Monday 9 March 2015

Ek Shuruwat 5

करीबन आधे घंटे में खाना आया और जैसे ही वेटर गया रीटा ने मुझ पर झपटा मारा और मेरे होठो को ऐसे चूसने लगी जैसे काट कर खा ही खाएगी। उसने अपने स्सरे कपडे उतार के फेंक दिए अब वो मेरे सामने मादरजात नंगी कड़ी थी अब मैं उस पर भूखे भेदिये सा चढ़ गया मेने उसके उसके बूब्स को मुह में लेकर काटना और चुसना शुरू कर दिया और उसके मुह से सिस्कारिया निकलने लगी। मेने अपनी उंगली जैसी ही उसकी चूत में डाली उसके मुह से अजीब सी आवाजे निकलने लगी और वो मुझे धक्का दे कर बेड पर लेट गई और अपनी टाँगे फेला दी और मुझे अपनी चूत की और इशारा कर के बुलाने लगी मैं झट से उसकी चूत को अपनी जीभ से छोड़ने लगा, कभी कभी मैं उसकी चूत के फूल को काट भी लेता। रीटा के मुह से उह्ह आह्ह्ह और तेज बहनचोद फाड़ दे मेरी, पूरा पानी चूस ले उह्ह्ह अहह उह्ह्ह निकल रही थी करीबन 5 मिनट बाद उसने पानी छोड़ दिया, मुझे उसका पानी खारा लगा और जैसे ही मैं हटने लगा उसने मेरा सर पकड़ के अपनी चूत पर टिका दिया और मुझे उसका सारा पानी पीना पड़ा वो बोली : भडवे ये तेरे पिने के लिए है अमृत छोड़ के किधर जा रहा है जैसे ही मैं उसकी चूत पर से हटा उसने मुझे निचे पटक दिया और मुझ पर सवार हो गई और मेरे लंड को लोलीपोप की तरह से चूसने लगी कभी कभी वो मेरे कंचो को भी मुह में भर के चूसती मुझे ऐसा लग रहा था की बस वो मुझे पूरा ही चूस जायेगी और मैं भी जल्दी झड गया वो मेरा सारा वीर्य पी गई फिर अपनी जीभ से मेरा लंड साफ़ कर दिया। मेने जैसे ही कंडोम की तरफ हाथ बढ़ाया उसने कहा मादरचोद सारी रात क्या गांड मरवानी है चल उठ और कुछ खाते है।

