पूरे फेस पे फेरा मैंने दीदी की ब्रा को फिर मैंने दीदी की पेंटी उठाई और उसे जेसे ही सुंघा आज उसमे कुछ ज्यादा ही अच्छी और कमसिन सी खुशबु आ रही थी , दीदी की पेंटी आज उस दिन से ज्यादा गीली थी मैंने दीदी के पेंटी मे देखा तो हैरान रह गया दीदी की पेंटी पे बहुत सारा वाइट गाड़ा पानी जेसा कुछ लगा हुआ था मैं समझ गया की ये दीदी की चूत का डिस्चार्ज है वो नीचे की साइड की पूरी पेंटी पे लगा हुआ था मैंने सोचा की आज दीदी का इतना सारा डिस्चार्ज केसे निकला फिर मुझे समझ मे आगया मैंने मेरे मन मे कहा की "दीदी गरम हो रही थी जब वो अपने bf को बता रही थी की दिनेश अंकल ने उनके बोबे दबाये और उनकी चूत पे अपना हाथ फेरा ये सब बताते 2 दीदी गरम हो गयी थी तभी उनकी चूत मे से इतना सारा डिस्चार्ज निकला " मैं अपनी दीदी की पेंटी मे लगे डिस्चार्ज को चाटने लगा और पूरा चाट के साफ़ कर दिया क्या मस्त taste था मेरी दीदी की चूत का फिर उनकी पेंटी को अपने लंड पे लपेटा और अपने लंड को हिलाने लगा और थोड़ी ही देर मे मैं झर गया आज जेसा अनुभव मुझे कभी नहीं मिला था मैंने वापस दीदी की ब्रा पेंटी रखी और बाहर आया और लैपटॉप ओन किया और दीदी की आगे की chats पड़ने लगा 
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प्यार 3

जेसे ही दीदी नहा के बहार निकली मै जल्दी से बाथरूम मे घुस गया मैंने दीदी के टॉवल के नीचे देखा दीदी के उतरे हुए ब्रा और पेंटी लटके हुए थे मैंने दीदी की ब्रा को अपने हाथ मे लिया और उसे सूंघने लगा दीदी की ब्रा के कप्स को सहलाने लगा दीदी की ब्रा मे से इतनी प्यारी और मादक खुशबू आ रही थी की सूंघते ही मेरा लंड इतना टाइट हो गया जितना पहले कभी नहीं हुआ था फिर मैंने दीदी पेंटी ली और उसे सूंघा और उसे सूंघ कर कसम से दोस्तों मेरी हालत ही ख़राब हो गए दीदी की पेंटी मे से उनकी चूत के थोड़े डिस्चार्ज थोड़े पसीने की खुसबू थी उनकी पेंटी को मैंने अपने पूरे मुह पे फेरा उसे चाटा उसमे से नमकीन स्वाद आया लेकिन जो भी था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने अपनी दीदी की पेंटी को अपने मुह पे और उनकी ब्रा को अपने लंड पे लपेट कर अपने लंड को हिलाने लगा मै पूरी तरह से दूसरी ही दुनिया मे था आँखें बंद करके दीदी की पेंटी को सूंघते हुए उनकी ब्रा अपने लंड पे सहलाते हुए हिलाने मे मुझे इतना मजा आ रहा था ये सोच रहा था की दीदी नंगी होके अपने हाथ से मेरा लंड हिला रही है और इतने मे मै झर गया और मेने अपने लंड का सारा मुट दीदी के ब्रा पे निकाल दिया इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था मेने फिर उनकी ब्रा को साफ़ करके वापस वही लटका दी और बाहर आ गया। दीदी ने नहा के 1 लॉन्ग कुरता और लेगिस पेहेन ली थी वो बाहर अपने गीले बालो को सूखा रही थी और मै साइड मे खड़ा 2 कुर्ते मे से दीदी के बोबे देख रहा था कितने मोटे और बाहर कि तरफ निकले हुए थे जेसे ही वो अपने बालो को झडकती उनके बोबे ऊपर नीचे हिलते उन्हें देखते 2 मै ये सोच रहा था की नहा के दीदी ने कौनसे कलर की ब्रा और पेंटी पहनी होगी मै कब अपनी दीदी को पूरी नंगी देखूंगा केसे उनको नंगी देखु और तभी दीदी ने पुछा "क्या देख रहा हे सोनू "मैंने मन मे सोचा दीदी आप नंगी केसी दिखोगी और आपको नंगी केसे देखू ये सोच रहा हु
उस दिन शाम को दीदी लैपटॉप लेके बैठी थी जब मै अपने फ्रेंड के घर से आया तो मैंने दीदी से पूछा की "दीदी क्या कर रही हो नेट पे " जेसे ही मैं पास गया दीदी जोर से चिल्लाई "मम्मी इस सोनू को बुलाओ ना ये मुझे काम नहीं करने दे रहा" मम्मी ने मुझे डांट के बुला लिया लेकिन मैंने सोचा की मैंने क्या किया मैं तो बस पूछ रहा था फिर मुझे समझ आया की दीदी शायद अपने bf से चैट कर रही होगी इसलिए उन्हें मुझसे प्रॉब्लम हो रही थी मै चुपके से उन्हें छुप के देखने लगा की वो कर क्या रही है जहाँ मैं छुपा हुआ था वह से दीदी की पीठ मुझे दिख रही थी कभी दीदी जोर से हंसती कभी गुस्सा होने का नाटक करती इस से मुझे पक्का यकीन हो गया की वो नेट पे चैट कर रही है अपने bf से दीदी की पीठ मेरी तरफ थी इसलिए मुझे दिखा नहीं की वो किस से और किस साईट पे चैटिंग कर रही है और तभी वो हुआ जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी दीदी ने इधर उधर देखा की कोई है तो नहीं और अपना कुरता ऊपर कर दिया मुझे पीछे से दीदी की नंगी पीठ और उनकी वाइट ब्रा स्ट्रैप्स और ब्रा का हुक दिखाई दिया मैं शोक्केड़ रह गया और अब मुझे पता चल चुका था की दीदी अपने bf से विडियो चैट कर रही है और अपने bf को अपना कुरता ऊपर करके अपनी ब्रा दिखा रही है शायद वो कह रहा होगा की कुछ दिखाओ फिर दीदी ने वापस इधर उधर देखा मझे पता था की मुझे अब कुछ और भी दिखने वाला है तभी दीदी ने इधर उधर देखा खड़ी हुई और अपनी लग्गिएस अपने घुटनों तक नीचे कर दी मुझे पीछे से उनकी वाइट पेंटी मे क़ैद बड़ी और मोटी गोरी गांड दिखी मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया और मै हिलाने लगा अपने लंड को दीदी की पेंटी और गांड देखते 2 मझे ये भी लग रहा था की साला वो लड़का तो मेरी दीदी का सारा माल सामने से देख रहा होगा उनकी ब्रा मे क़ैद उनके मोटे और टाइट बोबे उनके पेंटी मे छुपी हुई उनकी कोमल चूत ये सोच सोच के मैं झर गया

