Monday 9 March 2015

Ek Shuruwat 4

 बारिश शुरू हो गई थी बारिश एकदम से बहुत तेज शुरू हुई थी पेड़ बड़ा था पर फिर भी पानी हमारे ऊपर आ रहा था मेने सबसे पहले चद्दर समेट कर एक थैली में डाल दी! बारिश में हम दोनों भीगने लगे रीटा ने कहा चल अब तो भीग ही रहे है अब पानी में चलते है और हम दोनों नदी में चले गए क्युकी वो बरसाती नदी थी इसलिए वो ज्यादा गहरी नहीं थी उसका पानी बस हमारे सीने तक ही आ रहा था ऊपर से बारिश हो रही थी हम दोनों ने पानी में मस्ती शुरू कर दी! हम दोनों ने एक दुसरे पर हाथ से पानी फेकना शुरू किया मैं तेज तेज कर रहा था इसलिए यह रीटा को हार की तरह लगा और वो झट से पानी में अन्दर गई और तेर कर मेरे पीछे से निकली और मेरे पैर खीच कर मुझे गिरा दिया और जोर जोर से हसने लगी! मैं भी किधर पीछे रहता मैं भी उसे गिराने की कोशिश करने लगा पर वो संभल रही थी इसी सब में मेरा हाथ उसके बूब्स पर लगा उसका टॉप थोडा सा पतला था इसलिए वो पानी में ऊपर उठ रहा था मैं उसके पीछे गया और उसे पीछे से पकड़ लिया अब मेने उसके सपाट पेट को पकड़ा हुआ था और उसे उठा कर पटक दिया फिर वो मुझे पकड़ कर गिराने लगी इन सब के बिच मैं जानबूझ कर उसके बूब्स और उसकी गांड को भी छू रहा था हम करीबन 20-25 मिनट तक युही मजे करते रहे उसके बाद बारिश रुक गई और धुप निकल गई हम भी नदी से निकल कर बाहर आ गए!


रीटा ने मुझे कहा अब क्या कहेगा घर पर? मैं चुप रहा क्युकी मेरा ध्यान उसके भीगे हुए शरीर पर था उसने सोचा की मैं डर रहा हु तू वो बोली देख धुप तेज है क्यों ना हम अपने कपडे थोड़ी देर के लिए सुखा दे लगभग आधे घंटे में सूख जायेगे बाकि हम बाईक पर जायेगे उस पर सूख जायेगे! मेने उसे कहा और जब तक हम कपडे सुखाये तब तक क्या पहने तेरा सर? इधर कोई कमरा भी नहीं है। रीटा ने कहा क्या फर्क पड़ता है बस हम दोनों ही तो है और आधे घंटे की बात है ज्यादा मत सोच, घर पर दिक्कत हो जाएगी उससे बचने का एक ही रास्ता है। मुझे लगा ये बात तो सही है सो मेने शर्ट उतर दी मैं बनियान नहीं पहनता अब जींस खोलने लगा तभी मुझे ध्यान आया की मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर मैं खुद पे हंसा क्युकी इसी कारण से मेने सुबह ही चड्डी की जगह सिर्फ बॉक्सर पहना था और मेने जींस खोल दी दोनों को सूखने के लिए दीवार पर डाल दिया। अब मैं पलटा और मेरी नज़र रीटा पर गई वो मेरी तरफ पीठ करके कड़ी थी और शायद अपने टॉप के बटन खोल रही थी उसने अपना टॉप उतार दिया मुझे उसकी पीठ नज़र आ रही थी जिस पर सिर्फ पतली डोरी सी थी जो की उसकी ब्रा की थी ये देखते ही मेरा लंड ने बॉक्सर को तम्बू बना दिया। रीटा का ध्यान नहीं था मेरी तरफ वो दूसरी तरफ मुह किये हुए थी तभी उसने अपने हाथ जींस पर रखे मेरे लंड की हरकत ने बता दिया की अब वो जींस उतरने वाली है ........
बारिश शुरू हो गई थी बारिश एकदम से बहुत तेज शुरू हुई थी पेड़ बड़ा था पर फिर भी पानी हमारे ऊपर आ रहा था मेने सबसे पहले चद्दर समेट कर एक थैली में डाल दी! बारिश में हम दोनों भीगने लगे रीटा ने कहा चल अब तो भीग ही रहे है अब पानी में चलते है और हम दोनों नदी में चले गए क्युकी वो बरसाती नदी थी इसलिए वो ज्यादा गहरी नहीं थी उसका पानी बस हमारे सीने तक ही आ रहा था ऊपर से बारिश हो रही थी हम दोनों ने पानी में मस्ती शुरू कर दी! हम दोनों ने एक दुसरे पर हाथ से पानी फेकना शुरू किया मैं तेज तेज कर रहा था इसलिए यह रीटा को हार की तरह लगा और वो झट से पानी में अन्दर गई और तेर कर मेरे पीछे से निकली और मेरे पैर खीच कर मुझे गिरा दिया और जोर जोर से हसने लगी! मैं भी किधर पीछे रहता मैं भी उसे गिराने की कोशिश करने लगा पर वो संभल रही थी इसी सब में मेरा हाथ उसके बूब्स पर लगा उसका टॉप थोडा सा पतला था इसलिए वो पानी में ऊपर उठ रहा था मैं उसके पीछे गया और उसे पीछे से पकड़ लिया अब मेने उसके सपाट पेट को पकड़ा हुआ था और उसे उठा कर पटक दिया फिर वो मुझे पकड़ कर गिराने लगी इन सब के बिच मैं जानबूझ कर उसके बूब्स और उसकी गांड को भी छू रहा था हम करीबन 20-25 मिनट तक युही मजे करते रहे उसके बाद बारिश रुक गई और धुप निकल गई हम भी नदी से निकल कर बाहर आ गए!