मेने प्लेट में खाना डाला और उसने वोडका के पेग बना लिए हमने एक एक जाम उठाया और चियर्स किया मैं जैसे ही पिने लगा उसने कहा ऐसे तो अपने दोस्तों के साथ पीना आज मैं तुझे दुसरे तरीके से पीना सिखाती हु। उसने एक घूंट अपने मुह में लिया और फिर अपने होठ मेरे होठो से मिला दिए मुझे सारी वोडका पिला दी मैं आपको बता नहीं सकता कितनी नशीली थी वो वोडका। हमने वो जाम ऐसे ही एक दुसरे को पिलाया फिर उसने मुझे पीठ को दिवार पे टिका कर थोडा सा टेडा कर दिया अब मेरे सीने पर धीरे से वोडका डाली जो पेट से बहती हुई मेरे लंड से टपकने लगी और वो मेरा लंड मुह में लेकर वोडका और मेरे लंड का मजा साथ में लेने लगी। फिर मेने भी ऐसे ही किया उसके बाद मेने पेस्ट्री उठाई और उसके पुरे बदन पर मल दी फिर उसके पूरे शरीर को चाटने लगा। वो बोली : बहनचोद बड़ी जल्दी सीख गया। जब मेने पूरा बदन चाट लिया तो वो बोली मुझे पूरा चिपचिपा कर दिया, मेने उसे उठाया अब वो मेरी गोद में थी मेने उसे बाथरूम में टब में डाल दिया और उसके शरीर पे साबुन मलने लगा फिर फिर वो कड़ी हो गई मेने अपने हाथो में साबुन लगाया और उसकी चूत साफ़ करने लगा वो बोली ये हाथ से नहीं ( मेरा लंड पकड़ कर ) इस साब से साफ़ होगी मेने झट से सारा साबुन लंड पर मला और घुसेड दिया। रीटा के मुह से एक जोरदार चीख निकली और वो मुझसे लिपट गई। मेने उसे कहा: रंडी चीख तो ऐसे रही जैसे पहली बार चुद रही हो? वो बोली : मादरचोद खड़े होकर पहली बार चुदवा रही हु और तूने इतनी तेज डाला की चीख निकल गई। उसकी बात सुन कर मैं जोश में आ गया और उसे जोरदार धक्के मरने लगा वो तेज तेज उह्ह्ह अह्ह्ह हननं उह्ह्ह मजा आ गया उह्ह्ह्ह वहहह उह्ह्ह्ह और तेज उह्ह्ह्ह करने लगी। मैं दस मिनट तक लगा रहा वो इस बीच में दो बार झड गई। फिर उसने कहा लेट कर करते है ना पैर में दर्द हो रहा है। मैं बोला: अब चाहे यमराज भी आ जाये जब तक छुट नहीं जाता लंड तेरी चूत से बहार नहीं निकलने वाला। इतना बोलते ही वो मुझसे लिपट गई और पेरो को मेरे पेरो पर लपेट लिया और बोली: अब तो चल मेरे चोदु राजा। मेने अपने दोनों हाथो से उसकी गांड की दोनों फांको को पकड़ा और एक उंगली उसकी गांड के छेद पर टिका दी और बाहर आने लगा। मैं जैसे ही चलता वो फिसलती और मेरा लंड बहार आने को होता मैं अपनी ऊँगली गांड में डाल देता वो झटका खा के उछलती और मेरे लंड को अपनी चूत में घुसा लेती ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं कोई 10 कदम चला था वैसे और कम से कम 8 बार मेने यु किया था। बहार आते ही मैं उसे कालीन पर ले कर लेट गया और खूब चोदा। वो भी अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ दे रही थी मेरा मुह उसके बोबो से भरा हुआ था जिन्हें मैं धीरे से काट रहा था। 2 मिनट बाद मैं फारिग होने वाला था सो मेरा शरीर अकड़ने लगा। मैं उसके बोबे जोर से काटने लगा वो चीख भी रही और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून भी चुभा रही थी अगले ही मिनट में हम दोनों एक साथ झड गए। हम जैसे ही एक दुसरे अलग हुए फिर एक दुसरे के चिपक गए और एक दुसरे के होठ चूसने लगे। पूरा कमरा एक अजीब सी पर मदहोश करने वाली खुशबु से महक रहा था।

रात को हम दोनों नंगे ही सो गए। सुबह जब मैं जागा तो रीटा मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी मेरा एक हाथ उसके बूब के ऊपर था और उसकी गांड मेरे सोये हुए लंड से कुछ इंच दूर थी उसकी गांड देखते ही लंड अपनी औकात पर आ गया और मैं भी मेने उसके बूब को दबाना और मसलना शुरू किया और अपने लंड को उसकी गांड पर घिसने लगा। वो भी मेरी हरकत से जाग गई और उसे जैसे ही मेरे लैंड का अहसास हुआ वो मुझसे छिटक कर दूर हो गई। वो मुझ पर चिल्लाई : बहनचोद पता नहीं गांड में क्या मिलता है तुम सब हरामियो को? मैं यह सुन कर मुस्कुरा दिया और मेने पूछा : सति सावित्री जी आप क्यों गांड बचा रही हो, हम हरामियो के बिना आपका गुजरा भी नहीं होता और हमारा गांड के बिना तो हमे गांड दे दो और मजे लूटो। वो कुछ नहीं बोली और खड़ी होकर बाथ गोऊन पहन लिया जो सिर्फ आगे से एक डोरी से बंधता था। वो उसी में बालकनी में चली गई मैं भी बॉक्सर पहन कर उसके पास गया और उसे पीछे से पकड़ लिया और अपना लंड उसकी गांड पर लगा दिया बस अबकी बार घिसा नहीं और उसके बूब्स को हाथो से मसलने लगा। मेने उसे कहा : जानेमन नाराज हो गई क्या? वो बोली : मुझे गांड मरवाने से डर लगता है क्युकी मेरी एक दोस्त ने गांड मरवा ली थी तो दो दिन तक सीधी चल भी नहीं पायी थी और उसकी मम्मी को शक हो गया और वो पकड़ी गयी, कुछ ही महीनो में उसकी शादी हो गई और ये मैं नहीं चाहती। मेने उसे कहा : तुम अभी तो मरवा सकती हो क्युकी हमारे सिवा कोई और नहीं है और दो दिन कम से कम हमे यही रुकना है। वो पलट कर बोली : गांड मारे बिना नहीं मानेगा पर एक शर्त है मेने कहा क्या? तो वो बोली : मुझे एक बिकनी पसंद आई थी पर वो 3500/- हजार की थी तो मैं नहीं ले पाई वही दिला दे। मेने कहा ठीक है और उसकी गांड पर हाथ रख दिए वो फिर मुझसे दूर होकर बोली पहले कॉलेज चल और फिर बिकनी दिला उसके बाद।