और अब दीदी ने भी चैटिंग बंद कर दी थी मैं वही छुपा रहा दीदी जब बाहर गयी और मम्मी से बातें करने लगी तब मैंने लैपटॉप मे browsing history चेक की उसमे लास्ट साईट FB थी मुझे पता था की दीदी FB पे अपने BF से video चैट कर रही थी और उसे सब दिखा रही थी अब मैंने सोचा की यार अगर दीदी का पासवर्ड मुझे मिल जाए तो मुझे उनकी chats भी पड़ने को मिल सकती है की दीदी आखिर क्या बातें करती है इतने मे पापा आ गए और हम सब खाना खाने लगे खाना खाते 2 मै बस यही सोच रहा था की अब दीदी सोने के लिए अपने कपडे चेंज करेंगी और गाउन पहनेगी मैंने सोच लिया था की कोशिश करूँगा दीदी को नंगी देखने की वो बाथरूम मैं गई और मैं नीचे बाथरूम के दरवाजे और फर्श के गैप मे से अंदर झाँकने लगा दीदी की पहले लेग्गिस नीचे गिरी फिर उनका कुरता और तभी दीदी 1 दम से बाथरूम के दरवाजे की तरफ जल्दी से चलती हुई आयी मेरी गांड फट गयी की कही दीदी ने मुझे देख तो नहीं लिया मैं बेड के नीचे चुप गया और दीदी ने मम्मी को आवाज लगाई "मम्मी मेरा गाउन देना अलमारी मे से " मम्मी ने कहा हां देती हु मैं बेड के नीचे ही छुपा हुआ था

जब मम्मी ने दीदी को गाउन दिया तो मम्मी ने दीदी से पूछा " प्रीती तेरे पास पैड का एक्स्ट्रा पैकेट पड़ा है क्या " ये सुन के मेरे लंड मे अंगडाई आने लगी मैंने सोचा की मेरे मम्मी या तो पीरियड्स मे है या होने वाली हे दीदी ने कहा "नहीं मम्मी मेरी डेट तो अभी 10 दिन बाद है आपको जरुरत है क्या " मम्मी ने कहा "हाँ मैं हो गई हू मुझे लगा मेरे पास पैड का पैकेट रखा है तू चेक करना मैंने तुझे 2 पैकेट दिए थे पिछले महीने 1 whisper choice का था और 1 stayfree का था जिसमे 5 पैड्स बचे हुए थे " ये सब सुनके मेरा लंड टाइट खड़ा था और मैं उसे सहला रहा था मैंने कभी नहीं सोचा था की मेरे साथ एसा होगा तभी दीदी ने कहा "हा मम्मी शायद stayfree होगा रुको मैं देखती हु" और दीदी ब्रा पेंटी पहने हुए ही बाथरूम सी बहार निकले उन्हें क्या पता था की बेड के नीचे छुपा हुआ मै ये बातें भी सुन रहा हु और आखिर मे किस्मत ने मेरा साथ दे ही दिया और मैंने अपने बेहेन को ब्रा और पेंटी मै देख ही लिया दीदी ने वाइट ब्रा और वाइट low waist पेंटी पहनी हुई थी क्या सेक्सी लग रही थी उनकी ब्रा तो इतनी टाइट थी की लग रहा था की उनके मोटे बोबे ब्रा फाड़ के बाहर आ जाएँगे उनकी नंगी गोरी चिकनी टाँगे देख के मेरी तो हालत ख़राब हो गई और उनकी क्या गांड थी मोटी चिकनी गोरी गांड देख के मेरी आँखें फटी रह गयी अपनी दीदी को ब्रा पेंटी मे देखते हुए मैंने वापस मुट मारा और जब मेरा मुट निकला तो इतना सारा निकला और मुझे इतना आंनंद प्राप्त हुआ की मैं उसे बयां नहीं कर सकता मुट मारने के बाद भी मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा हुआ था और मैंने दीदी को ब्रा पेंटी मे देखा और सोचा की आज रात को तो इनके कोमल बदन को छुना ह़ी है
स दिन रात को मेरे दिमाग मे बस यही चल रहा था की दीदी के नाजुक कोमल बदन को केसे छुआ जाये मैं बस रात को odd टाइम का वेट करने लगा उस समय रात के 2 बजे थे गर्मियों के दिन थे दीदी बस चद्दर मे सो रही थी मैं धीरे से उठा और उनके बेड की तरफ गया दीदी आराम से सो रही थी मैंने चद्दर हटाया धीरे 2 , दीदी करवट लेके 1 के ऊपर 1 अपनी 1 टांग रख के सो रही थी जिस से उनकी मोटी गांड बाहर की तरफ निकली हुई थी मैंने धीरे से गाउन पे से दीदी की गांड पे हल्का सा किस किया फिर दीदी का फेस देखा वो आराम से सो रही थी फिर मैंने धीरे 2 उनका गाउन ऊपर किया मुझे उनकी टांगें दिखी मैंने हलके से अपनी उंगलियों का स्पर्श किया कितनी चिकनी टांगें थी दीदी की फिर मैंने धीरे से उनके हाथो को टच किया फिर मैंने उनके गाउन को थोडा और ऊपर किया और उनकी thigs देखी मैंने उनकी thigs पे धीरे से और ध्यान से किस किया फिर मै घूम के उनके बेड के सामने की तरफ गया और दीदी के होठो को टच किया फिर मैंने ध्यान से धीरे 2 अपनी उंगलिया उनके बोबो की तरफ बड़ाई और उन्हें बहुत ध्यान से हलके से छुहा मेरा लंड बिलकुल टाइट था 1 तरफ तो ये डर की दीदी जग ना जाए मुझे पकड़ न ले तो दिल कह रहा था की बस अब आगे कुछ मत कर लेकिन लंड दिमाग पे हावी हो चूका था दिमाग ने कहा अभी तक कुछ नहीं हुआ तो कुछ नहीं होगा और मैंने वापस दीदी के बोबो को हलके से टच किया कितने नरम बोबे थे मेरी बेहेन के टाइट और कोमल मैंने 1 बोबे को छुआ और हलके से दबाया इतने मे दीदी ने करवट ले ली मेरे गांड फटी और मई भाग के अपने बेड पे लेट गया उस समय रात के 3:15 हो रहे थे मै वापस उठा और दीदी का गाउन वापस ऊपर किया दीदी का कोई रिएक्शन नहीं था फिर मैंने धीरे से दीदी का गाउन उनकी हिप्स तक ऊपर किया और मुझे उनकी वाइट पेंटी नजर आयी