रीटा ने मुझे कहा अब क्या कहेगा घर पर? मैं चुप रहा क्युकी मेरा ध्यान उसके भीगे हुए शरीर पर था उसने सोचा की मैं डर रहा हु तू वो बोली देख धुप तेज है क्यों ना हम अपने कपडे थोड़ी देर के लिए सुखा दे लगभग आधे घंटे में सूख जायेगे बाकि हम बाईक पर जायेगे उस पर सूख जायेगे! मेने उसे कहा और जब तक हम कपडे सुखाये तब तक क्या पहने तेरा सर? इधर कोई कमरा भी नहीं है। रीटा ने कहा क्या फर्क पड़ता है बस हम दोनों ही तो है और आधे घंटे की बात है ज्यादा मत सोच, घर पर दिक्कत हो जाएगी उससे बचने का एक ही रास्ता है। मुझे लगा ये बात तो सही है सो मेने शर्ट उतर दी मैं बनियान नहीं पहनता अब जींस खोलने लगा तभी मुझे ध्यान आया की मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर मैं खुद पे हंसा क्युकी इसी कारण से मेने सुबह ही चड्डी की जगह सिर्फ बॉक्सर पहना था और मेने जींस खोल दी दोनों को सूखने के लिए दीवार पर डाल दिया। अब मैं पलटा और मेरी नज़र रीटा पर गई वो मेरी तरफ पीठ करके कड़ी थी और शायद अपने टॉप के बटन खोल रही थी उसने अपना टॉप उतार दिया मुझे उसकी पीठ नज़र आ रही थी जिस पर सिर्फ पतली डोरी सी थी जो की उसकी ब्रा की थी ये देखते ही मेरा लंड ने बॉक्सर को तम्बू बना दिया। रीटा का ध्यान नहीं था मेरी तरफ वो दूसरी तरफ मुह किये हुए थी तभी उसने अपने हाथ जींस पर रखे मेरे लंड की हरकत ने बता दिया की अब वो जींस उतरने वाली है!.....

रीटा ने अपनी टाईट जींस को धीरे धीरे से उतारना शुरू किया उसकी जींस इतनी टाईट थी की उसकी पेंटी भी थोड़ी सी नीचे हो गई मेरा लंड अब मेरे बॉक्सर को बम्बू बन कर तम्बू बना चूका था अब मेरा हाथ अपने लंड को सहला रही थी और नजर रीटा की नंगी होती जवानी को, मेने ऊपर से लंड पकड़ रखा था! रीटा ने जींस उतारना रोका और पेंटी को ऊपर खींचा और फिर से जींस उतारने लगी जैसी ही उसकी जींस जांघो तक आई मेरी आँखे फटी रह गई उसकी पेंटी नेट वाली थी जिस पर एक फूल था जो उसकी गांड के छेड़ को छुपा रहा था बाकि उसके रसीले पिछवाड़े नजर आ रहे थे, वो जींस को उतारने के लिए निचे झुकी और मेने बॉक्सर में हाथ डालकर लंड हिलाना शुरू कर दिया! तभी वो एक दम से पलटी और उसने मुझे मुठ मारते देखा और बोली : कमीने हरामी मैं तेरी बहन हु। ये सुन कर मैं होश में आया और मेरा लंड जोश खोने लगा मुझे लगा की वो बुरा मान गई है। तभी वो हंसी और बोली : मैं समझती हु तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं और पहली बार किसी लड़की को देख रहा है चल मार ले मुठ मुझे देख कर। यह सुनते ही मेरे लंड में फिर से जोश भर गया और मैं उसके पास गया और घुटने के बल बैठ गया और उसकी पेंटी में से गांड और चूत देखने लगा मैं आपको बता दू उसने नेट वाली पेंटी पहनी थी जो की बहु छोटी थी उस पर आगे की तरफ एक कपडा था जो उसकी चूत को छुपा रहा था और वो सिर्फ उसकी चूत को कवर करते हुए पीछे भी उतने ही हिस्से मे थी यानि उसके चुतड पेंटी से बहार थे मैं उनको आँखे फाड़ के देख रहा था तभी वो बोली : ऐसे क्या देख रहा है खा जायेगा क्या और हसने लगी फिर बोली चल तू क्या याद रखेगा चल छू ले पर सिर्फ पीछे से आगे छूने की कोशिश की तो मैं कभी तुझसे बात नहीं करुगी मेने बिना कुछ बोले अपना हाथ उसके चुतड पे रख दिया और उनको सहलाने लगा उन पर अपने हाथ फिरने लगा और फिर अपना मुह उसके चुतद पे लगा दिया