हम दोनों कॉलेज गए उसका एडमिशन एक दिन में ही हो गया। वो घर पर कॉल करने लगी मेने उसे रोक दिया और कहा गांड मरवानी बाकि है मेरी जान वो मुस्कुरा दी। फिर हम एक मॉल में गए और उसने अपनी पसंद की बिकनी ले ली मेने पैसे दे दिए। वो बोली : अब घर पे क्या कहेगा? मेने कहा : कहना क्या है मम्मी ने कहा था की दो रूम लेना तो उसके पैसे काम आ गए।

हम होटल में आये और वो सीधे बाथरूम में घुस गई और जब वो बाहर निकली वो किसी भी मॉडल से ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही थी। मैं उस पर भूखे शेर की तरह झपट पड़ा और उसको चूमने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी। मेने उसके दोनों बूब्स को रगड़ना शुरू कर दिया। उसने मेरी शर्ट के बटन तोड़ दिए और झुक कर मेरे सीने को चूमने लगी और मेरी निप्पल को दांतों से काटने लगी। मेने अपने हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा उतार दी और उसे घुमा दिया। मैं उसकी गांड पर अपना लंड रगड़ना लगा। हमारे बीच में उसकी पेंटी और मेंरी पेंट थी पर हम दोनों एक दुसरे को फील कर रहे थे। उसने मेरी पेंट उतार दी मेने चड्डी नहीं पहनी थी उसने मेरा लंड पकड़ा और मुझे बाथरूम में ले गई। उसने बाथटब पहले से ही तैयार करा हुआ था वो उसमे चली गई। होटल में बाथटब ना होकर एक छोटे से पूल की तरह था जिसमे दो तीन लोग आराम से मजे कर सकते थे। हम दोनों बाथटब में थे और एक दुसरे के जिस्म को आपस में रगड़ रहे थे तभी मेरा लंड उसकी पेंटी में फस गया मेने झट से उसकी पेंटी उतार दी और उसकी गांड में लैंड घुसाने लगा उसने मुझे रोका और कहा : पहले गांड में अच्छी तरह से साबुन लगा दे ताकि मुझे कम दर्द हो। मेने हाथ में साबुन लेकर उसकी गांड के फूल पे मसलने लगा और फिर उंगली से धीरे धीरे गांड के अन्दर भी। उसने भी हाथ में तेल लेकर मेरे लंड पर लगा दिया। थोड़ी देर में वो मुझसे थोड़ी दूर हुई औए दिवार के सहारे गई और झट से निचे झुक गई। अब उसकी गांड मेरे सामने थी मेने भी आव देखा ना ताव और उसकी कमर को कास के पकड़ कर अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और एक झटका दिया। मेरा लौड़ा आधा उसकी गांड में था और उसकी एक जोर दार चीख निकली जिसे उसने जल्दी से रोक लिया। वो बोली: बहुत दर्द हो रहा है निकाल ले। मेने कहा अब तो जितना दर्द तुझे सहना था सह लिया अब मजे ले। मेने देखा उसकी गांड से खून निकल रहा था पर मेने उसकी गांड मारनी चालू रखी। जल्द ही उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी अपनी कमर को हिला कर। जल्द ही मैं उसकी कसी हुई गांड में झड गया और अपना लंड निकाला मेरा लंड उसके खून से लाल था और बहुत तेज दर्द कर रहा था। उसकी भी हालत बुरी थी हम दोनों जैसे तैसे बिस्तर तक पहुचे और सो गए। रात को करीब 10 बजे मेरी आँख खुली मेने उसका हाल पुछा तो वो बोली : चलने में दर्द हो रहा है मेने कहा तू आराम कर मैं खाना लेकर आता हु। हम दोनों ने खाना खाया और फिर सो गए। अगली सुबह भी उसको दर्द था पर जिसके कारण हम दोनों उस ट्रिप पर फिर से सेक्स नहीं कर सके।