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दीदी की पेंटी पे से उनकी गांड को हलके से टच किया फिर उनकी पेंटी को सुंघा फिर उनकी गांड पे किस किया मै 1 हाथ से अपने लंड को सहला रहा था और दुसरे हाथ से अपनी दीदी की गांड को छु रहा था अब मेरे इच्छा दीदी की पूरी पेंटी और उनकी चूत देखने की हुई मैंने उनका गाउन थोडा और ऊपर कर दिया और इतने मै दीदी ने अपने हाथ से अपना गाउन नीचे किया और उठ गयी मै जल्दी से उनके बेड के नीचे बैठ कर tommy (हमारे पेट से बातें करने लगा ) दीदी ने मुझे घूर के देखा और कहा " क्या कर रहा है तू सोनू " मैंने कहा दीदी पता नहीं टॉमी आपके बेड के नीचे बैठा है और हलके से रो रहा ह क्या हुआ इसको खाना नहीं दिया क्या आज दीदी ने उसे देखा फिर मुझे देखा पंखा भी तेज चल रहा था और कूलर भी तो शायद दीदी को लगा की हवा से उनका गाउन ऊपर हो गया था मेरी तो गांड फट के गले मे आ गए दीदी ने कहा "तू सोजा मै देखती हु टॉमी को " मै चुपचाप अपने बेड की तरफ गया और लेट गया और शुक्र मनाने लगी की दीदी को शक नहीं हुआ फिर मैंने आगे कुछ करने का नहीं सोचा और सो गया सुबह उठा तो दीदी मुझसे पहले उठ चुकी थी और नहा कर तैयार हो चुकी थी उनकी फ्रेंड का अज बर्थडे था तो वो वहा जा रही थी जेसे ही मेने दीदी को देखा तो देखता रह गया उन्होंने सूट पेहेन रखा था रेड और वाइट कलर का पतला सा कुरता रेड सलवार और रेड चुन्नी

उस कुर्ते मे से दीदी के मोटे बोबे इतने बाहर आ रहे थे की मेरा दिमाग ख़राब हो गया दीदी ने शायद कुर्ते के नीचे आज शमीज नहीं पहनी थी तो उनकी वाइट ब्रा मुझे साफ़ 2 दिख रही थी मैंने सोचा की 1 पानी बाल्टी लाके दीदी के कुर्ते प डाल दू तो अंदर का सारा माल बाहर दिख जाएगा फिर मैंने दीदी की सलवार की तरफ देखा उनकी सलवार का कपडा इतना पतला था की कुर्ते के साइड के कट मे से उनकी गोरी मोटी thigs आराम से दिख रही थी मैंने सोचा की आज तो अपनी दीदी को नंगी देख कर ही रहूँगा इतनी सेक्सी परी तो मैंने आज तक नहीं देखी दीदी को ये कपडे उतारते हुए तो जरुर देखूंगा मैंने मम्मी से पुछा की दीदी वापस कब आएगी मुम्मी ने कहा शाम तक आएगी मुझे पता था की दीदी अपने कपडे तो चेंज बाथरूम मे ही करेगी तो मैंने 1 तीखा pechkus (पेचकस ) लिया और दीदी के बाथरूम के दरवाजे मे छेद करने लगा और छेद कर दिया इतना की किसी को नजर भी न आए और मुझे बाथरूम के अंदर का सब दिख जाए और उस छेद के अंदर मैंने पेपर टुकड़ा डाल दिया ताकि कमरे की लाइट से किसी को पता नहीं चल जाए की बाथरूम दरवाजे मे छेद हे जब दीदी अपने बाथरूम मे अपने कपडे चेंज करेंगी तो मै उस छेद मैं पेचकस से धक्का देके के उस पेपर के टुकड़े को हटा दूंगा और दीदी को कपडे उतारते हुए और उनके इतने प्यारे और मोटे बोबे उनकी चिकनी चूत मोटी गोरी गांड सब देखूंगा बिलकुल नंगी देखूंगा सब आज जिनके वजह से मैं अभी तक इतना तदपा था , लेकिन आज मैं अपनी दीदी को नंगी देखने वाला था उस दिन मैं दीदी के आने का वेट करने लगा तभी मैंने सोचा की दीदी की चैटिंग को भी पकड़ा जाए शाम होने मैं अभी 2 घंटे बाकी थे मैं उस जगह पर पहुंचा जहाँ बैठ कर दीदी लैपटॉप पे चैट करती थी मैंने इधर उधर देखा उसी जगह के ऊपर 1 तिखाल थी जहा पर कुछ सामान रखा हुआ था मैंने उसकी हाइट चेक की उस तिखाल से नीचे की एक्टिविटी साफ़ 2 नजर आ रहे थे मैंने प्लान बनाया की उस तिखाल पर छुपा कर 1 कैमरा रखा जाये विडियो मोड पे जिस से जब दीदी अपना पासवर्ड डालेगी तो वो रिकॉर्ड हो जाएगा तो उस से मुझे पता चल जाएगा की दीदी ने कौन 2 सी keys दबाई हे और उनका पासवर्ड क्या और जब दीदी चैटिंग मे अपनी ब्रा पेंटी जो भी दिखाएंगी वो भी कैमरे मे रिकॉर्ड हो जाएगा मै अपने इस प्लान पे बड़ा खुश हुआ मैंने उस तिखाल पे 1 कैमरा विडियो रिकॉर्ड मोड पे करके सही एंगल पे एडजस्ट करके रख दिया और अब मै बहुत खुश था मेरी तैयारियो से की आज तो दीदी को नंगी जरुर देखूंगा। जेसे ही दीदी शाम को आयी मेरा दिल जोर 2 से धड़क रहा था लेकिन जेसे ही मैंने दीदी को देखा बस देखता ही रह गया कितनी सेक्सी लग रही थी मेरे बेहेन रेड सूट लम्बे बाल खुले हुए गोरे फेस पे ब्राउन गोगल्स

दीदी आयी और मैंने दीदी को कहा दीदी यहाँ आओ न मुझे ये सम समझ नहीं आ रहा दीदी सामने आके बैठी और मेरे हाथ से बुक ली और कहा "इसमें क्या हुआ सोनू मैंने बतया तो था ला कॉपी दे तेरी मै वापस समझा देती हु " दीदी कॉपी लेकर सम करने के लिए झुकी और जो मै चाहता था वही हुआ दीदी के कुर्ते के गले मे से मुझे उनकी ब्रा दिखाई दे गई कितने मोटे 2 बोबे थे मेरी दीदी के ये सोच के मेरा लंड खड़ा हो गया दीदी के गले मे पतली सी चैन और उस लटकी हुई चैन मे से दीदी की ब्रा के कप्स साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे

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Sunday 22 February 2015

प्यार 2

1दम से मम्मी ने कहा "प्रीती तू झाड़ू पूछे का कम ख़तम कर बर्तन और खाना मै कर लुंगी " दीदी ने कहा ठीक है मम्मी की ये बात सुन के मुझे मजा आया था क्योंकि मुझे पता था की अब मेरे बेहेन झाड़ू निकालेगी झुक झुक के वो जेसे ही झुकी झाड़ू निकलने के लिए मुझे उसकी ब्रा दिखाई दी मैंने पहले बार अपनी बेहेन की ब्रा और बोबे इतने क्लियर देखे थे मैंने सोचा दीदी की शमीज कहा गई शायद गर्मी के कारन उतार दी होगी जेसे 2 वो झुकती मुझे उसके ब्रा मे क़ैद बोबो के दर्शन होते हाय कितने मोटे मोटे बोबे थे रस से भरे हुए कितने कोमल होंगे ये बस यही सोच के और दीदी के ब्रा देख देख के मेरे हालत ख़राब हो चुकी थी मेरे लंड मे इतना तेज दर्द होने लग गया था की मैं बता नही सकता मै फटाफट बाथरूम गया वहा मैंने देखा दीदी के टॉवल के नीचे उनकी शमीज लटकी हुई थी मैंने उस शमीज को उठाया और सुंघा इतने कमसीन खुशबु थी उस शमीज मे दीदी के बोबो की शमीज सूंघते 2 अपने आप ही मेरे हाथ मेरे लंड पर चले गए और मैं अपना लंड हिलाने लगा ये सोच के की ये शमीज दीदी ने पेहेन रखी थी इसमें उसकी ब्रा थी और ब्रा में उसके मोटे कोमल बोबे थे और ये सोचते 2 मै झर गया आज जेसा सुकून आज जेसी फीलिंग मुझे कभी नहीं हुई थी अब मैंने सोचा की अगर दीदी की शमीज से इतना मजा आया मुझे तो दीदी को पूरी नंगी देखने मे कितना मजा आएगा जेसे ही मैं बाहर निकला मैंने दीदी के तकिये के नीचे उनके सेलफोन की लाइट चमकते देखी मैंने जाके सेलफोन चेक किया तो दीदी के सेलफोन1 पे मेसेज था मैंने वो मेसेज खोला उसमें लिखा हुआ था "गुड मोर्निंग मेरी सेक्सी जान क्या कर रही हो " वो मेसेज पड़ के मुझे शॉक लगा मैंने सोचा"ये क्या दीदी का कोई bf भी है " मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन मैंने अपने गुस्से को दबा लिया और मैं समझ गया की अगर ये लोग फोन पे chat करते हें तो नेट पे भी करते होंगे इनको पकड़ने के 1लिए प्लान सोच लिया . फिर मैंने सेलफोन वापस तकिये के नीचे रख दिया वो मेसेज डिलीट करके जब मैं हॉल मे गया तो दीदी पोछा लगा रही थी उनका कुरता थोडा पानी का काम करने के कारन गीला हो गया था इसी वजह से जब बी वो झुकती थी तो वो बहुत ज्यादा लटक रहा था मैं ये मौका नहीं छोड़ना चाहता था मैं 1 कॉमिक्स लेकर सामने बैठ गया जहा दीदी पोछा लगा रही थी और छुप छुप के उसकी ब्रा देखने लगा जब भी वो झुकती उसकी ब्रा का क्लियर व्यू मुझे दीखता क्योंकि कुरता गीला हो गया था , उसके झुकने पर उसकी ब्रा मे क़ैद उसके मोटे मोटे बोबे लटकते और ऊपर नीचे होते ये देख के मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा जब दीदी अपने हाथ उठा कर shelf साफ़ कर रही थी तो मैंने उनके underarms देखे वहां पर 1 भी बाल नहीं था बिल्कुल चिकना था मैंने सोचा दीदी क्या अपनी चुत के बाल बी साफ़ करती होगी क्या ये सब सोच 2 कर मेरा लंड वापस टाइट हो गया
तभी दीदी ने मुझे बुलाया "सोनू सुन जरा ये पानी के बाल्टी ऊपर लेके चल मैं तेरे पीछे 2 ऊपर आती हु " मैंने कहा हा दीदी मै बाल्टी लेके ऊपर चड़ा 2-3 सीडिया चडके 4th सीडी पे मेरे हाथ से पानी की बाल्टी छुट गई और सारा पानी दीदी के ऊपर गिर गया दीदी मुझ पर चिल्लाने लगी "पागल हे क्या अक्ल नहीं हे क्या तेरे में नहीं उठ रही थी तो बोल देता सारे कपडे गीले हो गए "लेकिन मेरा ध्यान तो मेरे बेहेन के हुस्न प था गीले होने के कारन उसके कुरता और कैपरी उसके शरीर से चिपक गए थे अब मुझे उसकी ब्रा का शेप बिलकुल क्लियर दिख रहा था और उसकी पेंटी का शेप भी मुझे साफ़ 2 दिख रहा था दीदी ने low waist पेंटी पेहेन रखी थी उसके बदन का 1-1 उभार मुझे नजर आ रहा था क्या मोटे 2 बोबे बाहर दिख रहे थे पतली कमर मोटी गांड गीले बाल बिलकुल कंचा लग रही थी फिर उसने मुझसे कहा की "क्या देख रहा है अब ध्यान से आना खुद मत गिर जाना सारे कपडे गीले कर दिए मेरे " मम्मी ने कहा अरे कपडे चेंज करले जल्दी नहीं तो सर्दी लग जाएगी मुझे पता था की अब दीदी बाथरूम मैं जाएंगी कपडे चेंज करने और ये मेरे लिए अच्छा मौका था उसे पूरी नंगी देखने का दीदी अपने गीले कपड़ो को चेंज करने के लिए बाथरूम मे गई ये मेरे लिए अच्छा मौका था अपनी दीदी को कपडे चेंज करते हुए पूरी नंगी देखने का दीदी के बाथरूम का दरवाजा बंद करने के थोड़ी देर बाद मै बाथरूम के बाहर आकर खड़ा हुआ और बाथरूम के अंदर देखने की कोशिश करने लगा मेरे दिमाग मे ये चल रहा था की दीदी अब अपना टॉप उतार रही होंगी अब दीदी केवल ब्रा मे होंगी मेरा लंड पूरा खड़ा था और मै बाथरूम के दरवाजे मे कोई छोटा सा छेद या दरार ढूँढ रहा था जहा से मुझे बाथरूम के अंदर का बेहतरीन नजारा सामने आ जाए लेकिन मेरे फूटी किस्मत साला दरवाजे म कोई दरार या छेद ही नहीं था तो मैंने नीचे झुक के दरवाजे और ज़मीन के बीच के गैप मे से अंदर देखने के कोशिश की मुझे नीचे बाथरूम की टाइल्स के reflaction से कुछ धुन्दला सा नजर आया लेकिन कुछ दिखा नहीं बस दीदी की टांगें दिखी फिर दीदी का टॉप नीचे गिरा फिर कैपरी फिर दीदी की काली ब्रा नीचे गिरी फिर पेंटी नीचे गिर मै झुके हुए ही अपने लंड को सहलाने लगा की अब दीदी बाथरूम मे पूरी नंगी होगी मै अपना लंड हाथ मे लेके इधर उधर घूम रहा था की कही से तो बाथरूम के अंदर देखने की जगह मिल जाए लेकिन कही कुछ जगह नहीं मिली मै वापस नीचे के गैप मे से देखने लगा दीदी ने साथ ही नहाना भी स्टार्ट कर दिया था दीदी बाथरूम मे पट्टे पे बैठकर नहा रही थी मुझे उनकी थोड़ी सी नंगी thigs के दर्शन हुए इतने मे मम्मी ने मुझे आवाज दी और मै चला गया सोचते हुए की दीदी नंगी बाथरूम मे है कहा 2 साबुन लगा रही होगी अपने नंगे जिस्म पे कहा 2 हाथ फेर रही होगी ये सोच सोच के मेरा दिमाग ख़राब और लंड बिलकुल टाइट खड़ा था
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प्यार 1