उसके मुह से एक सिसकारी निकली और उसके पुरे बदन में एक हरारत हुई मैं अपने काम पे लगा हुआ था तभी मेने अपना हाथ को पेंटी में डाला तो उसने अपने चुतड पीछे की तरफ कर दिए मैं समझ गया अब उसको मजे आने लगे है और वो बहक रही है मेने जैसे ही अपनी ऊँगली को उसकी गांड में डालने लगा वो जोर से चीखी और दूर खिसक गई! वो बोली: तुझे मना किया था मेरी गांड में क्या कर रहा था अगर तुझे छूना है तो ठीक वरना दूर रह मुझसे।
अब मैं पीछे नहीं हटने वाला था मैं जानता था की अगर अभी नहीं तो कभी नहीं, मुझे अपनी गलती का भी अहसास था की वो गांड मरवाने के लिए तैयार नहीं है और अब हर काम उसकी रजामंदी से और सोच कर करना था। मेने उसे सॉरी बोला और सॉरी के बहाने उसके गालो को चूमने लगा वो बोली ओके अब छोड़ मुझे मेने कहा एक बार और प्लीज उसने कहा ओके। मैं उसके चहरे से अपना मुह सिर्फ 1 इंच पीछे किया और धीरे से निचे बैठने लगा मेरी सासे उसके बदन पर पद रही थी जो उसे उत्तेजित कर रही थी मैं जैसे ही उसके बूब्स पे पंहुचा मुझे बूब पर वो लिखा हुआ याद आ गया जो की नाम मात्र का बहार दिख रहा था मेने अपना हाथ उसके बूब पर रखा और पुचा तूने बूब्स पे टैटू बनवाया है उसने कहा नहीं मेने झट से उसके बूब को बहार निकल लिया और कहा ये क्या है उसने कहा ये तो मेने पेन से लिखा था मेने कहा मुझे तो ये टैटू ही लगा रहा है, वो बोली: नहीं ये मिट सकता है मैं तो बस इसी का इन्तेजार कर रहा था और उसके बूब को निप्पल से पकड़ कर खींचा और दुसरे हाथ से मिटने लगा और वो मेरी इस हरकत से फिर से उतेज्जित हो गई कुछ देर बाद मेने कहा ये ऐसे नहीं उतरेगा और उसके बूब को मुह में भर लिया जैसे की मैं उसे गिला कर के मिटा रहा हु अब मेने अपनी जीभ को उसके बूब पर फिरना शुरू किया तो उसने जोर जोर से सिस्कारिया लेने शुरु कर दी और अपने हाथ से मुझे अपने बूब पर दबाने लगी मुझे समझ आ गया की वो बहक चुकी है तो मेने एक निप्पल को चूसने शुरू कर दिया और दुसरे बूब के निप्पल को हाथ से निचोड़ने लगा। फिर उसने ही अपने हाथ पीछे करके अपना ब्रा खोल दिया ताकि मुझे दिक्कत ना हो।