रीटा अब मुंबई में ही थी। मेने कुछ महीनो के बाद उससे मिलने का प्रोग्राम बनाया और मुंबई पहुच गया। मैं जैसे ही उसके घर पंहुचा तो मैं आवाक रह गया उधर मेरी मामा की लड़की नेहा आई हुई थी वो हम दोनों से 2 साल बड़ी थी और वो इतनी सुन्दर थी की मुर्दा भी उसको चोदने के लिए जिन्दा हो जाये। मैं तो कब से उसे चोदना चाहता था पर वो बड़ी थी और कोई मौका भी नहीं मिला था। मैं तो ये सोच कर गया था की जाते ही रीता की एक बज्जी ले कर रहूगा। मैं पूरी तरह से तैयार था पर नेहा को देखते ही सारा फितूर उतर गया और मैं अन्दर गया। मैं आप सब को बताना भूल गया की रीता एक फ्लैट किराये पर ले कर रह रही थी और उसके साथ उसकी 1 सहेली और थी जो कुछ दिनों के लिए घर गयी थी इसलिए ही मैं मुंबई आ गया था मजे करने ......... पर अपने नसीब में मजे नहीं थे।
मैं अन्दर गया और नेहा से बोला : रीटा किधर गई है और तुम कब आई?
उसने मुझे बताया की वो आज सुबह ही आई है और रीटा अपनी किसी सहेली को छोड़ने गई है। मैं समझ गया की वो अपनी रूममेट को ही छोड़ने गई होगी।
मैं : नेहा, तुम कितने दिन के लिए आई हो तो उसने कहा मैं 15-20 दिन मुंबई में रुकने वाली हु। अब मेरी बची खुची उम्मीद भी टूट गई और मेरा चेहरा उतर गया पर नेहा की बात जारी थी।
नेहा :- मुझे मुंबई में ऑफिस का काम है इसलिए इधर आई हु और शायद मुझे कल ही ऑफिस की तरफ से गेस्ट हाउस मिल जाए।
यह सुनते ही मेरे लंड ने फिर से सपने सजाने शुरू कर दिए थे तभी रीटा घर में आई और मेरे गले लग गई। हम दोनों कई महीनो के बाद मिले थे और इस बार के लिए दोनों ने ही कई सारे प्लान बनाये थे और दोनों ही जानते थे की नेहा के रहते ये पुरे नहीं हो सकते। वो जल्दी से मुझसे अलग हो गई पर मैं नहीं होना चाह रहा था। तभी नेहा का फ़ोन बजा और वो दुसरे कमरे में चली गई। उसके जाते ही मेने रीटा से पूछा
मैं : तूने मुझे इसके बारे में क्यों नहीं बताया ?
रीटा : मुझे भी किधर पता था वो आज सुबह ही बिना बताये आ गई मैं भी क्या करती और तुम भी तब ट्रेन में थे तो बताना या ना बताना बराबर था।
मैं : इसने सारे प्लान पर पानी फेर दिया और अब अगली बार तो जल्दी से भी आने की इजाजत नहीं मिलनी। यह कहते हुए मेरा मुह उतर गया।
रीटा : मेरा भी तेरे जैसा हाल है, मुझे भी इधर कोई अच्छा लड़का नहीं मिला और मुझे भी उतनी ही लगी है जितनी तुझे।
तभी नेहा कमरे से बहार आती है,
नेहा : क्या बात कर रहे हो गुपचुप में,
मैं : कुछ नहीं मैं इसे बता रहा था की तुम तो शायद कल ऑफिस के गेस्ट हाउस में चली जाओगी।
नेहा : अरे मेरे प्यारे भाई, मैं कही नहीं जा रही यही रुकुगी तुम दोनों के पास मेने ऑफिस वालो को मना कर दिया (अब मेरी और रीटा की हालत हिरोशिमा और नागासाकी जैसी हो गई बम गिरने के बाद वाली). और तो और मेरा टाइम भी रीटा के कॉलेज टाइम के बराबर है मैं इसको अपने साथ ही कैब में ले भी जाऊगी और फिर वापसी में भी।

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