हमारे घर मे मैं और मेरी 1 बड़ी बेहेन है .मेरा नाम सोनू है और मेरे दीदी का नाम प्रीती है बात तब की है जब मैं 10th क्लास मे था और मेरी दीदी 12th क्लास में थी हम दोनों मैं किसी भी नार्मल भाई बेहेन की तरह प्यार था बचपन से हम साथ थे मेरे दीदी मेरा बहुत ध्यान रखती थी लेकिन मेरी लाइफ मै 1 दिन एसा आया की मेरा उसको देखने का ढंग ही बदल गया .जब दीदी 12th मै थी तो उनका फिगर होगा 34-30-34 लम्बे बाल 5'5 हाइट गोरा कलर .हम साथ मे ही स्कूल जाते थे।मेरे मन मे उनके लिए कुछ भी गंदे विचार नहीं थे लेकिन उस 1 दिन ने सब कुछ बदल दिया।

उस दिन सन्डे था हमारे स्कूल की छुट्टी थी मै और मेरे दीदी साथ ही सोते थे उनके और मेरे बेड के बीच 1 टेबल रखी हुई थी।हा तो उस दिन सन्डे के दिन मम्मी ने मुझे बोला की जा सोनू दीदी को उठा दे 9 बज रहे है मैंने कहा हा मम्मी मैं अपने रूम मे गया तो दीदी सो रही थी गर्मियों के दिन थे तो दीदी रात मे गाउन पेहेन लेती थी
उस दिन सुबह जब मै दीदी को उठाने पहुंचा तो दीदी साइड करवट में सो रही थी और उनका गाउन ऊपर हो गया था मैंने जेसे ही उन्हें उठाने के लिए उनपे से चद्दर हटाई मेने अपनी दीदी के नंगी चिकनी टांग देखी उनका गाउन उनकी thigs तक ऊपर हो गया था और जेसे ही मेने उनकी नंगी गोरी और चिकनी टांग देखी मुझे पता नहीं क्या होगया मेरे लंड मे 1 दम से हरकत हुई न चाहते हुए भी मुझे दीदी के ऊपर उठे गाउन मे से उनकी नंगी चिकने thighs म मजा आ रहा था बिलकुल गोरी साफ़ और चिकनी thigs थी मेरे दीदी की उनकी नंगी गोरी thigs देख के क मुझे पता नहीं क्या हो गया था आज तक मैंने किसी भी लड़की का एसा कुछ नहीं देखा था उस समय मुझे ये तक नही पता था की लड़की होती क्या है बस स्टडी और खेलना ही जानता था 1 दम से आज मैंने वो देखा जिसका मुझे आज तक पता नहीं था दीदी की thigs देखने के बाद मुझे और देखने की इच्छा हुई तो मैंने दीदी के गाउन को बड़े ध्यान से धीरे 2 डरते 2 थोडा सा और ऊपर किया तो मुझे उनके हिप्स की स्टार्टिंग दिखाई दी वो नजारा भी क्या नजारा था दोस्तों मेरे जवान बड़ी बेहेन की पूरी नंगी चिकनी टांग हिप्स तक मेरे सामने थी मुझे एसा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ था मुझे पता नहीं क्या हो गया था मैंने फिर उनका गाउन ध्यान से थोडा और ऊपर किया अब मुझे उनकी पेंटी नजर आ गई उन्होंने black कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरी दीदी मेरे सामने अपनी पेंटी मे सो रही थी मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया था मैंने पहली बार किसी लड़की की पेंटी और हिप्स देखे थे मेरी दीदी के हिप्स देख के मैं पागल हो गया पता नहीं क्या हो गया था मुझे मैं उनकी पेंटी को छूना चाहता था जेसे ही मैंने अपना हाथ अपनी दीदी की thigs पे रखा मम्मी ने आवाज लगा दी "प्रीती क्या हुआ उठी नहीं तू " और मैं वहा से भाग गया मेरा साथ एसा कुछ होगा मैंने कभी नहीं सोचा था मेरी दीदी के लिए मेरी फीलिंग्स अब बदल चुकी थी उस दिन दीदी उठी ब्रश किया और सबको गुड मोर्निंग कहा और मुझे भी हमेशा की तरह गले लगा के विश किया उस दिन दीदी के गले लगने पर मुझे 1 अजीब सा एहसास हुआ उनकी कोमल स्किन उनके बालो की खुशबु उनके बदन के स्पर्श से आज मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं डाइनिंग टेबल पे बता था जब दीदी में मुझे झुक के गुड मोर्निंग विश किया.
जेसे ही दीदी झुकी तो मेरी नजरे दीदी के कुर्ते के अंदर गयी क्या नजारा था दीदी के कुर्ते के अंदर का उन्होने कुर्ते के अंदर ब्लैक शमीज पेहेन रखी थी और शमीज के अंदर ब्रा पेहेन रखी थी उनकी ब्रा का शेप तो मुझे दिखा लेकिन कलर नही दिखा क्योंकि उनकी शमीज का कलर ब्लैक था लेकिन अंदर क्या शेप बन रहा था उनके झुकने के कारन उनके बोबे थोड़े से लटक भी गए थे क्या बोबे थे मेरी बेहेन के मैंने तो कभी गोर ही नहीं किया था की मेरी दीदी के बोबे इतने मोटे हें.मुझे हग करके वो भी टेबल पर बैठ गए नाश्ता करने के लिए वो न्यूज़ पेपर पढ़ रही थी लेकिन मेरी नजर तो बार बार उनपे ही जा रही थी वो कुछ भी लेने के लिए हाथ इधर उधर करती तो उनके कुर्ते के गैप मे से मुझे उनकी शमीज और ब्रा की स्ट्रैप्स दिखाई देती जिसे देखने मे मुझे बहुत मजा आ रहा थामैं बार बार दीदी की शमीज और ब्रा के स्ट्रैप्स उनके कुर्ते की साइड के गले मे से देख रहा था उनके अंदर के शरीर की गोरी गोरी कोमल skin देखने मे मुझे बड़ा मजा आ रहा था नाश्ता करते हुए मै किसी न किसी बहाने से दीदी का हाथ टच कर रहा था मैंने सोचा की अब और कुछ ज्यादा केसे मजे लिए जाये तभी दीदी ने मुझसे बोल "अरे सोनू मुझे सॉस की बोतल लाके देना किचन मे से " मै खड़ा हुआ और दीदी को सॉस की बोतल लाके दी और पीछे से दीदी के गले मै हाथ दाल के खड़ा हो गया और उनके कुर्ते के गले मे झाँकने लगा दीदी तो मुझे देख नहीं सकती थी उन्होंइ कहा की "क्या हुआ सोनू आज बड़ा प्यार आ रहा है तुजे अपनी दीदी पे " मैंने कहा नहीं दीदी वो तो एसे ही" और मैंने दीदी के कुर्ते के अंदर पास से देखा उनकी शमीज और उनकी ब्रा मुझे अब साफ़ नजर आ रे थी मैंने अब हाथ गले से निकाल कर उनके कंधो पे रख लिया और उनकी ब्रा स्ट्रैप्स को महसुस करने लगा ये सब करते हुए मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था इच्छा तो हो रही थी की पीछे से खड़े होके उनके कुर्ते के गले मे हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू उनकी ब्रा फाड़ के चूस लो उनके मोटे कोमल बोबो को लेकिन कुछ कर भी तो नहीं सकता था।सबका नाश्ता ख़तम हो चूका था और दीदी भी नाश्ता करके घर की साफ़ सफाई मे लग गए थी अब मै बस इसी फिराक म था की दीदी झुके और उनके बोबे देखलू मै दीदी के आस पास ही था
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खूबसूरत साली 3