मेने अब आगे बढने की सोची और एक हाथ जो खाली था उसे उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत पर रखा वो झट से पीछे हो गई, मुझे लगा गई भेंस पानी में शायद फिर से जल्दी कर दी और अब कुछ हाथ नहीं आएगा। वो बोली : हरामी कमीने स्सरे मजे खुद ही ले ले, चल निकाल अपना लंड और मुझे होठो पर जोर जोर से चूमने लगी क्या मजा आ रहा था मैं उसके चुतड और बूब को हाथो से मसल रहा था करीब 5-10 मिनट बाद हम अलग हुए वो झट से मेरे लंड पर टूट पड़ी और उसे कैद से आजाद कर के मुह में ले लिया और चूसने लगी ये आज तक की सबसे बहतरीन फीलिंग थी। थोड़ी देर में मैं उसके मुह में ही छुट गया उसका मुह मेरे वीर्य से भर गया और वो उसे मजे से पी गई फिर उसने अपनी पेंटी उतारी तो मेने देखा उसकी चूत बिलकुल साफ़ थी रात की तरह झाते नहीं थी वो बोली चल चूस मैं आज्ञाकरी की तरह उसके पैर में बैठ कर उसकी चूत चाटने लगा वो बहुत जोर से चिलाने लगी : हाँ ऐसे ही चूस ले कामिनी बहुत दिन से आग लगी है आज ठंडी कर देना मुझे। मेरा लंड जो अभी उसने झाड़ा था फिर से सर उठा चूका था वो भी जल्द ही झड गई अब मेने उसे लेता दिया और उसे छोड़ने के लिए उसपे चड़ने लगा। पर मेरी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था कोई लोगो की आवाज आने लगी यह सुन कर वो झट से उठ गई क्युकी दीवार तीन तरफ ही, वो झट से अपने कपडे उठा कर पेड़ के पीछे चली गई और कपडे पहनने लगी। मेने देखा की कुछ लोग नदी के पार आकर कुछ करने लगे और मैं उनके जाने का इंतज़ार करने लगा पर वो उधर ही बैठ कर ताश खेलने लगे। मैंने भी अपने कपडे पहने और उनको गाली देने लगा मैं जैसे ही पेड़ के पीछे गया उसने मुझे चूमा और बोली चल गुस्सा मत कर फिर कभी कर लेना, देख ये जगह ठीक नहीं है। मैं खुश हो गया की चलो वो तैयार है चुदाने के लिए और हम फिर से घर के लिए निकल पड़े।
घर के रस्ते में रीटा मुझसे चिपक कर बैठी रही उसके हाथ मेरे लंड को सहला रहे थे जैसे ही घर पहुचे पापा गेट पर हमारा इंतज़ार कर रहे थे। पापा ने मुझे कहा : किधर रह गए तुम और मोबाइल क्यों नहीं उठा रहा था मेरा? मेने कहा सॉरी पापा मोबाइल इसके बैग में रख दिया था तो आवाज सुनाई नहीं दी। पापा ने कहा: चलो दोनों जल्दी से अपना सामान पैक करो तुम दोनों को अभी 8 बजे प्लेन से मुंबई जाना है। मैं और रीटा दोनों हैरान थे और एक दुसरे को देख रहे थे तभी पापा ने कहा : अबू धाबी से मोसा जी का फ़ोन आया था कल इसका इंटरव्यू है तो मेने तुम दोनों का इन्तेजाम कर दिया है तुम रात को 10 - 10.30 बजे मुंबई होगे उधर ही कोई होटल ले लेना और सुबह इसको कॉलेज में इंटरव्यू दिला देना। मेने कहा ठीक है और अन्दर आकर सामन पैक करने लगा। रात को पापा ने हमे प्लेन में बैठा दिया। मैं थोडा सा उदास था ये देख कर रीटा ने पूछा क्या हुआ मैं बोला आज तो दिन ही ख़राब है सारे प्लान ख़राब हो गए पहले फार्म पे इतना अच्छा मौका था वो निकला अब ये सब। इस पर रीटा ने मुझे कहा: तू पागल है मेरे भाई फार्म पर जो हम कर रहे थे वो तो हम कभी भी कर सकते है जब मौका मिले तब और ये तो अच्छा है ना अब हम 3-4 दिन अकेले रहेगे तो रोज रात को मजे करेगे बिना किसी की रोक टोक के और तू है की मुह लटका रहा है। मेने कहा पर मैं तेरे साथ ट्रेन में जाना चाहता था क्युकी मेने ट्रेन सेक्स की बहुत कहानी पड़ी है मैं भी वही करना चाहता था। वो बोली उधर कोई आता ही नहीं जैसे, चल अब छोड़ उन बातो को।

हम मुंबई पहुचे और पास ही मैं एक होटल ले लिया कमरे में जाते ही मेने रीटा को पकड़ लिया और उस पर टूट पड़ा। रीता ने कहा: जानू पहले खाना आर्डर कर दे फिर हमे कोई तंग नहीं करेगा मैं जल्दी से उठा और एक तंदूरी चिकन और दाल नान का आर्डर दे दिया, तभी रीटा ने मुझसे फ़ोन लिया और लेमन पाई और एक वोडका का आर्डर दे दिया और मुझे बोली आज तुझे मैं ट्रेनिंग देती हु और मेरे होठो पर चूम लिया। फिर टीवी देखने लग गई मैं जैसे ही उसके पास पंहुचा तो बोली अभी वेटर आ जाये उसके बाद मेरी जान। उसके मुह से जान और जानू शब्द सुन कर मैं अपना कण्ट्रोल खो र

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