 मेरी सगाई तो हो गई थी| मेरी शादी को अभी दो (२) महीने बाकी थे| और मुझे बैंक ज्वाइन करने में भी अभी एक (१) महिना शेष था| मैं और आशा एक ही शहरमे रहते थे| तो एक दिन मेरी सालियोंने मुझे उनके घर आने के लिए मुझे फ़ोन कर न्योता दे दिया|

ज्योती - नमस्ते जीजू|

मैं - नमस्ते डॉक्टर साहिबा| आज हमें कैसे याद किया|

ज्योती - (शरमाते हुए) बस याद आ गयी तो मन किया की चलो अपने प्यारे जीजू से कुछ बाते की जाये| वैसे आप तो हमें कभी याद ही नहीं करते| अरे हाँ आप का हमसे कोई काम तो नहीं है ना!

मैं - (ज्योती की ऐसी बाते सुन चौंकते हुए) क्यों जी ऐसी क्या बात हुयी जो आप ऐसे कह रही है| क्या हमने आप से कहा है या हमारे हाव भावों से ऐसा प्रतीत हुवा की हमें आप से कुछ काम होगा तो ही आप से बात करेंगे नहीं तो नहीं करेंगे|

ज्योती - अरे जीजू शायद मेरी बात से आप को बुरा लगा| मगर क्या आप को नहीं लगता की आप मुझे सच मैं भूल गए है| (और ज्योती हँसाने लगाती है|)

मैं - (कुछ परेशान होते हुए|) यार मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा की मैं क्या भूल गया हूँ| अरे कुछ समझ में आये इस तरह से बात करो ना|

ज्योती - क्या जीजू आप को आशा ने कुछ बताया नहीं क्या?

मैं - लेकिन किस बारे मैं?

ज्योती - अरे बाबा क्या उसने नहीं बताया आज के बारे में?

मैं - नहीं मेरी उससे दो दिन से बात ही नहीं हुयी| अच्छा अब पहेलिय बुझाना बंद करो और तुम ही बतावो की आज क्या ख़ास बात है जो आप ने हमें फ़ोन करने की जेहमत उठाई| और हमें यूँ परेशान किया इतना उलझी बाते कर के|

ज्योती - पहले तो हम आप से माफी मांगते है अगर आप को बुरा लगा हो तो|

मैं - नहीं मेरे कहने का ये मतलब नहीं था| लेकिन मैं सच कह रहा हूँ की मेरी और आशा की दो दिन से बात ही नहीं हुयी| शायद वो मुझ से कुछ नाराज है|

ज्योती - तभी मैं कहूं की आशा इतनी उदास क्यों है कल से| क्या कुछ जागदा हुवा है क्या आप दोनों मैं कहे तो मैं आप की मदद कर सकती हूँ|

मैं - हाँ यार वो मैंने कुछ बोल दिया था गुस्से मैं तो वो नाराज हो गयी कल सुबह में| पर तुम मेरी मदद क्यों करोगी इस बात में? तुम्हे भी तो गुस्सा होना चाहिए था इस बात पर की मेरा आशा से झगडा हुवा है| मुझपे इतनी मेहरबानी करने की वजह| क्या मुझसे से कुछ चाहिए क्या?

ज्योती - चाहिए भी और नहीं भी| हाँ अगर आप चाहे तो मैं आपकी मदद कर दूँगी|

मैं - चलो ठीक है तो कर दो मदद| पर ये कैसे संभव है?

ज्योती - वो बात आप मुझपे छोड़ दीजिये| बस आप को एक काम करना होगा|

मैं - बोलिए क्या करना होगा| आप जो कहेंगी वो करने के लिए तैयार हूँ मैं| चाहे तो मैं आप से प्रोमिस करता हूँ|

ज्योती - ठीक है तो प्रोमिस है| आप को घर आना होगा आज शाम को|

मैं - आज! आज कुछ खास है क्या?

ज्योती - अरे मैं बातो बातों में भूल गयी आपको| आज मेरा जन्मदिन है| और मैंने आप को यही बताने के लिए फ़ोन किया है|

मैं - ज्योती सबसे पहले जन्मदिन की ढेर साडी शुभकामनाये| और मैं बिना भूले आज शाम को घर आ जाऊंगा|

ज्योती - शुक्रिया जीजू| अब मैं फ़ोन बंद करती हूँ| मुझे बहोत साड़ी तैयारियां करनी है|

मैं - अगर तुम्हे कुछ मदद चाहिए तो मैं अभी आ सकता हूँ|

ज्योती - ठीक है तो आ जाईये| मैं आप का इन्तजार करती हूँ|

इतना बोल ज्योती ने फ़ोन बंद कर दिया| और मैं भी १० मिनट में तैयार हो के आशा के घर की तरफ चल दिया|
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जाते जाते मुझे एक ख्याल आया| क्यों ना कुछ मिठाई ली जाए| तो मैं एक मिठाई की शॉप में चला गया| मैंने उस शॉप से रस मलाई ली और आशा की घर की और चल दिया|

घर जाते ही ज्योती ने दरवाज़ा खोला| जैसे ही मैंने उसे देखा मेरा मूह खुला का खुला रह गया| ज्योतीने जो कपडे पहने थे उसे देख मैं हैरान ही रह गया| उसने सिर्फ एक टॉप पहना हुवा था जो उसकी जांघों को भी छुपा नहीं पा रहा था|शायद उसने अंदरसे कुछ पहना भी नहीं था| क्यों की उसके टॉप के उपरसे ही मुझे उसके उरोजों के तने हुए काले चुचक साफ़ दिख रहे थे| और टॉप के आगे कोई बटन भी नहीं था और उसके टॉप से उसके उरोजों के बीच की दरार दिख सकती थी| और उसके उरोजों के कुछ कुछ दर्शन भी हो रहे थे|

मुझे ऐसा देखते देख ज्योती कुछ शरमा गयी और अन्दर भाग गई| वो जब भाग रही थी तो उसके कुल्हे बहोठी थिरक रहे थे|और भागते वक़्त मुझे उसका टॉप कुछ ऊपर सा हो गया तो मुझे उसके नग्न कुल्हे दिख गए और उसके निचे शायद उसने कुछ पहना नहीं था| क्या लग रही थी| मैं ये सब देख इतना उत्तेजित हो गया की मेरा पप्पू तम्बू बना के पेंट में खड़ा हो गया| ये तो अच्छा हुवा की ज्योती ने ये सब नहीं देखा|

मैं जब अन्दर गया तो ज्योती की आवाज़ आ गयी|

ज्योती - जीजू दरवाज़ा बंद कर लीजिये| घर मैं कोई नहीं है| सब लोग बाज़ार गए हुए है| और प्राप्ती स्कूल को गयी है|

उसकी यह बात सून मेरे शरीर में रोंगटे खड़े हो गए| जैसे तैसे मैंने दरवाजा बंद कर लिया और उसे कहा--------

मैं - ज्योती तुम कहा हो|

ज्योती - अन्दर हूँ|

मैं - क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ|

ज्योती - आइये न आप को किस ने रोका है|

मैं - अगर सब लोग बहार गए थे तो मुझे इतनी जल्दी कैसे बुला लिया|

मैं ये बोलते बोलते अन्दर दाखिल हुवा| वो अभीभी उसी टॉप में बैठी कुछ काम कर रही थी| उसे देख मेरे पप्पू ने फिर से हरकत करनी शुरू कर दी| इस वक़्त ज्योती मेरे पेंट की तरफ ही देख रही थी| मेरी हालत देख वो मन में ही हस रही थी| और वो बोल पड़ी|

ज्योती - मुझे क्या पता था की आप सच में इतने जल्दी आ जायेंगे| मुझे लगा था आप शायद एक घंटे बाद आयेंगे|

मैं - किसको घायल करने का इरादा है|

ज्योती - नहीं तो| मैं तैयार हो रही थी| इतने में आप आ गए|

मैं - लेकिन दरवाज़ेपे अगर कोई और होता और तुम्हे इस हालत में देखता तो उसका क्या होता|

ज्योती - वही होता जो अभी आप का हाल है|

मैं - याने तुमने जान बुझ कर ऐसे कपडे पहने है| मुझे उत्तेजित करने के लिए|

ज्योती - जैसे आप ठीक समझे| मैं तो सच में तैयार हो रही थी| मैं अभी नहाने जा रही थी|

मैं - तो अब तुम्हे किस ने रोका है| जावो नहा के आ जावो मैं रुकता हूँ| हाँ जाते वक़्त टीवी शुरू कर देना|

ज्योती - ठीक है मैं अभी आती हूँ नहा के|

ऐसे बोल वो उठ गयी और टीवी शुरू करने के लिए रिमोट खोजने लगी| रिमोट शायद निचे रखा हुवा था तो उसे उठाने के लिए वो जैसेही झुकी मुझे उसकी खुली गांड के फिरसे दर्शन हो गए| इस बार मैं अपने पर काबू ना प् सका और सीधे जाके उसे मैंने पीछे से पकड़ लिया| जैसे उसे इस अचानक हमले से कुछ ऐतराज़ नहीं था तो वो कुछ बोली नहीं सिर्फ बोली|

ज्योती - जीजू मैं आशा नहीं हूँ| किसीने देख लिया तो क्या सोचेगा की कैसा दामाद है जो अपनी साली से ऐसे बेशर्मोकी तरह चिपक गया है|

मैं - अब यहाँ कोई नहीं है तो किसीके कुछ कहने का सवाल ही नहीं उठता| वैसे जिसके पास ऐसी ख़ास साली हो वो जीजा तो बेशरम ही होगा|

मैंने जब उसे पकड़ा था तो मेरा हाथ उसके पेट पे था| उसने भी अपना हाथ मेरे हाथ पे रख दिया|
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खूबसूरत साली 2

मैं जब आशा को देखने पोहचा तो मैंने गार्डन में आरती को देखा| शायद उसे ये अंदाजा नहीं था की हम आशा को देखने आ रहे है| जब मैंने उसे देखा तो वो पौदों को पानी दे रही थी|उस वक़्त मुझे उसका सिर्फ पिछवाडा दिख रहा था| जिसे देख मैं तो हैरान रह गया| क्या दिख रही थी आरती| उसके वो बड़े बड़े कुल्हे जिसे मटकाते हुए वो पौदों को पानी दे रही थी| जिसे देखते ही मैं उसपे फ़िदा हो गया| मेरा ध्यान तब टूटा जब मेरे दोस्त ने मुझे टोका|

हम घर के अन्दर दाखिल हुए लेकिन मेरा ध्यान तो उस मटकते हुए कुल्हे पर ही था| मैं उसे भुला ही नहीं सकता था| अन्दर आने के बाद जब हम बैठे तब घर मैं सिवाई आशा की माँ के उसका भाई और ये तीन बहने ही थी| उसके भाई ने हमें बैठने के लिए कहा और कुछ ५ मिनट बाद एक बहोत ख़ूबसूरत लड़की हमें पानी देने के लिए उस कमरे में आ गयी| वो और कोई नहीं आरती ही थी| जब वो पानी देते हुए आ रही थी मैं सिर्फ उसका पिछवाडा ही देख रहा था| जैसे ही वो मुझे पानी देने के लिए मेरे पास आयी मेरी तो धड़कने बड़ी तेज हो रही थी| पर जैसे ही वो मुझे पानी देने के लिए झुकी मानो मुझपे तो बिजली गिर पड़ी| जैसे वो झुकी, पानी लेते वक़्त मेरी नजर सीधा उसके ड्रेस के गले से होते हुए उसके अन्दर तक चली गयी| और जो मैंने देखा वो तो मैं बयां नहीं कर सकता| उस वक़्त शायद उसने उस टॉप के अन्दर पुश अप ब्रा पहनी हुयी थी और उसकी वजह से उसके उरोज उस टॉप से बाहर आने को बेक़रार थे| ये नजारा देख मेरे हाथ से पानी का ग्लास गिर गया जो सीधा मेरी पेंट पे ही गिरा| जिससे मेरी पूरी पेंट गीली हो गयी| इस अचानक हुए हादसे से आरती को हसी तो बहोत आ रही थी लेकिन मेरी हालत देख उसे तरस भी आ रहा था| इस हादसे की वजह से मुझे इतनी शर्म आ रही थी की मेरी नजर ऊपर उठ नहीं रही थी| इतने में आरती मुझे बोली "आप अन्दर चलिए"| इस अचानक हुए हादसे से मैं पहले ही शर्म से लाल हो गया था /images/smilies/red_smile.gif और उसके इस बात से तो मुझे क्या बोलू वो सूझ भी नहीं रहा था|
मेरी इस समस्या को जान मेरा दोस्त मुझे बोला "सुमीत! अरे यार बिना कुछ सोचे जल्दी से अन्दर जा नहीं तो तेरी हालत और भी खराब हो जाएगी"| उसकी बात मान मैं आरती के पीछे चला गया| मैं अन्दर गया तो आरती ने मुझे तौलिया दिया और बोली "आप की पेंट निकल के दीजिये| मैं उसे सुखा देती हूँ"| मैं उसे बोला "इतने जल्द पेंट नहीं सूखेगी"| तो आरती बोली "अरे सुमीतजी आप पेंट निकली ये तो मैं सिर्फ ५ मिनट मैं कुसे सूखा देती हूँ "| मैंने बिना कुछ बोले उसे मेरी पेंट निकाल के दे दी| आरती मुझे बोली "आप थोड़ी देर बैठिये"| और इतना कह के वो मेरी पेंट आयरन करने लगी| इस बार भी वो मेरी तरफ पिछवाडा हिला हिला कर के आयरन कर रही थी| इस वक़्त वो मेरे इतने करीब थी मुझे लगा की मै उसे छु लूं| लेकिन हालात देख मैं सिर्फ उसे देख रहा| उसने मुझे पेंट दे दी और वो चली गयी| में भी पेंट पहन के बाहर आ गया|

कुछ देर बाद लड़की देखना का प्रोग्राम ख़तम कर हम वापिस आ गए|

घर आते ही मैं मेरे घरवालों से आशा के लिए हाँ कर दी|

क्रमशः
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जल्दीही मेरी सगाई कि तैयारीयां शुरू हो गयी|

सगाई आशा के घर में थी| तो हम उनके घर दोपहर १२ के करीब पहुँच गए| सगाई गार्डन में थी| १२:३० को मोहरत था|

में तो तैयार था और जब आशा को गार्डन में लाया गया तो मैं उसे देखता ही रह गया| उसने गुलाबी रंग की साडी पहनी थी जो सेमी ट्रांसपेरेंट थी| उसने साडी को नाभी के थोडासा नीचे तक पहना था| जिसकी वजहसे उसकी कमर के दीदार हो रहे थे| उसपे मैचिंग कलर का "V" शेप का ब्लाउज पहना था| मगर उस ब्लाउज में से उसके उभारोंके बीचमे से उसका क्लीवेज दिख रहा था| और क्या गजबका क्लीवेज दिख रहा था मेरी नज़र तो हट ही नहीं रही थी| उसने बाल खुले छोड़े थे जिस वजहसे कुछ जुल्फे उसके चेहरेपे आ रही थी| जो उसे परेशान कर रही थी और वो बार बार उसे पीछे किये जा रही थी| उसने अपने लबों पर हलके गुलाबी कलर की लिपस्टिक लगायी थी| गालोंपे हल्का गुलाबी फाउंडेशन लगाया था| हाथोंमे गुलाबी कलर की चूड़ीयां पहनी थी|


उसके इस लिबास को मैं भूल नहीं सकता| मैं उसे तब तक देखता रहा जब तक वो मेरे पास आके नहीं बैठी| रसम शुरू हो गयी| घर की औरतोंने हमारा तिलक किया| बाद में हमने एक दुसरे को रिंग पहना दी| इस तरह से हमारी सगाई हो गई| इसके बाद आशा घर के अन्दर चली गई| उसके हमारी आवभगत शुरू हुई| तक़रीबन १:३० बजे हम सब ख़तम करके घर लौट आये|

सगाई तो हो गई लेकिन आज जब से मैंने आशा को देखा था मेरा तो कही दिल भी नहीं लग रहा था| हर वक़्त मेरी नज़र के सामने सिर्फ आशा का चेहरा ही दिखाई दे रहा था| मुझे दो हफ्ते बाद अपनी बैंक ज्वाइन करनी थी| तो अगले हफ्तेमे मेरी शादी थी| घर के सभी लोग शादी की तैयारी में लग गए|
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खूबसूरत साली 1

 यह कहानी है मेरी और मेरी तीन गजबकी खूबसूरत सालीयों की है|

मेरा नाम सुमित है| मैं बैंक मैं नौकरी करता हूँ| मेरी उम्र ३१ साल है| मेरी शादी हो गयी है|
मेरी बिविका नाम आशा है| उसकी उम्र २२ साल है|

मेरी शादी को ४ साल हो गये है| मुझे एक २ साल का लड़का है| उसका नाम सचिन है| मेरा लड़का बडाही नटखट और शरारती है|


मेरी बड़ी साली जो की डॉक्टर हैं| उसका नाम ज्योती है| उम्र २६ साल है| उसकी शादी हो गयी हैं| शादी को एक साल हो गया है| उसके पतिभी डॉक्टरही है| उनका नाम स्वप्निल है|


दुसरी साली जो की अभी इंजीनियरिंग के दूसरे साल मैं पढ़ रही हैं| उसका नाम आरती है| उम्र २० साल है|


तीसरी जो की अभी बारहवी मैं पढ़ रही हैं| उसका नाम प्राप्ती है| उम्र १८ साल है|
आशा दिखने मैं ठीक ठाक है| मेरे कहने का मतलब की उसका बॉडी कलर गेहूआ है| उसकी फिगर है ३२– २८–३२ है|

वैसे तो मैं एक बहुत सीधे किस्म का लड़का हूँ| मैंने उस वक़्त तक किसी भी लड़की की तरफ उस नजरसे नहीं देखा था| लेकिन उस दिन मैं जब आशा को देखने गया तब घरमें आतेही मेरी नज़र आरतीपे पड़ी| उसे देखतेही मैं तो पागल हो गया| बात ही कुछ ऐसी थी की मैं उसे देखता ही रह गया|

हम आशाको देखने उसके घर पोहचे और उनके घरमे जा ही रहे थे की मेरी नज़र उनके गार्डन इसे की और गयी| उनके यहाँ जीतनी जगहमें उनके पिताजी ने घर बनाया उतनीही जगह गार्डन के लिए छोड़ दी थी| उस वक़्त मैंने वहा आरतीको देखा|

कहानी आगे बढाने से पहले मेरी तीनो सालियोंके बारेमे कुछ जानकारी देता हूँ|

जैसे मैंने बताया मेरी पहली साली ज्योती जो एक डॉक्टर हैं उस वक़्त अपने आखरी साल मैं पढ़ रही थी जो की पुणेमें थी| दिखने में गोरी चिट्ठी| कद तक़रीबन ५'२" है| उसकी फिगर आशासे अच्छी है| याने की ३४ - २८ - ३६ है| वैसे उसे पढाई के इलावा कुछ सुझाता भी नहीं| लेकिन उस वक़्त छुट्टी थी तो घर पे आ गयी थी|

मेरी दूसरी साली आरती जो की उस वक़्त बारहवी में पढ़ रही थी| बड़ी नटखट लड़की थी| दिखने में ज्योती से ख़ूबसूरत है| उसका कद ५' है| उसका सही आकर्षित करने वाला भाग याने उसकी फिगर| दोस्तों आप यकींन नहीं करोगे| उसकी फिगर ३८ - ३० - ४० है| जिसपे मैं फ़िदा हूँ|

इस वक़्त हम प्राप्ती के बारे में नहीं देखेंगे क्यों की वो अभी स्कूल में पढ़ रही है| वक़्त आने पर हम उसके बारे में देखेंगे|

क्रमशः
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